Childhood Obesity: आप सबने बचपन में अपनी दादी-नानी के हाथ से बनी मिठाईयां और मलाई खूब खाई होगी लेकिन क्या आपका वजन बढ़ा। कहा जाता है कि बचपन में हम जो खाएंगे वह बुढ़ापे तक हमारे काम आएगा। समय के साथ अब बच्चों की पसंद और खाने के तरीकों में काफी अंतर आया है। अब बच्चे देशी खाना छोड़ फास्टफूड और जंक खाना अधिक पसंद करते हैं। यही वजह है किे बच्चे उम्र से पहले शारीरिक व मानसिक रूप से बड़े हो रहे हैं और मोटापे का शिकार बन रहे हैं। बच्चों में बढ़ रही मोटापे की समस्या को चाइल्डहुड ओबेसिटी कहा जाता है। बच्चों की इस समस्या के पीछे कहीं न कहीं पेरेंट्स भी जिम्मेदार हैं जो बच्चे की हर गलत डिमांड को पूरा कर रहे हैं। चाइल्ड ओबेसिटी से बच्चों को किस तरह बचाया जाए और उन्हें कैसे अवेयर किया जाए चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या कहती है WHO की रिपोर्ट

WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार इनदिनों चाइल्ड ओबेसिटी सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। वर्ष 2016 में पांच साल से कम उम्र के 41 प्रतिशत बच्चे ओवेसिटी का शिकार थे अब इनकी संख्या में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यदि शुरुआत में बच्चों की गलत आदतों को रोका नहीं गया तो ये संख्या तेजी से बढ़ सकती है।
चाइल्डहुड ओबेसिटी के कारण
गलत खानपान: बच्चों को यदि बचपन से ही गलत खानपान की आदत पड़ जाए तो वह आसानी से इस समस्या का शिकार बन सकते हैं। बच्चों को जरूरत से ज्यादा खिलाना, फास्टफूड और बेकरी के आइट्म्स अधिक मात्रा में देने से उनका मोटापा बढ़ जाता है।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी: स्क्रीन और मोबाइल की लत ने बच्चों को आलसी बना दिया है। अब बच्चे दोस्तों के साथ फिजिकल गेम खेलने की बजाय मोबाइल पर गेम्स खेलना अधिक पसंद करते हैं। एक ही जगह पर बैठे-बैठे बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं।
हार्मोन में बदलाव: वर्तमान में बच्चे उम्र से पहले बड़े हो रहे हैं। उनके हार्मोन तेजी से बदल रहे हैं जिसके कारण उनका वेट गेन हो रहा है।
तनाव: मोटापे का एक कारण तनाव यानी स्ट्रैस है। बच्चे हर छोटी-छोटी चीजों का तनाव लेने लगे हैं जिसके कारण वह ओवरईटिंग या स्ट्रैस ईटिंग करते हैं। ये आदत उन्हें मोटापे की ओर ले जा रही है।
चाइल्डहुड ओबेसिटी की जटिलताएं
– ओवेसिटी से बढ़ सकता है हार्ट डिजीज का खतरा
– उम्र से पहले हो सकता है ज्वाइंट पेन
– बच्चों को हो सकती है नींद की समस्या
– ओबेसिटी से बढ़ सकती है टाइप-2 डायबिटीज
– बच्चों को बढ़ रहा है स्ट्रैस
– उठने और बैठने में परेशानी
– बच्चों को हो सकती है सांस लेने में दिक्कत
चाइल्डहुड ओबेसिटी से बचने के उपाय

घर का खाना: चाइल्ड ओबेसिटी से बचने के लिए जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चे को घर का खाना खाने के लिए मोटिवेट करें। ध्यान रखें कि बच्चे को बचपन से ही हाई न्यूट्रीशियन फूड दें ताकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो।
आउटडोर गेम्स: आजकल बच्चों को घर के बाहर जाकर खेलने के लिए मनाना बेहद मुश्किल हो गया है। बच्चे को खेलने के लिए मोटिवेट करें और खुद भी उसके साथ पार्टीसिपेट करें।
फास्टफूड से दूरी: फिट रहने के लिए जरूरी है कि फास्टफूड से दूरी बनाई जाए। बच्चों को डेली फास्टफूड देने की बजाय महीने में एक बार इसका सेवन करने दें। साथ ही शुगरी चीजों से दूर रहना बेहद जरूरी है।
फिजिकल एक्टिविटी: बच्चे को अधिक देर तक एक ही जगह बैठा न रहने दें। थोड़ी-थोड़ी देर में उसे वॉक कराएं यानी फिजिकली उसे एक्टिव रखें।
पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान
– बच्चे को ज्यादा खाने के लिए फोर्स न करें।
– बच्चे का साथ खुद भी हेल्दी फूड खाएं।
– बच्चे का तनाव दूर करने के लिए उसे पर्याप्त समय दें।
– पेरेंट्स बच्चे के साथ करें फिजिकल एक्टिविटी।
– बच्चे में कोई गलत आदत डेवलप न होने दें।
