20+ इम्फाल के ये हैं घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल
Famous Places in imphal : इम्फाल में घूमने के लिए कई खूबसूरत जगह हैं। आइए जानते हैं इन खूबसूरत जगहों के बारे में-
Imphal Mein Ghumne ki Best Jagah: मणिपुर की राजधानी इम्फाल प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर शहर है। यहां आप कई जगहों पर जा सकते हैं, जिसकी सुंदरता आपको काफी ज्यादा अचंभित कर सकती है। यहां के कंगला किले से लेकर थंगल जनरल मंदिर तक की यात्रा आपके लिए काफी सुखद भरी हो सकती है। इस लेख में हम आपको ऐसे स्थानों के बारे में बताएंगे, जहां की यात्रा करना आपके लिए काफी ज्यादा यादगार हो सकती है। आइए जानते हैं 20+ इम्फाल के घूमने के बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन से हैं?
इम्फाल में घूमने के लिए 20 खूबसूरत जगह – Famous Places in imphal in Hindi
| जगह | किलोमीटर (शहर से दूरी) |
| कंगला किला (Kangla Fort) | 1 किलोमीटर |
| एबुधो थांगजिंग मंदिर (Ibudhou thangjing Temple) | 24 किलोमीटर |
| थंगल जनरल मंदिर (Thangal General Temple) – | 3.2 किलोमीटर |
| थ्री मदर्स आर्ट गैलरी (three mothers art gallery) | 1 किलोमीटर |
| मनीपुर जूलॉजिकल गार्डन (Manipur Zoological Gardens) | 6 किलोमीटर |
| इमा कैथल मार्केट (Ema Keithel Market) | 1.5 किलोमीटर |
| रेड हिल्स (Red Hills) | 20 किलोमीटर |
| शहीद मीनार (Shaheed Minar) | 1.5 किलोमीटर |
| केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (keibul lamjao rashtriya udyan) | 47.8 किलोमीटर |
| श्री गोविंदजी मंदिर (Shri Govindajee Temple) | 1 किलोमीटर |
| थारोन गुफा (Tharon cave) | 50 किलोमीटर |
| लोकटक झील (Loktak Lake) | 31 किलोमीटर |
| सिंगदा बांध (Singda Dam) | 17 किलोमीटर |
| आईएनए म्यूजियम (INA Museum) | 45.5 किलोमीटर |
| मणिपुर स्टेट म्यूजियम (Manipur State Museum) | 1.8 किलोमीटर |
| इम्फोल वेली (Imphal Valley) | 7.6 किलोमीटर |
| इम्फाल वॉर सेमेट्री (Imphal War Cemetery) | 2.1 किलोमीटर |
| श्री हनुमान ठाकुर मंदिर (Shri Hanuman Thakur Temple) | 4.1 किलोमीटर |
| बैटल ऑफ इम्फाल टूर (Battle of Imphal Tours) | 8.9 किलोमीटर |
| कैना हिलॉक (Kaina Hillock) | 29.7 किलोमीटर |
कंगला किला (Kangla Fort)
कांगला फोर्ट जिसे कंगला महल के नाम से भी जाना जाता है। यह इम्फाल नदी के तट पर स्थित है, जिसे राजा पखंगबा के शाही महल के रूप में जाना जाता है। 2003 के बाद इस फोर्ट को आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इसका ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व भी है जो इसे एक बड़ा पर्यटक आकर्षण बनाता है। अगर आप इम्फाल जाएं, तो इस खूबसूरत किले को देखना बिल्कुल भी न भूलें।
प्रवेश शुल्क
कंगला किले में प्रवेश के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 5 रुपये शुल्क के रूप में देना पड़ता है। आप यहां सुबह 7 बजे से शाम के 5 बजे तक घूम सकते हैं।
एबुधो थांगजिंग मंदिर (Ebudhou thangjing Temple)

