Hydroponic Planting: अधिकतर लोगों का मानना है कि बिना मिट्टी के पौधे उगाए नहीं जा सकते हैं, जो पूरी तरह से सही नहीं है। कुछ ऐसे पौधे होते हैं, जिन्हें हम बिना मिट्टी के भी उगा सकते हैं। इसके लिए हाइड्रोपोनिक्स विधि का उपयोग किया जाता है, जो मिट्टी के बजाय पोषक तत्वों से भरपूर पानी के घोल में पौधों को उगाने की एक विधि है। फिलोडेंड्रोन, एग्लोनिमा, मैरिमो मॉस बॉल्स, सिन्गोनियम और लकी बैम्बू सभी ऐसे पौधों के उदाहरण हैं जिन्हें हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग करके या सादे पानी में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।
Hydroponic Planting: लकी बैम्बू

नाम से भले ही आपको यह लग रहा हो कि यह बांस है लेकिन ऐसा नहीं है। यह एक डेकोरेटिव पौधा है, जो आपके घर की खूबसूरती में चार चांद लगा सकता है। लक्की बैम्बू को रिबन ड्रैसीना भी कहा जाता है। यह पौधा मिट्टी में उगता है लेकिन अधिकतर लोग इसे डेकोरेटिव पौधे की तरह घर में लगाते हुए इसे हाइड्रोपोनिक तरीके से उगाते हैं। इसके लिए बस गिलास में पानी की जरूरत है, जिसमें इसकी जड़ सिर्फ एक इंच तक डूब जाए। साथ ही कुछ सपोर्ट सिस्टम चाहिए, जिससे पौधा सीधा खड़ा रह सके। यह सपोर्ट सिस्टम कुछ पत्थर हो सकते हैं। यह पौधा आपको लोकल मार्केट और ऑनलाइन साइट्स दोनों जगह आसानी से मिल जाएगा।
फिलोडेंड्रोन

ये एक हाउस प्लांट है जो बेहद खूबसूरत और दिल के आकार के पत्तों वाला पौधा है। यह कम और तेज रोशनी दोनों में रह सकता है और इसे बहुत कम देखभाल की जरूरत पड़ती है। अमूमन इस पौधे को गमले में उगाया जाता है लेकिन यह पौधा बिना मिट्टी के भी उग सकता है। फिलोडेंड्रोन उगाने के लिए किसी भी फिलोडेंड्रोन पौधे से 6 इंच काट लीजिए और नीचे के पत्तों से दो पत्ते हटा दीजिए। अभी से पानी भरे जार में डालिए और 10 दिन तक इंतजार कीजिए। आप देखेंगे कि उन पत्तों वाली जगहों पर जड़ निकलने लगी हैं।
ऑर्किड

आर्किड एक ऐसा पौधा है जिसकी जड़ें ऐसे मेंब्रेन में ढकी होती हैं, जो आसपास के माहौल से पानी को खींच लेती हैं। अमूमन ऑर्किड को हाउस प्लांट के तौर पर उगाया जाता है जो मॉस या पत्थरों के साथ मिलता है। हालांकि, कम लोग ही इस बात को जानते हैं कि एक बार इसकी जड़ निकल गई तो इसे छाल के एक टुकड़े पर आसानी से पानी में उगाया जा सकता है।
टिलंडसिया

टिलंडसिया मिट्टी के बजाय हवा में उगते हैं। टिलंडसिया यानी एयर प्लांट की 650 से अधिक वैरायटी होती है, जो उगने पर बेहद खूबसूरत दिखते हैं। टिलंडसिया की पत्तियां रोसेट (rosett) के रूप में विकसित होती हैं, जो पौधों को पर्यावरण से पानी और पोषक तत्वों को इकट्ठा करने में मदद करती हैं। हाउस प्लांट के तौर पर इन पौधों को डेकोरेटिव जार में रखा जाता है।
सिंगोनियम

सिन्गोनियम एक ऐसा पौधा है, जिसे पानी में आसानी से उगाया जा सकता है। इसकी एक अन्य खास बात यह है कि इसके लिए मिट्टी की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती है और साथ ही देखभाल भी बहुत कम करनी पड़ती है। पौधे को उगाने के लिए जार में पानी भरकर ऐसी जगह पर रखिए जहां पर ब्राइट लेकिन इन डायरेक्ट सनलाइट आती हो। इस पौधे को पानी में उगाने के लिए टेबल या खिड़की के पास रखना बिल्कुल सही जगह है।
पेपरव्हाइट

पेपरव्हाइट डैफोडिल का एक प्रकार है जिसे घर के अंदर सर्दियों में आसानी से उगाया जा सकता है। ये खुशबूदार पौधे होते हैं और उगने के लिए इन्हें पानी और कुछ पत्थरों की जरूरत ही होती है। इनका रंग सफेद और पीला होता है, जो सर्दियों के मौसम में घर की डलनेस को दूर करके पॉजिटिविटी लेकर आता है।
एग्लोनिमा

एग्लोनिमा को पानी में उगाने के लिए एक हेल्दी चाइनीज पौधे से छह इंच को काटना है। इसके लिए एक स्टेरिलाइज्ड प्रूनर या स्निप्स का उपयोग किया जा सकता है। तने के कटे हुए सिरे को पानी में रखें, और नीचे की पत्तियों को हटा दें। जहां से आपने पत्तियां हटाई हैं, वहाँ से आपको जड़ें तीन से चार सप्ताह में दिखाई देनी शुरू हो जाएंगी।
मैरिमो मॉस बॉल्स

मैरिमो मॉस बॉल्स को क्लैडोफोरा बॉल्स के नाम से भी जाना जाता है। ये गोलाकार शैवाल हैं। इन्हें पानी भरे जार में अलग से भी उगाया जा सकता है। मैरिमो मॉस बॉल्स की देखभाल के लिए इन्हें इन डायरेक्ट सूरज की रोशनी में रखने की जरूरत पड़ती है। साथ ही कुछ हफ्ते में इसके पानी को बदलना भी जरूरी है।
कैसे उगते हैं बिना मिट्टी के पौधे
बिना मिट्टी के इन पौधों को उगाने के लिए आपको पोषक तत्वों से भरपूर पानी के घोल से भरे कंटेनर की आवश्यकता पड़ती है। पौधों को पेर्लाइट (perlite) या रॉकवूल (rockwool) जैसे बढ़ते माध्यम से भरे शुद्ध बर्तनों में रखा जा सकता है, जो जड़ों को जगह में रखता है और उन्हें पोषक तत्व से भरपूर पानी में बढ़ने देता है। जड़ें आवश्यक पोषक तत्वों और पानी को घोल से अवशोषित कर लेती हैं।
यह सुनिश्चित करने के लिए पोषक तत्व से भरपूर पानी के पीएच स्तर की नियमित रूप से निगरानी करना महत्वपूर्ण है कि यह उगाए जाने वाले विशिष्ट पौधों के लिए जरूरी सीमा के भीतर रहे। इसके अलावा, एक्स्ट्रा नमक और मिनरल के निर्माण को रोकने के लिए पानी के घोल को समय-समय पर बदलना चाहिए, जो पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।