पेरेंट्स बच्चों को एंग्जायटी से बचाने के लिए करें ये काम
पेरेंट्स को अपनी तरफ से वैसी गलतियाँ करने से बचना चाहिए जिसकी वजह से उनके बच्चे एंग्जायटी के शिकार होते हैं।
Anxiety issues in children: आज के समय में एंग्जायटी केवल बड़ों को नहीं होता है, बल्कि बच्चों को भी होता है। इसके लिए भी बच्चे नहीं, बल्कि कहीं न कहीं पेरेंट्स ही जिम्मेदार होते हैं, वे अनजाने में ही अपनी गलतियों से बच्चों को एंग्जायटी का शिकार बनाते हैं। जिसकी वजह से उनका बच्चा हमेशा डरा-डरा सा रहता है या फिर भी अचानक से किसी भी बात के कारण घबरा जाता है व अपना गुस्सैल स्वभाव दिखाने लगता है। उस समय पेरेंट्स बच्चे को डांट कर सुधारने की कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा करने से बच्चे सुधरते नहीं हैं, बल्कि उनकी स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती है। इसलिए पेरेंट्स को अपनी तरफ से वैसी गलतियाँ करने से बचना चाहिए जिसकी वजह से उनके बच्चे एंग्जायटी के शिकार होते हैं।
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बच्चे की अत्यधिक आलोचना करने से बचें

आप चाहती हैं कि आपका बच्चा हर चीज़ में अच्छा करें, लेकिन किसी कारण से अगर आपका बच्चा आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है तो आप इसकी वजह से हर समय अपने बच्चे की आलोचना ना करें। अगर आप ऐसा करती हैं तो बच्चा प्रेशर महसूस करता है और इस प्रेशर के कारण अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाता है और आपकी आलोचना से उसका मनोबल और भी ज्यादा टूट जाता है। इसलिए आप बच्चे की आलोचना करने से बचें, ऐसा करने के बजाए आप उसे हमेशा अपने शब्दों से प्रोत्साहित करें, ताकि उसका नजरिया चीजों को लेकर सकारात्मक रहे।
अन्य बच्चों के साथ तुलना ना करें

बच्चों को किसी भी दूसरे बच्चों के साथ तुलना बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता है। जब पेरेंट्स उनकी तुलना दूसरे बच्चों के साथ करते हैं तो वे इस बात के कारण अन्दर की अन्दर गुस्सा होते रहते हैं और खुद को कमजोर समझने लगते हैं। कई बार तो बच्चों को यह भी लगने लगता है कि उनके पेरेंट्स उनसे प्यार नहीं करते हैं और इस बात को लेकर वे खुद को अकेला महसूस करते हैं, जिसकी वजह से वे अनजाने में ही एंग्जायटी के शिकार हो जाते हैं। आप अपनी तरफ से इस बात का खास ध्यान रखें और अन्य बच्चों के साथ तुलना करने से बचें।
पढ़ाई का बहुत ज्यादा प्रेशर ना बनाएं

कई बार ऐसा भी होता है कि जब बच्चे पढ़ाई में अच्छा नहीं करते हैं तो पेरेंट्स उनके ऊपर कुछ ज्यादा ही प्रेशर बनाने लगते हैं, जिसकी वजह से अच्छा परफॉर्म करने का प्रेशर बच्चों पर आ जाता है। उन्हें हमेशा इस बात का डर लगा रहता है कि अगर उन्होंने पढ़ाई में अच्छा नहीं किया तो आप उन्हें डांटेगी, जिसकी वजह से वे एंग्जायटी के शिकार हो जाते हैं।
बच्चे की असफलता पर उसे मारे नहीं

यह बिलकुल भी जरूरी नहीं है कि आपका बच्चा हर चीज़ में अच्छा करें और सफलता ही हासिल करे। कभी-कभी वह कुछ चीजों में असफल भी हो सकता है, ऐसे में आप उस समय बच्चे को मारें नहीं और ना ही उसपर अच्छा करने का प्रेशर बनाएं, बल्कि खुद भी समझें और उसे भी समझाएं कि कैसे वह अपनी असफलता से सीख सकता है और खुद को मोटिवेट कर सकता है।
