Summary: बच्चों के लिए इंटरनेट सेफ्टी: 8 आसान टिप्स
बच्चों को इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल और साइबर खतरों से बचने के लिए सही मार्गदर्शन देना जरूरी है। 8 आसान टिप्स से आप उन्हें जिम्मेदार और सतर्क डिजिटल यूज़र बना सकते हैं।
Kids Internet Use Tips: आज के डिजिटल युग में इंटरनेट बच्चों की पढ़ाई, मनोरंजन और जानकारी का एक जरुरी हिस्सा बन चुका है। ऑनलाइन क्लास, गेम्स, सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे प्लेटफ़ॉर्म बच्चों को काफी आकर्षित करते हैं। इंटरनेट के सही इस्तेमाल जितना फायदेमंद है, उतना ही गलत इस्तेमाल काफी खतरनाक साबित हो सकता है। साइबर बुलिंग, गलत और भड़काने वाला कंटेंट और ऑनलाइन फ्रॉड जैसी समस्याएं बच्चों के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं।
ऐसे में माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बच्चों को इंटरनेट सेफ्टी के बारे में पूरी तरह से जागरूक करें।
पर्सनल जानकारी ना करें साझा

बच्चों को सिखाएँ कि वे कभी भी अपना नाम, पता, फोन नंबर, स्कूल का नाम या कोई भी निजी जानकारी इंटरनेट पर साझा न करें। साइबर अपराधी अक्सर बच्चों की मासूमियत का फायदा उठाकर उनसे व्यक्तिगत जानकारी लेने की कोशिश करते हैं। उन्हें यह आदत डालनी चाहिए कि वे केवल भरोसेमंद लोगों के साथ ही बातचीत करें।
खुद उदाहरण पेश करें
बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं। अगर आप इंटरनेट का सुरक्षित और सीमित इस्तेमाल करेंगे तो बच्चे भीआपकी इस आदत को अपनाएँगे। बच्चों को जिम्मेदार डिजिटल यूज़र बनाने के लिए आपको खुद एक उदाहरण बनना होगा।
पासवर्ड स्ट्रॉन्ग बनाना सिखाएँ
इंटरनेट सेफ्टी का सबसे जरुरी है कि बच्चों को मजबूत पासवर्ड बनाने की आदत डाली जाए। उन्हें समझाएँ कि पासवर्ड में अल्फाबेट्स ,नंबर्स और स्पेशल कैरेक्टर्स का मिक्स होना चाहिए। साथ ही पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करने की सलाह भी दें। इससे उनके सोशल मीडिया अकाउंट और ऑनलाइन डेटा सुरक्षित रहेंगे।
स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण रखना है जरुरी
इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताना बच्चों के स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों पर असर डालता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों का स्क्रीन टाइम लिमिट करें। रोज़ाना इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए एक समय तय करें और बच्चों को ऑफ़लाइन एक्टिविटीज़ जैसे खेलकूद, किताब पढ़ना या क्रिएटिव एक्टिविटी में शामिल करें।
सेफ वेबसाइट और ऐप्स
बच्चों को समझाएँ कि उन्हें केवल भरोसेमंद वेबसाइट और सुरक्षित ऐप्स का ही इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही, एंटीवायरस और पेरेंटल कंट्रोल सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें जिससे बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नज़र रखी जा सके और गलत कंटेंट को ब्लॉक किया जा सके।
खुलकर करें बातचीत

जरूरी है कि आप बच्चों से खुलकर बात करें और उन्हें समझाएँ कि इंटरनेट का सही और गलत इस्तेमाल क्या होता है। जब बच्चे समझेंगे कि ऑनलाइन दुनिया में खतरा भी हो सकता है , तो ऐसे में वे ज्यादा सतर्क रहेंगे। माता-पिता को बच्चों के सवालों का हमेशा ईमानदारी से जवाब देना चाहिए ताकि वे माता-पिता से किसी भी तरह की स्थिति में सलाह लेने में खुलापन महसूस करें।
साइबर बुलिंग
आजकल बच्चों को ऑनलाइन गेम्स और सोशल मीडिया में अक्सर साइबर बुलिंग का सामना करना पड़ता है। इसके चलते उन्हें यह सिखाना जरूरी है कि अगर कोई ऑनलाइन उन्हें परेशान करे, अपशब्दों का इस्तेमाल करे या गलत मैसेज भेजे, तो वे तुरंत माता-पिता को बताएं और उसे ब्लॉक/रिपोर्ट करें। इस तरह वे मानसिक तनाव से भी बच पाएंगे।
डाउनलोड और लिंक
बच्चों को बताएं कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करना या बिना पहचान वाले सोर्स से फाइल डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है। ऐसे लिंक में वायरस या हैकिंग का खतरा मौजूद होता है। बच्चों को हमेशा भरोसेमंद सोर्स से ही कंटेंट डाउनलोड करने की सलाह दें।
