कटिंग से गुलाब उगाने की तकनीक
कटिंग के माध्यम से सबसे गुलाब लगाना सबसे सहज, सरल और सस्ता तरीका है। लेकिन इसके लिए यह स्पष्ट रूप से जानना होगा कि कटिंग से गुलाब उगाने की तकनीक को कैसे लागू किया जाए।
Gardening Tips: गुलाब सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले और लोकप्रिय फूलों में से एक है। यह इतना ख़ूबसूरत और ख़ुशबूदार होता है कि कांटों के बावजूद लोग इसे अपने बाग बाग़ीचे में लगाना पसंद करते हैं। फूल तो कई हैं लेकिन जितनी त्रिवता से गुलाब की सुंदरता और सुखद सुगंध हमें अपनी ओर खिंचती है, उतनी तेज़ी से कोई और नहीं खींच पाता है। इसलिए, हम सभी इसे अपने घर में लगाना चाहते हैं लेकिन सामान्य रूप से इसे लगाना मुश्किल काम है। इसलिए, इसके लिए एक ऐसी तकनीकी अपनाई जाती है जो काफ़ी सरल है। वह है कटिंग, कटिंग के माध्यम से सबसे गुलाब लगाना सबसे सहज, सरल और सस्ता तरीका है। लेकिन इसके लिए यह स्पष्ट रूप से जानना होगा कि कटिंग से गुलाब उगाने की तकनीक को कैसे लागू किया जाए।
इसी वजह से इस लेख के माध्यम से हम आपको गुलाब की कटिंग लगाने का सही तरीका बताने जा रहे हैं। इस लेख में हम आपको न केवल इस तकनीक पर बात करेंगे, बल्कि इससे होने वाले फायदे और नुकसान पर भी चर्चा करेंगे, यह भी स्पष्ट करेंगे कि कटिंग कैसे और तैयार करें।
क्यों ज़रूरी है कटिंग?

कटिंग का उपयोग करके गुलाब लगाने के कुछ फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। लेकिन फ़ायदों नुक़सान की बात करने से पहले आइए कटिंग की अवधारणा को समझते हैं। कटिंग का अभिप्राय ऐसी शाखाओं और तनों से है जिन्हें सीधे पौधे से काटा गया है। इस कटिंग को अब लगाकर हमारी कोशिश नए पौधे को तैयार करने की रहती है। इस क्रम में हम एक काँच की बोतल अथवा गिलास लेते हैं, उनमें साफ़ पानी भरते हैं और तने को उस पानी में कुछ दिनों के लिए डालकर एक अनुकूल जगह पर रख देते हैं। एक दो सप्ताह के भीतर ये पानी में दबे तने जड़ लेने लगते हैं, ये जड़ लेने का सीधा सीधा मतलब है कि ये एक पौधे के रूप में अब तैयार हो चुके हैं।
इस तरह से हम एक ही पेड़ के तने से बहुत सारे पौधे तैयार कर सकते हैं। एक बार तने जड़ ले लें तो यह आपके ऊपर है कि आप इसे जार में ही रखते हैं या फिर मिट्टी में लगाते हैं। लेकिन मिट्टी में लगाना ज़्यादा सही होता है, इससे उन्हें संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं, जो सीधे तौर पर उनके विकास को प्रभावित करते हैं।
गुलाब की कटिंग

कुछ लोग गुलाब की किसी भी शाखा से तने काटकर कटिंग तैयार कर लेते हैं लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है। हमें कई ज़रूरी बातों का ख़्याल रखना होता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो हमें इस बात का हमेशा ख़्याल रखना होता है कि तने पूरी तरह से न तो नरम हो, न तो पूरी तरह से परिपक्य। यह अर्ध-परिपक्व होने चाहिए जिनकी मोटाई लगभग छह से दस मिलीमीटर के बीच होनी चाहिए होती है। इसके साथ साथ पौधे से तने को सही जगह और सही कोण पर काटा जाना भी ज़रूरी होता है। कई पर सही विकास नहीं होने की स्थित में कटिंग हार्मोन आदि का भी उपयोग करना ज़रूरी होता है। इन सबकी जानकारी आपको होनी चाहिए।
कटिंग के फायदे और नुकसान

