Fake App Scam: आजकल का वक्त जेब में पैसे रखकर घूमने का नहीं हैं। क्योंकि डिजिटल पेमेंट या ऑनलाइन पेमेंट ने हमारे हर काम को आसान बना दिया है। बिल के भुगतान से लेकर पैसे भेजने तक के सभी काम आप अपने मोबाइल फोन से चुटकियों में कर सकते हैं। इसके लिए कई ऑनलाइन पेमेंट्स एप्लीकेशन मौजूद हैं। जिस तरह से इन ऐप्स ने हमारे लिए वित्तीय लेनदेन आसान किया है, वहीं ये हमारे लिए खतरा भी बन सकती हैं। दरअसल, डिजिटल क्राइम की दुनिया में बैठे ठग बहुत आगे हैं। वे लोकप्रिय ऑनलाइन पेमेंट्स एप्लीकेशन की नकल बनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं, इस तरह की ऐप्स को स्पूफिंग एप्लीकेशन कहा जाता है।
Fake App Scam: क्या होती है स्पूफिंग एप्लीकेशन?
आसान शब्दों में कहा जाए तो स्पूफिंग का मतलब है नकल के जरिए लोगों को ठगना या बेवकूफ बनाना। स्पूफिंग एप्लीकेशन स्कैम में लोकप्रिय ऑनलाइन पेमेंट ऐप की नकल कर साइबर अपराधी हूबहू उसके जैसा ऐप बना देते हैं। इतना ही नहीं ये स्पूफ ऐप लोकप्रिय ऐप की ही तरह काम करता है। इस तरह ही स्पूफ ऐप के जरिए मर्चेंट्स यानी दुकानदारों ही नहीं आम लोगों के साथ भी ठगी की जाती है। स्पूफिंग एप्लीकेशन के जरिए ठगी के कई मामले भी सामने आ चुके हैं।
किस तरह होती है ठगी?

साइबर अपराधी किसी भी लोकप्रिय पेमेंट ऐप का फेक एनिमेशन तैयार करते हैं। उदाहरण के तौर पर जब आप ऑनलाइन पेमेंट ऐप के जरिए कहीं पेमेंट करते हैं या कोई आपको पेमेंट करता है तो पेमेंट सक्सेस होने के बाद ऐप के होम स्क्रीन पर ट्रांजैक्शन से जुड़ी जानकारी दिखाई देती है, जैसे कितनी पेमेंट की गई, किसको की गई और कब की गई। इस तरह की ऐप असली ऐप की ही तरह काम करती हैं, जैसे जिसको पेमेंट करनी है उसका नाम या नंबर लिखना होता है, उसके बाद कितना पेमेंट करना है वो लिखा जाता है। जब इन सभी जानकारियों को भरने के बाद एंटर करते हैं तो ट्रांजैक्शन एनिमेशन तैयार हो जाता है। इसी स्क्रीन को दिखाकर दुकानदारों और लोगों को बेवकूफ बनाया जाता है। असली न होने की वजह से स्पूफ ऐप को आधिकारिक रूप से डाउनलोड नहीं किया जा सकता। इसलिए ये गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर नहीं मिलते। हालांकि इस तरह के ऐप गूगल से डायरेक्ट डाउनलोड हो सकते हैं। लेकिन अगर आप इस तरह की किसी फेक ऐप को डाउनलोड करते हैं तो आपको जेल भी हो सकती है।
क्या करें क्या न करें?
- अगर आप एक दुकानदार हैं तो पेमेंट ऐप के लिए Soundbox 2.0 डिवाइस लगवाएं, जो एक तरह का स्पीकर होता है। पेमेंट होने पर ये आपको पेमेंट के आपके अकाउंट में जाने की जानकारी देता है।
- पेमेंट करने और मिलने के बाद ट्रांजेक्शन का मैसेज जरूर चेक करें।
- पेमेंट की आधिकारिक मैसेज नहीं मिलने तक किसी भी निष्कर्ष पर न पहुंचे।
- हमेशा चेक करें कि UPI द्वारा की गए पेमेंट की राशि आपके UPI अकाउंट या बैंक अकाउंट में पहुंची या नहीं।
- अगर आपके साथ पेमेंट के नाम पर धोखाधड़ी हुई है तो तुरंत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर सूचित करें।