How To Protect kids From Diabetes- टीवी, मोबाइल, टैबलेट और कंप्यूटर आज हर व्यक्ति की जिंदगी का हिस्सा बन गया है, ऐसे में बच्चे इसकी लत से अछूते कैसे रह सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार जो बच्चा एक दिन में तीन घंटे या इससे अधिक समय तक टीवी या स्क्रीन देखता है तो उसमें मोटापा, मानसिक बीमारी, आलस और डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं के लक्षण देखे जा सकते हैं। स्क्रीन देखने की लत के कारण बच्चा इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या का सामना करने लगता है जिससे डायबिटीज को बढ़ावा मिलता है। एक जगह पर लंबे समय तक बैठे रहना सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी खतरनाक होता है। डिजिटल स्क्रीन के संपर्क में अधिक रहने वाले बच्चों में हाई फैट और कोलेस्ट्रोल लेवल के बढ़ने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को टीवी और स्क्रीन से दूर रखा जाए साथ ही बच्चों की लाइफस्टाइल में भी बदलाव करना आवश्यक है।
बच्चों में डायबिटीज होने का जोखिम
बच्चों में डायबिटीज होने का जोखिम कई कारणों से बढ़ सकता है। टीवी और स्क्रीन के अलावा डायबिटीज के लिए ये कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
फैमिली हिस्ट्री- जिन बच्चों के माता-पिता या भाई-बहन को पहले से डायबिटीज के लक्षण होते हैं उन्हें टाइप-1 डायबिटीज का सामना करना पड़ सकता है।
जेनेटिक – टाइप-1 डायबिटीज का जोखिम विशिष्ट जीन से जुड़ा होता है। जिन बच्चों के शरीर में विशिष्ट जीन होते हैं उन्हें इसका खतरा हो सकता है।
वायरस – विभिन्न प्रकार के वायरस के संपर्क में आने से आइलेट सेल्स डिस्ट्रॉय हो सकते हैं जिससे ये वायरस शरीर के ऑटोइम्यून सिस्टम पर आसानी से वार कर सकते हैं।
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बच्चों को डायबिटीज से कैसे रखें सुरक्षित
बढ़ाएं फिजिकल एक्टिविटी
बच्चों को डायबिटीज से दूर रखने के लिए जरूरी है कि उनकी फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाया जाए। एक रिपोर्ट के अनुसार हर बच्चे को प्रतिदिन कम से कम एक घंटा फिजिकल रूप से एक्टिव होना चाहिए। इसके लिए बच्चे को रनिंग, जॉगिंग, फुटबॉल, बास्केटबॉल या स्वीमिंग जैसी एक्टिविटी को अपने रुटीन में शामिल करना चाहिए।
बाहर खेलने दें
जो बच्चे घर में रहकर टीवी, स्क्रीन और मोबाइल अधिक देखते हैं उन्हें टाइप-1 डायबिटीज हो सकती है। बच्चों की इस लत को छुड़ाने के लिए पेरेंट्स उन्हें घर के बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चा जितना घर के बाहर खेलेगा उतना ही उसका शारीरिक और मानसिक विकास होगा।
डाइट में करें बदलाव
आजकल के अधिकांश बच्चे काउच पोटेटो होते जा रहे हैं। यानी की स्क्रीन के सामने घंटों काउच पर बैठे रहना और जंक फूड का सेवन करना। बच्चों का जरूरत से ज्यादा जंक फूड और शुगरी चीजें खाना डायबिटीज को बढ़ावा दे सकता है। इसलिए बच्चों को डायबिटीज से दूर रखने के लिए हेल्दी और बैलेंस्ड मील दें। बच्चा दिनभर में क्या खाता है इसका डायबिटीज पर काफी प्रभाव पड़ता है।
वजन करें कंट्रोल
अनहेल्दी लाइफस्टाइल और जंक फूड का अधिक सेवन मोटापे और ओबेसिटी को बढ़ावा दे रहा है। शरीर को स्वस्थ्य और एनरजेटिक रखने के लिए वजन को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। जो बच्चे अधिक टीवी देखते हैं उनकी फिजिकल एक्टिविटी अन्य बच्चे के तुलना में काफी कम होती है। जो डायबिटीज का कारण भी बन सकता है। इसलिए बच्चों का वजन मेंटेन करने का प्रयास करें। उन्हें रस्सी कूदना, रनिंग, जॉगिंग और हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज करने के लिए प्रेरित करें।