Hyperactive Children
Hyperactive Children Credit: Istock

Parenting Tips: एक समय था जब बच्‍चों को रिश्‍तेदारों के घर जाना और उनसे मिलना पसंद आता था। पहले हर छुट्टियों में दादी-नानी के घर जाना, मौज-मस्‍ती करना और कजिन्‍स को परेशान करना एक आदत सी बन गई थी। लेकिन हाई-टेक होते जमाने में रिश्‍तों की अहमियत कम हो गई है। अब बच्‍चे अपने घर में ही रहना पसंद करते हैं। यदि पेरेंट्स के साथ रिश्‍तेदारों के घर जाना भी हो या फिर कोई रिश्‍तेदार आपके घर आ रहा हो तो बच्‍चों का मुंह बन जाता है। आखिर बच्‍चे रिश्‍तेदारों से दूर क्‍यों भागते है। क्‍या वजह है इसकी, चलिए जानते हैं इसके बारे में।

सवालों से भागते हैं दूर

run away from questions
run away from questions

आजकल बच्‍चों को अकेला रहना पसंद आता है। खासकर न्‍यूक्लियर फैमिली के बच्‍चे अपने घर में किसी अन्‍य व्‍यक्ति या बच्‍चों को बर्दाश्‍त नहीं कर पाते। अक्‍सर देखा गया है कि रिश्‍तेदार बच्‍चों से पढ़ाई-लिखाई, कैरियर और शादी से संबंधित सवाल करते हैं। जिसका सही जवाब न देने पर वह उनका मजाक भी बनाते हैं। ऐसे में बच्‍चे रिश्‍तेदारों को अपना दुश्‍मन मानने लगते हैं और उनसे दूरी बना लेते हैं।

अंजान लोगों से डर

जब बच्‍चे लंबे समय तक घर में अकेले रहते हैं या किसी से ज्‍यादा मिलते जुलते नहीं है तो वह अंजान लोगों के घर जाने से डरने लगते हैं। यही वजह है कि वह अपरिचित रिश्‍तेदारों को देखकर मुंह बना लेते हैं और उनसे दूर हो जाते हैं। लोगों से जल्‍दी कनेक्‍ट न होने की वजह से बच्‍चे ऐसा व्‍यवहार करते हैं। इसलिए बच्‍चों को बचपन से ही रिश्‍तेदारों से मिलना-जुलना और बात करना सिखाना चाहिए।

अतीत की घटना

बच्‍चे अक्‍सर उन लोगों से दूरी बनाते हैं तो उन्‍हें पसंद नहीं होते। बच्‍चा यदि किसी रिश्‍तेदार को देखकर मुंह बनाता है तो जरूर उसके पीछे कोई पुरानी अप्रिय घटना जिम्‍मेदार हो सकती है। हो सकता है कि बच्‍चे के साथ अतीत में कुछ ऐसा हुआ हो जो उसके व्‍यवहार को प्रभावित कर रहा है। इसलिए बच्‍चे से बात करें और जानने का प्रयास करें।

शर्मीला स्‍वभाव

shy nature
shy nature

कई बच्‍चे शर्मीले और संकोची स्‍वभाव के होते हैं। उन्‍हें किसी के साथ बात करना या मेलजोल बढ़ाना पसंद नहीं होता। ऐसे बच्‍चे पेरेंट्स के अलावा दूसरों के साथ घुल मिल नहीं पाते जिसके कारण वह रिश्‍तेदारों से दूरी बना लेते हैं। कई बार शर्मीले बच्‍चे इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाते कि रिश्‍तेदारों से क्‍या बात करें, जिसकी वजह से दूरी आना स्‍वाभाविक है।

पेरेंट्स अपनाएं ये टिप्‍स

आजकल बच्‍चे केवल अपने पेरेंट्स पर ही ट्रस्‍ट करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्‍मेदारी है कि वह बच्‍चों को रिश्‍तेदारों से मिलने-जुलने के लिए प्रोत्‍साहित करे। बच्‍चों को लंबी छुट्टियों में कहीं बीच या पहाड़ों में जाने की बजाय दादी-नानी के घर लेकर जाएं। रिश्‍तेदारों को घर में इंवाइट करें और बच्‍चों के साथ घुलने दें। इसके अलावा यदि बच्‍चा किसी रिश्‍तेदार को देखकर डरता है या उन्‍हें उल्‍टा जवाब देता है तो इसकी वजह जानने का प्रयास करें। बच्‍चे के साथ खड़े रहें ताकि बच्‍चा खुलकर अपने मन की बात कह सके। पेरेंट्स का कर्तव्‍य है कि वह बच्‍चे की बात सुनें और उसकी भावनाओं को समझें।