Limitation for Kids: बच्चे अपने प्यार और स्नेह को स्पर्श के माध्यम से जाहिर करते हैं। जिसमें हग करना यानी गले लगना और किस करना शामिल है। बच्चे अपने इस व्यवहार को टीनेज या बड़ी उम्र तक जारी रखते हैं। हालांकि जैसे-जैसे वह बड़े होते हैं उनके व्यवहार में अंतर आने लगता है। वह हर किसी को शारीरिक रूप से टच करने से बचते हैं लेकिन कुछ बच्चे बेहद स्नेही होते हैं वह इस व्यवहार को सामान्य समझते हुए बड़ी उम्र में भी हर किसी को किस और हग कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में माता-पिता को अपने बच्चे को लिमिटेशन यानी सीमाओं के बारे में बताना बेहद आवश्यक होता है। बच्चे को उसकी शारीरिक सीमाओं के बारे में कैसे बताएं और उसे कैसे निर्धारित किया जाए, जानते हैं इसके बारे में।
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बच्चे के लिए लिमिटेशन क्यों है जरूरी

बच्चा जब तक छोटा है उसे किसी बात की परवाह नहीं होती। वह अपने माता-पिता, भाई-बहन और निकटतम परिवार के समस्यों को हग करता है और किस करता है। लेकिन इसे केवल करीबी लोगों तक ही सीमित रखना जरूरी है। बच्चे को एक उम्र के बाद लोगों के शारीरिक स्पर्श से बचना चाहिए। ये बच्चे की सुरक्षा और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। बच्चे को अपनी सीमाओं के बारे में पता होना चाहिए लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वह दूसरों का अनादर करे। बच्चे को सहज ढंग से लोगों से मिलना सिखाना चाहिए।
कैसे सेट करें लिमिटेशन
बच्चे को उनकी लिमिटेशन या सीमाओं के बारे में बचपन से ही सिखाएं। बच्चे के साथ सख्ती न बरतते हुए उसकी सुरक्षा के बारे में बताएं।
असहज महसूस न कराएं
बढ़ती उम्र में बच्चे के लिए बाउंड्रीज सेट करना आवश्यक हो जाता है। सामाजिक सीमाएं तय करना आपके बच्चे के लिए नई चीज है, जिसे एक्सेप्ट करने में उसे समय लग सकता है। बच्चे को गुड टच और बैड टच के बारे में बताएं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा आपकी बातों से डरे ना। वह असहज महसूस न करे। बच्चे को उदाहरण देते हुए उसकी सीमाओं के बारे में बताएं। साथ ही ये बताएं कि वह किस को हग और किस कर सकते हैं।
भावनाएं व्यक्त करना सिखाएं

पेरेंट्स के तौर पर आपको इस बात पर भी नजर रखनी होगी कि दूसरे लोग आपके बच्चे के प्रति अपना स्नेह कैसे व्यक्त करते हैं। यदि आपका बच्चा नहीं चाहता कि कोई उसे छुए या पकड़े तो आपको आगे आकर इसका विरोध करना होगा। अपने आसपास के लोगों को बच्चे की सहमति का सम्मान करना सिखाएं। साथ ही बच्चे को ना कहना सिखाएं ताकि बच्चा गलत हरकत का शिकार न हो पाए।
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बच्चे को करें जागरूक
अत्यधिक स्नेही बच्चों के पेरेंट्स को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। उन्हें अपने बच्चे को अनजान खतरे के बारे में जागरूक करना चाहिए। खासकर यदि वे अजनबियों या ऐसे लोगों के प्रति स्नेह दिखाते हैं जिन्हें वह जानते भी नहीं हैं। साथ ही बच्चों को उनके प्राइवेट पार्ट्स के बारे में भी बताना चाहिए। उन्हें जागरूक करना चाहिए कि यदि कोई अजनबी या रिश्तेदार उनके प्राइवेट पार्ट को टच करता है तो वह सबसे पहले पेरेंट्स को बताएं। बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में जरूर बताएं। बच्चों के लिए बाउंड्री सेट करें कि उसे किसके कितने करीब जाना है।
