Shiva Puran Death Sign: इस संसार में जन्म लेने वाले प्रत्येक जीव की मृत्यु होना परम सत्य है। ब्रह्मांड में जीवन का संतुलन बनाए रखने के लिए जन्म मरण का यह चक्र चलता रहता है। आज के युग में व्यक्ति के जन्म के समय का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन मृत्यु कब और किस रूप में आएगी, यह पता लगाना असंभव है। धार्मिक शास्त्रों में उल्लेख है कि व्यक्ति के जन्म के साथ ही उसकी मृत्यु का समय भी तय हो जाता है लेकिन हमें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि हमारी मृत्यु कब और कैसे होगी।। हमारे पौराणिक शास्त्रों में ऐसे कुछ संकेत बताए गए हैं, जो मनुष्य की मृत्यु की ओर इशारा करते हैं। स्वयं भगवान शिव ने माता पार्वती को व्यक्ति की मृत्यु से जुड़े कुछ संकेतो के बारे में बताया है। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे शिव पुराण में दर्ज ऐसे संकेत जो व्यक्ति की मृत्यु से पहले उसे दिखाई देते हैं।
शिव पुराण में दर्ज मृत्यु के संकेत
पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि शिवपुराण में मृत्यु से जुड़े कई लक्षणों का विवरण मिलता है। व्यक्ति इन लक्षणों को पहचान सकता है। शिव पुराण के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का शरीर नीला, सफेद या पीला होने लग जाए या उसके शरीर पर लाल रंग के चकत्ते दिखाई देने लगे तो इसका मतलब है कि व्यक्ति की मृत्यु का समय आ गया है। कुछ ही महीनों में ऐसे व्यक्ति की मौत हो जाती है।
यदि किसी व्यक्ति का बायां हाथ या कोई बायां अंग लगातार फड़क रहा हो या शरीर का कोई अंग सुन्न पड़ जाए तो ऐसे व्यक्तियों का अंत समय निकट माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति का मुंह सूखने लगे और आंख, कान और जीभ अकड़ने लगे तो यह भी मृत्यु का एक संकेत माना जाता है। शिवपुराण में बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति के सिर पर कौआ, गिद्ध या कबूतर बैठ जाए तो यह बहुत ही अशुभ माना जाता है। ऐसे में उस व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी होने का डर रहता है और उसकी मृत्यु हो सकती है।
अंत समय करीब आने पर व्यक्ति को पानी, तेल, घी या अन्य किसी तरल पदार्थ में अपनी परछाई नजर नहीं आती। व्यक्ति की स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। आसमान में चांद और तारे धुंधले दिखाने देने लगे और जलती हुई आग की लपटें भी धुंधली दिखाई देने लगे तो यह समझना चाहिए कि व्यक्ति की मृत्यु का समय निकट आ गया है। अंत समय आने पर कई बार व्यक्ति अपने परिजनों को भी नहीं पहचान पाता है। शिव पुराण के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को बार बार अपने बचपन के सपने आने लगे या अपना बचपन याद आने लगे तो यह भी मृत्यु का एक संकेत हो सकता है।
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