Garud Puran: सनातन धर्म के इतिहास को संजोकर रखने वाले 18 पुराणों में से गरुड़ पुराण में व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक की यात्रा के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। हम सभी ने अपने बुजुर्गों से सुना है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति की आत्मा स्वर्ग या नरक में जाती है। गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद व्यक्ति के कर्मों के आधार पर उसे स्वर्गलोक या नरकलोक की प्राप्ति होती है।
मृत्यु के बाद भगवान नहीं बल्कि हमारे कर्म ये निर्धारित करते हैं कि हमारी आत्मा के साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि स्वर्ग की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को अपने जीवन में धर्म के अनुसार कार्य करने चाहिए। अधर्मी और पापियों को नरकलोक की यातनाएं सहनी पड़ती हैं। आज इस लेख के द्वारा हम आपको बताएंगे कि व्यक्ति के कौनसे कर्मों से उसकी आत्मा स्वर्ग या नरक में जाती है।
पुण्य कर्म वाली आत्माओं को मिलता है स्वर्ग

पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, गरुड़ पुराण के जीवन मार्गदर्शन की बातें अपने जीवन में अपनाकर हम कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं। गरुड़ पुराण में लिखा गया है कि जो व्यक्ति आजीवन अपनी इंद्रियों को, अपने मन को नियंत्रण में रखता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसे व्यक्ति जो दूसरे व्यक्तियों के चरित्र से जलते नहीं बल्कि उनसे प्रेरित होते है वो भी मृत्यु के बाद स्वर्ग के भागीदार होते हैं।
जिन पुरुषों के मन में स्त्रियों के लिए सम्मान की भावना होती है। जो व्यक्ति क्रोध पर नियंत्रण रखता है और कभी भी क्रोध में किसी दूसरे व्यक्ति को अपशब्द नहीं कहता। ऐसे व्यक्तियों को यमदूत स्वर्गलोक ही लेकर जाते हैं। समाज के ऐसे लोग जो समाज कल्याण में अपना योगदान देते हैं। जो दूसरे व्यक्तियों को सम्मान देते हैं और किसी दूसरे व्यक्ति को मानसिक या शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाते, ऐसे व्यक्तियों को स्वर्गलोक में स्थान मिलता है।
बुरे कर्म वाली आत्माओं को मिलता है नरकलोक

गरुड़ पुराण में नरकलोक का भयावह वर्णन मिलता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, नरकलोक में जाने वाली आत्माओं को कई तरह की यातनाएं सहनी पड़ती है। जो व्यक्ति धरती पर जीवन जीते हुए बुरे कर्म करता है उसे नरकलोक मिलता है। दूसरों का अपमान करने वाले, किसी गरीब, भूखे या लाचार और अनाथ व्यक्ति का मजाक बनाने वाले व्यक्तियों को नरकलोक में कठोर दण्ड दिया जाता है।
जो व्यक्ति स्त्रियों को सम्मान नहीं देते, देवताओं की पूजा नहीं करते और पितरों का अपमान करते हैं। ऐसे व्यक्तियों की आत्मा को मृत्यु के बाद नरकलोक भेजा जाता है। जो व्यक्ति अपने जीवन में लोभ लालच करते है। जो व्यक्ति किसी दूसरे की कभी कोई मदद नहीं करते। जो दूसरे मासूम प्राणियों की हत्या करते है। ऐसे व्यक्तियों को भी नरकलोक में यमराज द्वारा कई तरह की कठोर सजा दी जाती है।
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