इम्फाल के बिष्णुपुर में स्थित मोइरांग को समृद्ध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लिए जाना जाता है। मई माह में यहां मोइरांग लाई हराओबा उत्सव मनाया जाता है। इस मौके पर कई लोग ‘एबुधौ थांगजिंग’ का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैँ। यह उत्सव लगभग एक महीने तक चलता है और प्रत्येक रविवार को देवता को एक विशाल सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। यह वह स्थान भी है, जहां नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम शुरू किया था और जहां उन्होंने 14 अप्रैल 1944 को झंडा फहराया था।
प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां किसी भी समय जा सकते हैं।
थंगल जनरल मंदिर (Thangal General Temple)
थंगल जनरल मंदिर का निर्माण 1879 में हुआ था। यह सुंदर मंदिर मणिपुर की राजधानी इम्फाल के वांगखेई इलाके में स्थित है। इस मंदिर के निर्माण का श्रेय थंगल जनरल के नाम से लोकप्रिय कंगाबम चितानंद सिंह को दिया जाता है। थंगल जनरल 1891 के एंग्लो-मणिपुर युद्ध के सबसे प्रमुख नायकों में से एक थे। वह महाराज कुलचंद्र के दरबार में एक प्रमुख व्यक्ति थे। अंग्रेजों ने उन्हें रानी के खिलाफ युद्ध छेड़ने और ब्रिटिश अधिकारियों की हत्या के लिए उकसाने के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।

प्रवेश शुल्क
इस मंदिर में प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक इस मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।
थ्री मदर्स आर्ट गैलरी (Three mothers art gallery)

इम्फाल के थंगापट मैपल पैलेस कंपाउंड के परिसर में स्थित थ्री मदर्स आर्ट गैलरी स्थित है। यह एक संग्रहालय है जो ड्रिफ्टवुड मूर्तिकला कला के माध्यम से राज्य की समृद्ध संस्कृति, परंपरा, इतिहास और विरासत को प्रदर्शित करता है। आर्ट गैलरी सह संग्रहालय कलाकार श्री गुरुमायुम श्यामसुंदर शर्मा द्वारा चलाया जाता है और संग्रहालय 1000 वर्ग फीट के क्षेत्र में एक शेड जैसे कमरे में स्थित है। इसकी स्थापना 1978 में स्थापित हुई थी।
प्रवेश शुल्क
इस आर्ट गैलरी में प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक जा सकते हैं।
मनीपुर जूलॉजिकल गार्डन (Manipur Zoological Gardens)
दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण और प्रजनन में विशेषज्ञता के लिए यह जगह काफी प्रसिद्ध है। यह जगह अपनी चारों ओर की हरी-भरी हरियाली और शांत वातावरण के साथ पहाड़ियों से घिरी होने की वजह से काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इस गार्डन को 1976 में तैयार किया गया था।

प्रवेश शुल्क
इस जूलॉजिकल गार्डन में जाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 10 रुपये शुल्क के रूप में देना होता है। वहीं, यहां आप सुबह 10 बजे से शाम के 3.30 बजे तक प्रवेश कर सकते हैं।
इमा कैथल मार्केट (Ima Keithel Market)

इमा कैथल मार्केट दुनिया में अपनी तरह का एक खास और बड़ा बाजार है, जिसे पूरी तरह महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। महिलाओं के बाजार के रूप में प्रसिद्ध यह मार्केट पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। स्थानीय महिलाओं को पारंपरिक फानेक (कमर के चारों ओर कसकर लपेटी जाने वाली लंबी स्कर्ट) और इनाफिस (शॉल के समान कंधे के पर्दे) पहने हुए हर सुबह अपनी दुकानें और स्टॉल लगाते हुए देखना काफी अलग अनुभव देता है। बता दें कि ‘इमा’ शब्द का अर्थ है मां और इमा कीथेल में सड़क के दोनों किनारों पर लगभग 5,000 आईएमए स्टॉल चला रहे हैं। यहां आप मणिपुर की तरह-तरह की चीजों को खरीद सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप इस मार्केट में सुबह 6.30 बजे से शाम के 6 बजे तक मार्केटिंग कर सकते हैं।
रेड हिल्स (Red Hills)

