Lucknow Bhool Bhulaiya: नवाबों की शानों शौकत का गवाह है लखनऊ शहर। यहां के नवाबों ने ऐसी कई इमारतों का निर्माण करवाया, जिनके बारे में जानकर आज भी लोग हैरानी में पड़ जाते हैं। कई सौ साल पहले बनीं ये इमारतें न सिर्फ देखने में खूबसूरत हैं, बल्कि अपने अंदर कई रहस्य छिपे हुए हैं। इन्हीं में से एक है भूल भुलैया। बड़ा इमामबाड़ा के अंदर बनी भूल भुलैया लखनऊ का मशहूर पर्यटन स्थल है। आज बताते हैं आखिर भूल भुलैया इतनी खास क्यों है।
Lucknow Bhool Bhulaiya: इसलिए खास है भूल भुलैया

ये भूल भुलैया सिर्फ नाम की ही भूल भुलैया नहीं है, बल्कि इसका निर्माण इतनी बुद्धिमानी से किया गया है कि अगर आप इसमें बिना गार्ड के चले जाएंगे तो बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा। इसमें चार रास्ते बने हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ एक ही रास्ता सही है। बाकी तीन रास्ते कंफ्यूज करने के लिए हैं। मात्र ढाई फीट चौड़ी इन राहों पर आप गोल गोल घूमते रह जाएंगे, लेकिन बाहर निकलना मुश्किल है। इस भूल भुलैया की शुरुआत करीब 330 फीट लंबी सुरंग से होती है। इसमें दुश्मनों को देखने के लिए खिड़कियां बनी हैं। इन खिड़कियों की खासियत ये है कि अंदर से तो ये नजर आती हैं, लेकिन बाहर से इन्हें देख पाना नामुमकिन है। जी हां, ये उस समय के आर्किटेक्चर का बेजोड़ नमूना है।
उड़द की दाल, सिंघाड़े के आटे और शहद से बनी हैं दीवारें
इस भूल भुलैया की सबसे बड़ी खासियत है इसकी 15 फीट मोटी दीवारें। ये दीवारें चूने, मिट्टी या सीमेंट की जगह उड़द की दाल, गुड़, सिंघाड़े के आटे, गन्ने के रस और शहद से मिलाकर बनाई गई हैं। हैरानी की बात ये है कि आज तक इन दीवारों में दीमक या चीटियां नहीं लगी हैं। यही कारण है कि इस भूल भुलैया की दीवारों के कान है।
यहां दीवारों पर कान लगाने से आपको 20 फीट दूर खड़े शख्स की बात आसानी से सुनाई देगी। उस जमाने में ऐसी टेक्नोलॉजी का विकास होना, यहां आने वाले पर्यटकों को हैरान कर देता है। हालांकि जर्जर होने के कारण भूल भुलैया के कुछ हिस्सों में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इन्हीं में यहां बनी बालकनी भी शामिल है। कहा जाता है कि अगर इस बालकनी में खड़े होकर कोई माचिस की तिल्ली जलाता था, तो भी आवाज भूल भुलैया के अंदर तक सुनाई देती थी।
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नवाब आसिफुद्दौला ने करवाया था निर्माण

बड़ा इमामबाड़ा की इस ऐतिहासिक धरोहर का निर्माण अवध के नवाब आसिफुद्दौला ने सन 1784 से 1794 के बीच करवाया था। इमामबाड़ा की खूबसूरत इमारत में बनी यह भूल भुलैया इतने सालों से लोगों के लिए आकर्षण के साथ ही आश्चर्य का भी कारण बनी हुई है। इसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। वे गवाह बनते हैं भारतीय स्थापत्य कला के इस बेजोड़ नमूने के अचरज देखने के। इस बार समर हॉलीडे में आप बच्चों को कुछ स्पेशल दिखाना चाहते हैं तो लखनऊ का प्लान बना सकते हैं और बच्चों को इस गौरवशाली इतिहास को दिखा सकते हैं।