Vandana Luthra
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Vandana Luthra : अस्सी के दशक में जब महिलाओं को घर से भी निकलने की आजादी भी नहीं थी ऐसे में कोई महिला अपना व्यापार शुरू करेगी और प्रतिष्ठित उद्योगपति बनेगी, इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। लेकिन जिस किसी को भी कुछ करना होता है, वह अपनी मंजिल को पाकर ही रहता है, फिर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह लड़का है या लड़की। हां, लड़कियों के लिए थोड़ी (कई लड़कियों के लिए मुश्किलें ज्यादा भी होती है) मुश्किल जरूर हो जाती है क्योंकि उन्हें हर राह पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जो हर मुश्किलों से आगे निकलता है वहीं सफल होता है। कुछ ऐसा ही वंदना लूथरा ने किया और अपने ज़िद से हर किसी के सवालों का जवाब देते हुए आगे बढ़ी और मां बनने के बाद भी अपने सपने को पूरा किया। वर्तमान में वंदना लूथरा प्रतिष्ठिट उद्योगपतियों में शामिल है और हाल ही में वीएलसीसी का आईपीओ भी मार्केट में आ चुका है।
वीएलसीसी स्थापित करना, उसे देश की प्रतिष्ठित कंपनी बनाना फिर उसका आईपीओ लाना, यह सब हमने जितनी आसानी से लिख दिया और आपने जितनी आसानी से पढ़ लिया है उससे लाख गुना ज्यादा मुश्किल था इसे सच में तब्दील करना। तो आइए आज जानते हैं उनकी सफलता की पूरी कहानी।

कौन है वंदना लूथरा

वंदना का जन्म 12 जुलाई 1959 को हुआ था लेकिन इन्होंने अपने सपने को आकार 1989 में दिया। वंदना लूथरा सत्तर के दशक की सामान्य महिला थी लेकिन इनके सपने असामान्य थे। शादी से पहले शायद घर का माहौल नहीं मिला और समय से पहले भी शादी हो गई तो अपने सपने को सच नहीं कर पाई। लेकिन जब शादी के बाद मां बन गई तो इनके सपने इन्हें काटने लगे और फिर इन्होंने सोचा अब नहीं तो कभी नहीं। तो फिर इन्होंने अस्सी के दशक में अपने सेविंग से सपने की नींव रखी।

Vandana Luthra
VLCC started in 1989

1989 में हुई वीएलसीसी की शुरुआत

साल 1989 में वंदना ने अपने छोटी सी बचत से दिल्ली में वीएलसीसी की शुरूआत की। उस वक्त VLCC भारत का पहला ‘ट्रांस्फॉर्मेशन सेंटर’ था। उन दिनों देश का वेलनेस मार्केट पहचान ही बना रहा था और फिटनेस व ब्यूटी मिलाकर संपूर्ण वेलनेस एक नए तरह का क्षेत्र था। ‘ट्रांस्फॉर्मेशन सेंटर’ महिलाओं को उनके लुक के हिसाब से मेकओवर करने में मदद करता है और उन्हें स्मार्ट लुक देता है।

सोप ओपेरा जस्सी जैसी कोई नहीं से आया आइडिया

वंदना को यह आइडिया उस समय के हिट सोप ओपेरा ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ से आया। ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ उस समय का सबसे हिट सीरियल था। इसकी एक्ट्रेस ‘मोना सिंह’ अपने लुक की वजह से लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थी। इस सीरियल में ‘मोना सिंह’ के मेकओवर की पूरी लाइफस्टाइल के बारे में दिखाया गया है जो उस समय के हर उम्र के व्यूअर के बीच में काफी लोकप्रिय हो गया था। मेकओवर के जरिये ‘मोना सिंह उर्फ जस्सी’ बहुत साधारण लड़की से काफी ग्लैमरस बन जाती है। इस सीरियल की सबसे अच्छी बात यह थी कि ‘जस्सी’ का यह ट्रांसफोर्मेशन अचानक होने के बजाय हफ्ते दर हफ्ते होता है जो कि काफी रियलिस्टिक लगता है।
वस यहीं से वंदना को भी ट्रांसफोर्मेशन के बिजनेस का नया आइडिया आया और उसने अपनी छोटी सी बचत से वीएलसीसी की नींव रखी।