रेड हिल लोकपाचिंग टिडिम रोड पर स्थित है, जो अपनी ऐतिहासिक विशिष्टता के लिए प्रसिद्ध है। यह वही स्थान है, जहां द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश और जापानियों ने लड़ाई लड़ी थी। इस जगह पर जाने के बाद आपको उस समय की याद में डूब जाएंगे, जब अंग्रेजों ने भारत पर क्रूरतापूर्वक शासन किया था।
प्रवेश शुल्क
रेड हिल जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 8 बजे से शाम के 5 बजे तक जा सकते हैं।
शहीद मीनार (Shaheed Minar)
यह 11 मीटर लंबा टॉवर बीर टिकेंद्रजीत पार्क के केंद्र में स्थित है। यह उन लोगों के लिए एक स्मृति स्मारक है, जो 1891 में मैतेई विद्रोह में लड़ते हुए अंग्रेजों के खिलाफ शहीद हुए थे। अगर आप इम्फाल जा रहे हैं, तो इस शहीद स्मारक को देखना बिल्कुल भी मिस न करें।

प्रवेश शुल्क
शहीद मीनार देखने के लिए आपको कोई शुल्क देने की जरूरत नहीं है। आप यहां सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक जा सकते हैं।
केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (keibul lamjao rashtriya udyan)
केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान, दुनिया का एकमात्र फ्लोटिंग नैशनल पार्क है। यह मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में स्थित है और लोकटक झील का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पार्क फ्लोट करता है, जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। प्रकृति प्रेमियों और शोधकर्ताओं को यह उद्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।

प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप सुबह 6 बजे से शाम के 4 बजे तक यहां जा सकते हैं।
श्री गोविंदजी मंदिर (Shri Govindajee Temple)
इम्फाल की यात्रा के दौरान आप गोविंदजी मंदिर जा सकते हैं। यह शाही महल के पास स्थित है, जो मणिपुर के प्रमुख मंदिरों में से एक है और इसका निर्माण वास्तुकला की नागर शैली में की गई है। यह श्री गोविंदजी के साथ-साथ विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं जैसे कृष्ण, बलराम, जगन्नाथ, सुभद्रा आदि को समर्पित है।

प्रवेश शुल्क
इस मंदिर में प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 5 से 12 और शाम में 4 बजे से रात के 9 बजे तक दर्शन के लिए जा सकते हैं।
थारोन गुफा (Tharon cave)
इम्फाल में स्थित 655.6 मीटर लंबी इस गुफा में जाना किसी एडबेंचर से कम नहीं है। अगर आपको एडबेंचर पसंद है, तो आप इस खूबसूरत गुफा में प्रवेश कर सकते हैं। यह आपको एक साहसिक अनुभव प्रदान करता है। एडबेंचर को पसंद करने वाले लोगों के लिए यह काफी आकर्षक केंद्र है। इस गुफा को थेउलुआन गुफा के नाम से भी जाना जाता है।

प्रवेश शुल्क
इस गुफा में प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक प्रवेश कर सकते हैं।
लोकटक झील (Loktak Lake)
लोकटक झील देश की सबसे बड़ी फ्रेश पानी वाली झील है। झील पर बना सेंड्रा द्वीप, राज्य के सबसे खूबसूरत आकर्षणों में से एक हैं। इम्फाल से लगभग 50 किमी दूर स्थित, लोकटक झील इम्फाल की घाटी में स्थित है और मणिपुर राज्य में बहने वाली सभी नदियों और नालों का घर है।

