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हर माता-पिता की यही चाहते होती है कि वह अपने बच्चे को भरपूर प्यार करें। लेकिन जिस तरह ज्यादा पानी देने से पेड़ पौधे गलने लगते हैं। ठीक वैसे ही जरूरत से ज्यादा प्यार करने से बच्चे बिगड़ने लगते हैं। ओवर पैंपरिंग के चक्कर में पेरेंट्स बच्चे की हर इच्छा को पूरा करते हैं।
Pampered Child Syndrome: न्यूक्लियर फैमिली के दौर में लगभग हर घर में एक या दो ही बच्चे होते हैं। ऐसे में पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। वे जरूरत से ज्यादा उन्हें प्यार करते हैं। धीरे-धीरे यही आदत ओवर पैंपरिंग में बदल जाती है। हालांकि इसका बच्चों की पर्सनालिटी और मेंटल हेल्थ पर विपरीत असर पड़ता है। वे एक खतरनाक सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं। कुछ इशारे बताते हैं कि आप बच्चों को ओवर पैंपर कर रहे हैं।
क्या है ओवर पैंपरिंग

हर माता-पिता की यही चाहते होती है कि वह अपने बच्चे को भरपूर प्यार करें। लेकिन जिस तरह ज्यादा पानी देने से पेड़ पौधे गलने लगते हैं। ठीक वैसे ही जरूरत से ज्यादा प्यार करने से बच्चे बिगड़ने लगते हैं। ओवर पैंपरिंग के चक्कर में पेरेंट्स बच्चे की हर इच्छा को पूरा करते हैं। लेकिन जरूरत से ज्यादा प्यार आगे चलकर परेशानी का कारण बन जाता है। इससे बच्चों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वह भावनाओं पर कंट्रोल करना नहीं सीख पाते। परिस्थितियों का सामना करने से डरते हैं।
हो सकते हैं पैंपर्ड चाइल्ड सिंड्रोम के शिकार
शोध बताते हैं कि ओवर पैंपरिंग से कई बार बच्चे ‘पैंपर्ड चाइल्ड सिंड्रोम’ के शिकार हो सकते हैं। इस सिंड्रोम के कारण बच्चों में व्यवहारिक और भावनात्मक बदलाव आने लगते हैं। ऐसे बच्चे अपने कंफर्ट जोन से बाहर नहीं आना चाहते। उनके लिए अपनी खुशी सबसे अहम होती है। इसके आगे वे पेरेंट्स के लिए भी नहीं सोचते। वह दूसरों का कम सम्मान करने लगते हैं। उनके जीवन का उद्देश्य सिर्फ अपनी खुशियां पाना बन जाता है। वे अपने गुस्से पर भी कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।
समय पर पहचानें लक्षण

अगर आपका बच्चा भी पैंपर्ड चाइल्ड सिंड्रोम का शिकार है तो कुछ लक्षण उसमें नजर आ सकते हैं। इन्हें समय पर पहचान कर आप स्थिति को कंट्रोल कर सकते हैं।
1. नहीं सहन कर पाते ‘न’
अगर आपका बच्चा ‘न’ नहीं सुन पाता तो यह गंभीर स्थिति है। मांग पूरी नहीं करने पर अगर वह बहुत ज्यादा गुस्सा होने लगता है, चिल्लाता है, बात करना बंद कर देता है तो ये सभी ओवर पैंपरिंग के लक्षण हैं।
2. बात-बात पर कुछ मांगना
अक्सर पेरेंट्स बच्चों से बात मनवाने के लिए उन्हें किसी न किसी चीज का लालच देते हैं। लेकिन अगर आपका बच्चा होमवर्क या कोई भी दूसरा काम बिना किसी रिवार्ड या गिफ्ट के नहीं करता है तो आपको संभलने की जरूरत है। ऐसा ओवर पैंपरिंग के कारण हुआ है।
3. बात नहीं मानना
ओवर पैंपर बच्चा अपने आपको सबसे ऊपर समझने लगता है। ऐसे में वह माता-पिता की ही नहीं, टीचर्स की बात भी नहीं सुनता। अगर आपका बच्चा भी अक्सर आपकी बातों को अनसुना कर रहा है, कोई बात नहीं मानता, स्कूल के रूल्स फॉलो नहीं कर रहा है तो ये ओवर पैंपरिंग का प्रभाव हो सकता है।
4. हर बात पर गुस्सा होना
ज्यादा लाड़ प्यार के कारण बच्चे अपने आप में इतना खो जाते हैं कि उन्हें सही गलत का एहसास होना ही बंद हो जाता है। वे बात-बात पर गुस्सा होते हैं। अपना कंट्रोल खोने लगते हैं।
5. नहीं लेते जिम्मेदारी
ओवर पैंपर्ड बच्चे पेरेंट्स के प्यार और सुविधाओं को अपना हक मानने लगते हैं। वे घर या परिवार की कोई जिम्मेदारी नहीं लेते हैं। वे चाहते हैं कि उनका हर काम परफेक्ट हो, लेकिन ये पेरेंट्स ही करें।
6. समझौता करना नामंजूर
जरूरत से ज्यादा लाड़ प्यार के कारण बच्चे इतने जिद्दी और स्वार्थी हो जाते हैं कि वे किसी भी कीमत पर समझौता करने को तैयार नहीं होते हैं। वे अपनी चीजें दूसरों के साथ बांट नहीं पाते हैं। उनको जो मिल रहा है, वे उसका सम्मान नहीं करते हैं।
