Instagram par Ishq Vishq
Instagram par Ishq Vishq

Hindi Love Story: अभी-अभी नया-नया इंस्टाग्राम ऐप्स ज्वाइन किया था। अपनी कुछ कविताएं, शायरियां पोस्ट की साथ ही अपनी कुछ फोटोज भी पोस्ट किया। वैसे कमेंट तो बहुत आते थे लेकिन उस सब में एक ऐसा कमेंट रहता था जो दिल छू जाता था।
लेकिन उस प्यारे से कमेंट करने वाले की प्रोफाइल लाॅक थी। वो मेरा फालोवर्स था। मेरी आदत है। किसी को बिना जाने समझे फ्रेंड रिक्वेस्ट हम नहीं भेजते थे। पर पता नहीं क्यों उसके कमेंट के जरिए हम उसकी ओर खींचें जा रहें थे। अब धीरे धीरे ऐसे दिन भी आ गए थे। कि कुछ इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते तो चाह सबसे पहले उसके कमेंट की होती।
हां उसके कमेंट पर कभी कुछ रिएक्शन नहीं किया। बस पढ़ कर बहुत खुश हो जाते। हमारा ऐसा एक भी पोस्ट बिना उसके कमेंट के नही रहता। उसका कमेन्ट में ऐसा लिखना कि एक ही दिल है कितनी बार जितोगी। पता नहीं यह पढ़ कर क्यों हलचल सी हो जाती थी मैं। हमें ऐसा लगने लगा कि वो हमारे ही पोस्ट का ही इंतजार करता है। एक दिन हमने अपने किसी रिश्तेदार का बच्चे का बर्थडे इंस्टाग्राम पर सेलिब्रेट किया।
स्टोरी में उसके बने कुछ ड्राइंग्स डालें। रोजाना उसके गुड मार्निंग मैसेज से मेरी सुबह बहुत मस्त होती।
उसके मैसेज पढ़कर जो आनंद मिल रहा था शायद वो लफ़्ज़ों में बयां कर पाना मुश्किल था।
लेकिन उस दिन वह हमारी स्टोरी देख वह बच्चे की बहुत तारीफ करने लगा। मैं मिल चुका हूं उससे ये कहने लगा। मन में एक डर ने जन्म लिया।
और अपने आपको एक शाबाशी देते हुए कहा कि अच्छा किया मैंने कि कभी कोई उसके कमेंट पर रियेक्शन नहीं दिया। फर्स्ट टाइम मैंने उसे पूछा आप हमारे परिवार को जानते हो वहां से जवाब आया।

परिवार मैं तुम्हें बचपन से जानता हूं।
बहुत ढूंढने पर मिलीं हो।
मैंने फिर लिखा वो कैसे और ढूंढने पर मिली हो उसका क्या मतलब है।
उसने कहा पागल अभी तक नहीं पहचानी मुझे मैं तेरे बड़े भाई का दोस्त संजय तुम्हारा पड़ोसी।
मेरे याददाश्त बिल्कुल साफ हो गई थी कुछ याद नहीं आ रहा था।
फिर उसने कहा तुम हमारे दुकान आती थी। तुझे देख मैं कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर पाता था।
एक तो तुम मेरे बेस्ट फ्रेंड की बहन
जो थी। बहुत डरता था।उस समय मैं। तुम्हें कभी मार्केट से आते देखता तो कभी बैंक से,कभी स्कूल जाते देखता। तेरी एक झलक के लिए घंटों तेरे घर के सामने अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलता रहता।
हां मैं ये कह सकता हूं कि मैं तुम्हारे कारण अपने पढ़ाई में मन नहीं लगा सका। जिसके कारण मुझे मामा के साथ आर्मी की ट्रेनिंग में भेज दिया गया। वहां भी बस तेरे ही ख्यालों में खोया रहता।अब मैं एक आर्मी आफिसर बन चुका हूं। जब मैं वापस अपने घर आया और तुम्हारी खैर खबर लेना चाहा तो पता चला कि तुम्हारी शादी हो गई है। सुनते ही चोट दिल पर लगी।
तुम बहुत संस्कारी थी कभी किसी को नजर उठाकर नहीं देखा तो जाहिर है मुझे और मेरे एहसासों को कैसे समझती।
मैं तुम्हें अपने हालातों का कभी दोषी नहीं समझा। क्योंकि मेरा दिल आज भी तुम्हारे लिए बिल्कुल वैसे ही धड़कता है।
जैसे पहले धड़का करता था।
तुम्हें हंसता मुस्कुराता देख अपने में एक नई ऊर्जा और ताज़गी का एहसास होता है।

उसका ये सब एक बार में टाइप कर मुझे भेजना मैसेंजर पर उसे पढ़ शायद मुझमें भी कहीं ना कहीं कोई उथल पुथल जरूर हो रही थी।

हम हैं तो बचपन के साथी पर हमारी अभी तक मुलाकात नहीं हुई है। बस इंस्टाग्राम पर एक दूसरे के फोटो को देखा है। एक दूसरे से अब बातें भी हुई तों इस इंस्टाग्राम से ही मैंने हमने एक दूसरे के एहसासों को समझा। उसकी बातों से हमें कब उससे प्यार हुआ कोई ख़बर नहीं हुई।
हम अपने मर्यादा जानते हैं। इसलिए कभी एक दूसरे से मिलने की इच्छा कभी जाहिर नहीं कि। इतने डिजिटल दुनिया में रहते हुए भी हमने कभी एक दूसरे को आज तक विडियो कालिंग भी नहीं की।
 बस हम ऐसे ही रहते हैं।एक दूसरे की फोटोज और पोस्ट देखकर कुछ कहनें का मन होता है तो उसके लिए प्यार भरा स्टोरी लगा देते हैं। जिसे देख वह मैसेज करता है।
और हम फिर ढेर सारी बातें करते हैं।