प्रवेश शुल्क
लोकटल झील के देखने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 8 बजे से शाम के 6.30 बजे तक जा सकते हैं।
सिंगदा बांध (Singda Dam)
सिंगदा डैम विश्व का सबसे ऊंचा मिट्टी से बना डैम है। यह मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 16 किमी दूरी पर स्थिति है। यह बांध अपनी प्राकृतिक सुंदर दृश्यों और शांति के लिए जाना जाता है। साथ ही यह एक काफी खूबसूरत और लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।

प्रवेश शुल्क
सिंगदा बांध जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां किसी भी समय जा सकते हैं।
आईएनए म्यूजियम (INA Museum)
आईएनए मेमोरियल कॉम्प्लेक्स में स्थित भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) वॉर म्यूजियम मणिपुर में द्वितीय विश्व युद्ध को समर्पित एकमात्र आधिकारिक संग्रहालय है। इस म्यूजियम में मुख्य रूप से आपको नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका और गतिविधियों के बारे में जानने का मौका मिलेगा। यहां आपको 1944 में हुए मणिपुर युद्ध के अवशेष, जिनमें इस्तेमाल हुए जाने वाले हथियार और गोला-बारूद, संगीन, हेलमेट और बोतलों को अवशेष देखने को मिलेंगे।

प्रवेश शुल्क
इस म्यूजियम में प्रवेश के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 5 रुपये शुल्क के रूप में देना होता है। वहीं, आप यहां सुबह 9 बजे से शाम के 4 बजे तक जा सकते हैं।
मणिपुर स्टेट म्यूजियम (Manipur State Museum)

इस म्यूजियम की स्थापना 1969 में की गई है। यह संग्रहालय में आपको पुरातत्व, प्राकृतिक इतिहास और चित्रकला जैसी विभिन्न श्रेणियों की कलाकृतियों को देखने का मौका मिलेगा। इस म्यूजियम में आपको मणिपुरी शासकों के स्वामित्व वाली वस्तुओं को देखने का मौका मिलेगा, जो काफी अद्भुत है।
प्रवेश शुल्क
इस म्यूजियम में प्रवेश शुल्क के रूप में आपको 5 रुपये देना होता है। आप यहां सुबह 10.30 से शाम के 4.30 बजे तक प्रवेश कर सकते हैं।
इम्फोल वेली (Imphal Valley)

मणिपुर में स्थित इम्फाल वेली एक अंडाकार घाटी है, जिसका निर्माण कई छोटी नदियों से हुआ है। इम्फाल की यात्रा के दौरान आप इस घाटी पर प्राकृतिक खूबसूरती का नजारा ले सकते हैं। इसकी खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित तरती है।
प्रवेश शुल्क
इस वेली पर जाने के लिए आपको किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप किसी भी समय यहां जा सकते हैं।
इम्फाल वॉर सेमेट्री (Imphal War Cemetery)
इम्फाल वॉर सेमेट्री में मूल रूप से लगभग 950 कब्रें थीं, लेकिन युद्ध समाप्त होने के बाद, सेना कब्र सेवा इम्फाल में दो छोटे कब्रिस्तानों और आसपास के क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से कब्रें लाईं गई। इसके बाद से द्वितीय विश्व युद्ध के 1,600 राष्ट्रमंडल दफन हैं।

प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 9 से शाम के 4 बजे तब जा सकते हैं।
श्री हनुमान ठाकुर मंदिर (Shri Hanuman Thakur Temple)
यह मंदिर इम्फाल में इम्फाल नदी के तट पर महाबली वन के पेड़ों के बीच स्थित है। इसका निर्माण राजा गरीब निवाज ने सन् 1725 ई. में करवाया था। मंदिर का निर्माण ईंटों से किया गया था और बाद में पूरे ढांचे पर सीमेंट की परत चढ़ाई गई थी। मंदिर के सामने मंडप का निर्माण किया गया है, जो मुख्य मंदिर की संरचना को छाया देता है। मंदिर का चबूतरा बाहर से दिखाई नहीं देता है।

