Skills For Kids: बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए अभिभावक को स्कूल पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। कुछ चीजें तो मां-बाप की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने बच्चों को घर पर ही सिखाएं जिससे वह आत्मनिर्भर और अच्छा इंसान बने। आजकल मां बाप अपने लाडले या लाडली की परवरिश में खूब पैसे खर्च कर रहे हैं। उन्हें स्कूल के बाद एकस्ट्रा कोचिंग क्लासेज देना, जैसे-स्वीमिंग, डांसिंग, सिगिंग, स्पोर्ट आदि। लेकिन इन सबके अलावा कुछ ऐसी स्किल्स होती हैं जिनको आप बच्चों को घर पर ही सिखा सकती हैं। इस लेख के माध्यम से हम ऐसी पांच स्किल्स के बारे में बताएंगे जो आपके बच्चे में होनी चाहिए।
सेल्फसर्विस की आदत

सेल्फ सर्विस की आदत बचपन से ही छोटी-छोटी चीजों में डालें। जैसे आप उनके कमरे को साफ कर रही हैं तो उन्हें स्टडी टेबल खुद साफ करने को कहें। अगर बच्चा खिलौने खेलने के बाद रोज बिखरा छोड़ देता है तो उसे समेटकर रखने के लिए कहें। भले ही इन कामों को करने में बच्चे को थोड़ा अधिक टाइम लगता हो लेकिन उन्हें करने दें। इन छोटे-छोटे कामों के लिए बच्चे को गाइडेंस देते रहें और अगर वह काम अच्छे से करता है तो उसकी तारीफ भी करें। इससे बच्चे जिम्मेदार और कॉन्फिडेंट बनेंगे।
खाना बनाना सिखाएं

बाहर पढ़ने जाने वाले बच्चों को खाने की काफी दिक्कत होती है। इसलिए बच्चों को खेल-खेल में कुकिंग स्कील्स सीखाएं। जैसे कि सबसे पहले चाय बनाना और मैगी बनाने से शुरुआत करें। मैगी को किस तरह से बहुत सारी सब्जियां डालकर हेल्दी बनाया जा सकता है यह अपने बच्चे को बताएं। मैगी तो बच्चे शौक से बनाना सीखेंगे। इसके अलावा सब्जी काटना और रोटी बनाना भी सीखाएं। इस काम में बच्चों को मजा भी काफी आएगा और बाहर जाने पर बच्चों को खाने की दिक्कत भी नहीं होगी।
छोटी-छोटी चीजों की रिपेयरिंग

बल्ब ठीक करना, बाथरुम का नल ठीक करना, वाटर प्यूरीफायर ठीक करना… ऐसी छोटी-छोटी चीजें घर पर आसानी से ठीक की जा सकती हैं। लेकिन बच्चों ने कभी ये सब चीजें घर में की नहीं होती है तो उन्हें इसके बारे में कुछ मालूम नहीं होता जिससे कि जब वे बाहर रहने लगते हैं तो ये सब दिक्कतें आने लगती हैं। इसलिए बच्चे को सबसे पहले घर पर बल्ब ठीक करना सीखाएं। फिर बाथरुम में नल टूट जाए तो उसे ठीक करना सीखाएं। फ्यूज उड़ना एक आम समस्या है। इसके बारे में बच्चों को जरूर बताएं। ये छोटी-छोटी रिपेयरिंग स्कील्स बाहर रहने के दौरान बच्चों के काफी सारे पैसे बचा सकती हैं।
टाइम मैनेजमेंट

आज के जमाने में ज्ञान का भंडार खुला हुआ है, केवल कमी है तो समय की। यह समय ही एक ऐसी चीज है जो आपके बच्चे के करियर को संवार सकता है और उसे बिगाड़ भी सकता है। इसलिए बचपन से अपने बच्चे को समय की शक्ति के बारे में समझाएं और टाइम मैनेजमेंट की कला सिखाएं। यह स्किल्स आप जितनी कम उम्र से बच्चों को सीखाएंगी वे उतना ही अधिक इसमें पारंगत होंगे। इसे आप छोटी-छोटी चीजों के जरिये सिखा सकते हैं। जैसे सुबह-सुबह स्कूल के लिए खुद उठना और खुद का बैग और ड्रेस पहले से तैयार करके रखना। इसके लिए रात को अलार्म भी लगाने की आदत आप उसमें डलवा सकती हैं। स्कूल से आने के बाद सोने, खेलने और पढ़ने के लिए टाइम निकालना भी सिखा सकती हैं। आगे चलकर ये आदत बच्चे को इमरजेंसी प्रोजेक्ट्स पूरा करने में काफी मदद करेंगी वह भी बिना कोई तनाव लिए। क्योंकि अच्छे से अच्छे लोगों को टाइम मैनेजमेंट करना नहीं आता और इस कारण वे अपने करियर में एक पीक के बाद बहुत सारी चीजों में बैलेंस नहीं बैठा पाते हैं। जिससे उनकी जिंदगी बहुत स्ट्रेस में चली जाती है।
एक एकस्ट्रा स्किल है जरूरी

आज की लाइफ में जब हर चीज एडवांस है तो आपको भी तो अपने बच्चे को एडवांस बनाना ही होगा। तभी आपका बच्चा इस एडवांस जमाने के साथ आगे बढ़ पाएगा। इसके लिए या तो उन्हें डांस सिखाएं या मार्शल आर्ट्स की क्लास दें या फिर पेंटिग्स में पारंगत बनाएं। लेकिन कुछ ऐसा कराएं जो बच्चे की क्रिएटीविटी को भी बाहर निकालें और उन्हें दूसरों से ज्यादा एडवांस भी बनाएं। क्योंकि आज के जमाने के गलाकाट प्रतियोगिता में वही इंसान दौड़ सकता है जिसमें कुछ अलग हो। इसलिए छोटी उम्र से ही बच्चों को अलग स्कील्स सिखाना शुरू कर दें।