Vandana Luthra
The idea came from the soap opera Jassi Jaisi Koi Nahin

टीवी से समझीं महिलाओं के दिल की बात

पहले की महिलाएं अपने आपको किचन में ही समेट कर रखती थीं और अपने लुक पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी। ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ से महिलाओं ने अपनी तरफ ध्यान देना शुरू किया और उनमें भी ग्लैमरस बनने की चाह उठी। जिसके लिए महिलाएं घर से बाहर निकलने लगीं। यह सीरियल उस समय की हर लड़की के लिए टर्निंग प्वाइंट था और अब घर-घर में ब्यूटी पार्लर खुलने लगे और महिलाएं अपने आपको समय देने लगीं। पहले वे अपने सामान्य लुक को लेकर उतनी उत्साहित नहीं रहती थी और खुद को समय भी नहीं देती थी। लेकिन अब महिलाओं ने अपने आपको समय देना शुरू किया जिससे ब्यूटी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिला और नए बिजनेस के लिए नए आयाम खुले।

सबसे पहले की इसकी पढ़ाई

घर-घर खुलने वाले ब्यूटी पार्लर की लिमिटेशन वंदना जानती थी इसलिए इस बिजनेस को समझने के लिए उन्होंने सबसे पहले इसकी पढ़ाई की। जर्मनी में न्यूट्रीशन एवं कॉस्मेटोलॉजी में उच्च शिक्षा प्राप्त की और फिटनेस व ट्रांसफोर्मेशन के व्यवसाय को समझा। इसके बाद लंदन, म्युनिख और पेरिस में ब्यूटी केयर, फिटनेस, फूड एंड न्यूट्रीशन और स्किन केयर में कई स्पेशलाइज्ड कोर्स किए।

2 हजार रुपये से बिजनेस किया शुरू

Vandana Luthra
Started business with 2 thousand rupees

सबसे पहली चुनौती पहचान की

वंदना की सबसे पहली चुनौती वंदना के पहचान की थी। उस समय वंदना को कोई नहीं जानता था और उनका बिजनेस भी पूरी तरह से नया था। उस समय महिलाएं केवल ब्यूटी पार्लर को जानती थीं और ट्रांस्फॉर्मेशन सेंटर का आइडिया बिल्कुल नया था। यह उस समय की भी बात है जब महिलाओं के बिजनेस क्षमता पर हर किसी को संदेह रहता था। लेकिन वंदना ने एक पल को भी अपने ऊपर संदेह नहीं किया जिससे कि दिल्ली के सफदरजंग इलाके में खोला गया उनका पहला सैलून लोगों को भा गया।

वर्तमान में 39 देशों में VLCC के है ब्रांच

वर्तमान में भारत, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ओमान, बहरीन, कतर, कुवैत, सऊदी अरब और कीनिया आदि को मिलाकर 39 देशों में VLCC के ब्रांच हैं। भारत और सिंगापुर में वीएलसीसी के अपने प्लांट हैं जहां वीएलसीसी के सारे प्रोडक्ट की मैन्यूफैक्चरिंग होती है। यह कंपनी वर्तमान में 6000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही है और करोड़ों लोगों का मेकओवर कर चुकी है। इस कंपनी में ब्यूटीशियन के अलावा डॉक्टर, न्यूट्रीशनिस्ट, साइकोलॉजिस्ट, कॉस्मेटोलॉजिस्ट, फीजियोथिरेपिस्ट आदि काम करते हैं। यानी यहां आपको हर सुविधा मिलेगी।

Vandana Luthra
Has been honored with Padma Shri

पद्मश्री से हो चुकी हैं सम्मानित

अब वीएलसीसी को शुरू हुए 33 साल से अधिक हो गए हैं और आज यह भारत की बड़ी और स्थाई कंपनियों में शुमार है। अब तो इस कंपनी का अपना आईपीओ भी आ चुका है। जिसके कारण इस कंपनी को पूरी दुनिया में पहचान मिल चुकी है। तो यह है वीएलसीसी के वंदना लूथरा की मेहनत जिसने 2000 से बिजनेस शुरू किया और इसे ग्लोबल कंपनी बनाया। इन्हें इनकी मेहनत और महिलाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।

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