प्रवेश शुल्क
इस मंदिर में प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक दर्शन के लिए जा सकते हैं।
बैटल ऑफ इम्फाल टूर (Battle of Imphal Tours)
इम्फाल और कोहिमा की लड़ाई को ब्रिटिश सैन्य इतिहासकार रॉबर्ट लाइमैन ने द्वितीय विश्व युद्ध की चार महान निर्णायक लड़ाइयों में से एक के रूप में शामिल किया है। इन लड़ाइयों में ब्रिटिश और भारतीय दोनों सैनिकों वाली ब्रिटिश कोर ने जापानी सेना को भारत में प्रवेश करने और एशिया में मार्च करने से रोक दिया था। इम्फाल टूर के दौरान आप कोहिमा और गुवाहाटी में युद्धक्षेत्र स्थलों और युद्ध कब्रिस्तानों का टूर करेंगे।

प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप किसी भी समय इस इलाके में जा सकते हैं।
कैना हिलॉक (Kaina Hillock)
कैना को कोइना भी कहा जाता है। यह मणिपुर का एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है। यह समुद्र तल से 921 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक पहाड़ी है। यह मंदिर सिर्फ 29 किमी दूर स्थित है। इम्फाल की यात्रा के दौरान आप कुछ समय यहां शांतिपूर्ण से बिता सकते हैं। इस पहाड़ी पर एक सुंदर श्री गोविंदजी मंदिर है, जिसकी नींव महाराजा जय सिंह ने रखी थी, जिनकी श्री गोविंदजी में गहरी आस्था थी। यह मंदिर कटहल के पेड़ पर बना हुआ है।

प्रवेश शुल्क
कैना जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद जा सकते हैं।
इम्फाल घूमने का सबसे सही समय कौन सा है?
इम्फाल घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का माना जाता है। ऐसे में आप अक्टूबर से फरवरी माह में यहां जा सकते हैं। इस मौसम में इम्फाल की यात्रा आपके लिए काफी आकर्षक और यादगार हो सकती है।
इम्फाल कैसे पहुंचे?
रेल मार्ग : इम्फाल में आप जहां भी घूमने जाएंगे, वहां रेल की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। क्योंकि यहां फिलहाल किसी भी तरह का रेलमार्ग तैयार नहीं किया गया है। हालांकि, आप यहां के नजदीक वाले रेलवे स्टेशन जैसे- दीमापुर की टिकट ले सकते हैं। यहां से लोकल गाड़ी की मदद से इम्फाल की यात्रा शूरू करें।
सड़क मार्ग : इम्फाल जाने के लिए आप सड़क मार्ग का चुनाव कर सकते हैं। आप अपनी कार या फिर ट्रेवल पैकेज की मदद से सड़क यात्रा शुरू करवा सकते हैं।
फ्लाइट की मदद : इम्फाल जाने के लिए आप एयर टिकट ले सकते हैं। इसके लिए आप अपने नजदीक के हवाई अड्डा इंफाल के लिए टिकट ले सकते हैं।
इम्फाल में ठहरने के लिए होटल
शिरुई लिली होटल
एमजी एवेन्यू, कंगलापार्क, ट्रैफिक प्वाइंट के पास
इको हेरिटेज विला
एयर पोर्ट से 3 किलोमीटर दूर
हार्ट ऑफ इम्फाल
इम्फाल
FAQ | क्या आप जानते हैं
इम्फाल घूमने के लिए आपको 20 से 25 हजार रुपये की जरूरत होती है। हालांकि, आपके ट्रैवल का खर्चा भी ट्रैवल के बजट पर निर्भर करता है।
अक्टूबर से मार्च के बीच आप इम्फाल की यात्रा कर सकते हैं।
इम्फाल में आप अपने बजट के हिसाब से होटल्स में रुक सकते हैं।
रात के समय आप लोकटक झील, मंदिर, मार्केट जा सकते हैं।
रात में आप शॉपिंग, वॉकिंग और प्राकृतिक के नजारों का आनंद ले सकते हैं।