गुलाब की कटिंग लगाने के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। इसलिए कटिंग को लगाने से पहले दोनों ही पहलुओं को समझना ज़रूरी होता है। इससे उन दुर्लभ गुलाब की कुछ किस्मों को प्राप्त किया जा सकता है जो आपको आसानी से नहीं मिल पा रहे हो। नया पौधा जो कटिंग से बनता है यह मूल का ही एक क्लोन होता है। यह आनुवंशिक स्तर पर समान होता जिससे हम पहले से यह जान सकते हैं कि इसकी क्या विशेषताएं होंगी। इस तकनीक के नुकसान की बात कि जाए तो इनके विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता, लाइफ़ साइकल जैसी चीज़ें सामने आती हैं। कटिंग के द्वारा तैयार पौधे में अपने मूल पौधे की तरह से न तो विकास होता है, न तो रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और ना ही इनकी लाइफ़। लेकिन फिर भी यह काफ़ी आसान और किफ़ायती है इसलिए इसे लगाना हम सभी पसंद करते हैं।
गुलाब की कटिंग कैसे लगाएं?

गुलाब की कटिंग लगाने के लिए सबसे पहले उपयुक्त तना या शाखा का चयन करें, फिर इसके बाद शाखा की नोक को सही से काटें। इस प्रक्रिया में नोड और कोण का विशेष ख़्याल रखें। काटी गई शाखाओं को थोड़ी देर सूखने के लिए रख दें, अधिक नमी की अवस्था में कीट आदि लगने की सम्भावना रहती है। फिर साफ़ पानी में इसे डालकर कुछ दिनों के लिए रख दें। इसके लिए आप वृद्धि हार्मोन का उपयोग कर सकते हैं। इससे नए पौधे के बनने और विकास की संभावना बढ़ जाती है।
कटिंग लगाने का सही समय

गुलाब की कटिंग बनाने के लिए बसंत और पतझड़ दो सबसे अनुकूल माना जाता है। यदि हम वसंत ऋतु में गुलाब की कटिंग लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो एक साल पुरानी शाखा से कटिंग लेना सही रहता है क्योंकि इनमें ग्रोथ की सम्भावना सबसे ज़्यादा रहती है। दूसरी तरफ, यदि हमारा इरादा शरद ऋतु में कटिंग लगाने का है, तो हमें उसी वर्ष की शाखा लेनी चाहिए और ऐसी शाखा लेनी चाहिए जो पहले से परिपक्व दिखती है।
कटिंग लगाने की तकनीक

गुलाब की कटिंग कैसे लगाई जाती है? यह एक बहुत ही सामान्य सा सवाल है जो हर किसी के द्वारा पूछा जाता है? स्पष्टतौर पर इसे करने के लिए चार अलग-अलग तरह की तकनीकें हैं। जिसमें पारंपरिक सब्सट्रेट के साथ बर्तन का उपयोग करके, आलू में गुलाब की कटिंग, प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग और हाइड्रोपोनिक्स का नाम आता है। सभी के लिए कटिंग 18ºC और 21ºC के बीच के तापमान पर होनी चाहिए, उच्च आर्द्रता होनी चाहिए, सीधे धूप नहीं मिलनी चाहिए। यह कुछ मामूली बातें हैं जिन्हें पूरा किया जाना ज़रूरी होता है।
एक बार कटिंग लग जाए तो सबसे ज़रूरी चीज़ है ऑब्ज़र्वेशन। आप उस पौधे की जितनी देख रेख करेंगे वह उतने ही अच्छे से ग्रोथ करेगा। साथ ही साथ आप उसकी ज़रूरत को भी समझ सकेंगे। सिर्फ़ निगरानी रखने से ही आपको पता चलता जाएगा कि पौधे का विकास किस दिशा में है।