क्‍या है प्रीनैप्‍चुअल एग्रीमेंट, जानें शादी से पहले कॉन्‍ट्रैक्‍ट साइन करने के फायदे: Prenuptial Agreement Importance
Prenuptial Agreement Before Marriage Credit: Istock

Prenuptial Agreement Importance:  शादी या विवाह दो लोगों के बीच जीवन भर का बंधन होता है। इसमें महिला और पुरुष आपसी सहमति और परिवारों की मंजूरी के साथ जीवनभर एक-दूसरे के साथ रहने का फैसला करते हैं। शादी का फैसला बहुत महत्‍वपूर्ण होता है। इसलिए शादी का फैसला लेते वक्‍त केवल वर्तमान ही नहीं, बल्कि भविष्‍य को भी ध्‍यान में रखना जरूरी होता है। चूंकि भारत में प्रत्‍येक 10 में से एक विवाह असफल होता है और धीरे-धीरे विवाह के असफल होने की दर भी बढ़ रही है। ऐसे में प्रीनैप्‍चुअल एग्रीमेंट का चलन भी बढ़ रहा है। तलाक के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्‍ली की अदालत ने तो शादी से पहले प्रीनैप्‍चुअल एग्रीमेंट को अनिवार्य करने तक की बात कही है। शादी से पहले दोनों पक्षों के बीच खुलकर सभी मुद्दों, खासकर धन-संपत्ति, पर खुलकर बात करना महत्‍वपूर्ण होता है। यदि आप शादी करने जा रहे हैं तो आपको अपने पार्टनर के साथ प्रीनैप्‍चुअल एग्रीमेंट के विषय में चर्चा करनी चाहिए। ये एक तरह का समझौता होता है जिसमें लड़का और लड़की दोनों के हस्‍ताक्षर लिए जाते हैं। इस एग्रीमेंट में तलाक, मृत्‍यु के मामले में संपत्ति का विभाजन और फाइनेंस से संबंधित मामलों के लिए नियमों और शर्तों को शामिल किया जाता है, ताकि बाद में कोई विवाद की स्थिति न बने। प्रीनैप्‍चुअल एग्रीमेंट क्‍या है और शादी से पहले इसके बारे में क्‍यों विचार करना चाहिए चलिए जानते हैं इसके बारे में।

Also read : फेस्टिवल में बेहद खूबसूरत लगेंगे 10 तरह के हेयर कलर

क्‍या है प्रीनैप्‍चुअल एग्रीमेंट

Prenuptial Agreement Importance
Prenuptial Agreement Meaning

प्रीनैप्‍चुअल एग्रीमेंट वो होता है जिसमें पति और पत्‍नी की इच्‍छानुसार नियमों को शामिल किया जाता है। इस एग्रीमेंट में दोनों पार्टनर की संपत्ति, देनदारी, बैंक बैलेंस और रियल स्‍टेट से संबंधित संपत्ति का ब्‍योरा शामिल होता है।  साथ ही इसमें साफ शब्‍दों में लिखा जाता है कि अलगाव की स्थिति में संपत्ति का बंटवारा किस प्रकार किया जाएगा। एग्रीमेंट तैयार हो जाने के बाद पति-पत्‍नी दोनों के हस्‍ताक्षर लिए जाते हैं ताकि कोई भी अपने अधिकार और दायित्‍वों से मुकर न जाए।

बंटवारे में आसानी

कई बार पति-पत्‍नी के रिश्‍ते इतने बिगड़ जाते हैं कि दोनों का एक साथ रहना मुश्किल हो जाता है। जिसके परिणामस्‍वरूप तलाक की स्थिति उत्‍पन्‍न हो जाती है। ऐसे में यदि पार्टनर्स में से किसी एक के पास बिजनेस, विरासत, बैंक बैलेंस और रियल एस्‍टेट जैसी महत्‍वपूर्ण संपत्ति है तो इसका बंटवारा करने के लिए प्रीनेप एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। इस एग्रीमेंट के जरिए आप तलाक या मृत्‍यु की स्थिति में परिवार वालों की सहमती से संपत्ति पर आपना हक जता सकते हैं।

जिम्‍मेदारी का बंटवारा

division of responsibility
division of responsibility

हर कपल में एक व्‍यक्ति अधिक एक्टिव और फाइनेंशियल स्‍ट्रॉन्‍ग होता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि केवल एक ही व्‍यक्ति परिवार की सभी जिम्‍मेदारियां निभाए। प्रीनेप एग्रीमेंट के जरिए पार्टनर्स की फाइनेंशियल जिम्‍मेदारियों को परिभाषित किया जा सकता है। प्रीनेप परिभाषित कर सकता है कि किस बिल का भुगतान कौन और कब करेगा। इससे फाइनेंशियल मुद्दों से संबंधित झगड़ों को कम किया जा सकता है।

फ्यूचर सिक्‍योरिटी

पति की मृत्‍यु के बाद प‍त्‍नी का उसकी संपत्ति पर कितना हक है ये प्रीनेप एग्रीमेंट के तरत आता है। तलाक के बाद या फिर पार्टनर की मृत्‍यु के बाद फ्यूचर को सिक्‍योर करना बेहद मुश्किल हो सकता है ऐसे में ये एग्रीमेंट पार्टनर के फ्यूचर को सिक्‍योरिटी प्रदान करता है। साथ ही परिवार के अन्‍य सदस्‍यों को इस मुद्दे में न पड़ने की सलाह भी देता है।

तलाक प्रक्रिया होगी आसान

भारत में तलाक की प्रक्रिया काफी जटिल और समय लगाने वाली होती है। प्रीनेप एग्रीमेंट से ये प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है। इससे तलाक की बहुत सारी कार्यवाही कम हो सकती हैं साथ ही मानसिक रूप से भी पार्टनर को शांति मिलती है।