दिनभर एसी चलाने पर भी नहीं आएगा भारी भरकम बिल, सिर्फ एक डिवाइस बचाएगी खर्च: AC Energy Saving
AC Energy Saving

Overview:

स्टेबलाइजर लगाकर आप काफी हद बिजली के बिल को कंट्रोल कर सकते हैं। साथ ही इससे आपके एसी की लाइफ भी बढ़ जाती है। यह एसी को पोटेंशियल डैमेज से बचाता है।

AC Energy Saving: गर्मी के मौसम में एयर कंडीशनर यानी एसी की ठंडी हवा में समय बिताना हर किसी को पसंद होता है। हालांकि इस दौरान दो टेंशन हर किसी के दिमाग में होती हैं। पहली, बिजली के भारी भरकम बिल की और दूसरी, लाइट के फ्लक्चुएशन के कारण एसी खराब होने की। इन दोनों प्रॉब्लम्स का एक ही सॉल्यूशन है स्टेबलाइजर। स्टेबलाइजर लगाकर आप काफी हद बिजली के बिल को कंट्रोल कर सकते हैं। साथ ही इससे आपके एसी की लाइफ भी बढ़ जाती है। यह एसी को पोटेंशियल डैमेज से बचाता है। कुछ स्टेबलाइजर आपके बड़े काम आ सकते हैं।

AC Energy Saving
First of all, pay attention to the capacity of your AC

सबसे पहले आप अपने एसी की क्षमता यानी टन या वाट पर ध्यान दें। ध्यान रखें स्टेबलाइजर की क्षमता आपके एसी की क्षमता से कम से कम 20% ज्यादा होनी चाहिए। जैसे अगर आपका एसी 1 टन का है तो आपको स्टेबलाइजर कम से कम 1.2 टन की क्षमता वाला लेना चाहिए।

स्टेबलाइजर भी दो तरीके के आते हैं, सर्वो मोटर स्टेबलाइजर और डिजिटल स्टेबलाइजर। सर्वो मोटर स्टेबलाइजर सबसे आम प्रकार का स्टेबलाइजर है। यह एसी को वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से बचाता है। यह सस्ता होता है और इसे इंस्टॉल करना भी बहुत आसान होता है। वहीं डिजिटल स्टेबलाइजर एडवांस होता है। यह ज्यादा सटीक वोल्टेज कंट्रोल करता है। यह सर्वो मोटर स्टेबलाइजर की तुलना में ज्यादा महंगा होता है, लेकिन यह एसी को बेहतर सुरक्षा भी प्रदान करता है।

स्टेबलाइजर का इनपुट वोल्टेज रेंज आपके क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की वोल्टेज रेंज के अनुसार होना चाहिए। आमतौर पर आउटपुट वोल्टेज रेंज 220 वॉट होना चाहिए, जो एसी के लिए स्टैंडर्ड  वोल्टेज है। ध्यान रखें कि स्टेबलाइजर में ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट प्रोटेक्शन होना चाहिए। जिससे कई दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। यह आपके एसी को बिजली के फ्लक्चुएशन से बेहतर तरीके से बचाता भी है।

बाजार में कई ब्रांडों के स्टेबलाइजर उपलब्ध हैं। अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार कॉम्पैक्ट स्टेबलाइजर चुनें। एक अच्छे ब्रांड का स्टेबलाइजर खरीदना बेहतर है। स्टेबलाइजर में हाई और लो वोल्टेज कट ऑफ का ऑप्शन जरूर होना चाहिए। ध्यान रखें स्टेबलाइजर पर कम से कम 1 साल की वारंटी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि यदि स्टेबलाइजर में कोई खराबी होती है तो आप उसे फ्री में बदलवा सकते हैं या ठीक करवा सकते हैं।

एक समय था जब स्टेबलाइजर एक ही डिजाइन और पैटर्न के आते थे। लेकिन आज के समय में  मार्केट में कई पैटर्न, डिजाइन, डिस्प्ले के स्टेबलाइजर आते हैं। इसमें इतने शानदार डिजाइन्स अब उपलब्ध हैं, जिनसे आपके घर की शोभा बढ़ेगी। इसलिए आप हमेशा कॉम्पैक्ट स्टेबलाइजर ही चुनें।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...