Overview: टेढ़ी हैं पर मेरी हैं फिल्म की एटली और पृथ्वीराज सुकुमारन ने की तारीफ
हाल ही में अनाउंस हुई फिल्म 'टेढ़ी हैं पर मेरी हैं' के पोस्टर पर डायरेक्टर एटली, सुभाष घई और पृथ्वीराज सुकुमारन ने प्यार बरसाया है।
Tedhi Hai Ye Meri Hai Film: भारतीय सिनेमा में जब भी कोई नई फिल्म दस्तक देती है, तो अक्सर उसका शोर उसके स्टारडम से तय होता है। लेकिन हाल ही में अनाउंस हुई फिल्म ‘टेढ़ी हैं पर मेरी हैं‘ के साथ कुछ अलग ही घट रहा है। फिल्म का अभी सिर्फ टाइटल और पोस्टर ही सामने आया है, मगर इसे फिल्म जगत के उन दिग्गजों का साथ मिल गया है जिनकी एक मुस्कान भी किसी प्रोजेक्ट के लिए ‘ब्लॉकबस्टर’ मुहर जैसी होती है। यह फिल्म न केवल अपनी फ्रेश जोड़ी यानी जितेंद्र कुमार और महवश की वजह से चर्चा में है, बल्कि इसे मिल रही शुरुआती प्रतिक्रियाएं इसे साल की सबसे मचअवेटेड रोमांटिक-कॉमेडी बना रही हैं।
डायरेक्टर एटली ने किया टेढ़ी हैं पर मेरी हैं का सपोर्ट
सबसे चौंकाने वाला और सुखद समर्थन मिला है मास्टर डायरेक्टर एटली की तरफ से। ‘जवान’ जैसी एक्शन फिल्म के जरिए बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करने वाले एटली ने जब इस छोटी और प्यारी सी दिखने वाली फिल्म के टाइटल को ‘सुपर्ब’ कहा, तो गलियारों में हलचल मच गई। एटली का इंस्टाग्राम पर टीम को ‘कूडोस’ कहना इस बात का प्रमाण है कि फिल्म का आइडिया और इसकी वाइब आज के दौर के सबसे सफल फिल्ममेकर्स को भी अपनी ओर खींच रही है।
सुभाष घई ने फिल्म को कहा प्रॉमिसिंग
सिर्फ नई पीढ़ी ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड के असली शोमैन सुभाष घई ने भी इस प्रोजेक्ट पर अपना हाथ रखा है। घई, जिन्होंने दशकों तक हिंदी सिनेमा को भव्यता और भावनाओं का पाठ पढ़ाया है, उन्होंने फिल्म को प्रॉमिसिंग बताया है। जब एक दिग्गज फिल्ममेकर किसी नए प्रोडक्शन को अपना आशीर्वाद देता है, तो समझ लीजिए कि उस कहानी की जड़ों में कुछ तो खास है।
पृथ्वीराज सुकुमारन ने बढ़ाया टीम को बधाई
वहीं, दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार और वर्सेटाइल अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन ने भी इस फिल्म की टीम का हौसला बढ़ाया है। उन्होंने खासतौर पर प्रोड्यूसर्स विशाल त्यागी और ईशान वर्मा को उनके पहले प्रोडक्शन वेंचर के लिए बधाई दी। पृथ्वीराज जैसे मंझे हुए कलाकार का समर्थन यह दर्शाता है कि यह फिल्म केवल उत्तर भारत तक सीमित नहीं रहने वाली, बल्कि इसकी अपील राष्ट्रीय स्तर की हो सकती है।
खास है टेढ़ी हैं पर मेरी हैं की कहानी
तकनीकी मोर्चे पर बात करें तो, जयेश प्रधान के निर्देशन में बन रही इस फिल्म की जान इसकी स्क्रिप्ट मानी जा रही है, जिसे प्रदीप सिंह ने बुना है। कुरी स्टूडियो और शैशा मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बन रही इस फिल्म का टाइटल ‘टेढ़ी हैं पर मेरी हैं’ अपने आप में ही उस परफेक्टली इमपरफेक्ट प्यार की कहानी बयां करता है, जिसे आज की युवा पीढ़ी पर्दे पर देखना चाहती है।
ह्यूमर और रोमांस का मिलेगा बैलेंस
कुल मिलाकर, यह फिल्म एक ऐसी हल्की-फुल्की और दिल को छू लेने वाली सौगात लग रही है, जो ह्यूमर और रोमांस के बीच के संतुलन को फिर से परिभाषित करेगी। जिस फिल्म को एटली, सुभाष घई और पृथ्वीराज सुकुमारन जैसे दिग्गजों का ‘ग्रीन सिग्नल’ मिल चुका हो, उसकी चमक यकीनन थिएटरों में देखने लायक होगी। जितेंद्र कुमार की एक्टिंग और महवश की फ्रेशनेस इस ‘टेढ़ी’ मगर अपनी सी लगने वाली कहानी को कितना यादगार बनाती है, यह देखना वाकई दिलचस्प होगा।
