Single Mother Financial Tips: एक सिंगल मां के रूप में आपके पास कई तरह के काम होते हैं, जिसमें ऑफिस के काम से लेकर घर को मैनेज करने तक का काम शामिल है। यह तो वे काम हैं, जो सबको शायद नजर आएं, इसके अलावा बच्चों की देखभाल और उनकी पढ़ाई एक ऐसा काम है, जो जिम्मेदारियों से भरा है। और यहां तो एक सिंगल मां की जिम्मेदारी डबल हो जाती है क्योंकि उसे ही अकेले सभी काम करने होते हैं।
आप एक सिंगल मां की सभी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा रही हैं, इसके लिए आपको किसी को कुछ भी प्रूव करने की जरूरत नहीं है। लेकिन हां, आपके लिए यह भी जरूरी है कि आप अपने बच्चों को आर्थिक तौर पर स्मार्ट बनना सिखाएं। उन्हें बताएं कि वे कम उम्र से ही किस तरह पैसों को मैनेज कर सकते हैं और इसमें आपकी भूमिका अहम हो जाती है। इस तरह से उनका भविष्य भी बेहतर होता है और आगे भी उन्हें सही रास्ता मिलता है। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सिंगल मां किस तरह अपने बच्चों को आर्थिक रूप से स्मार्ट होने में मदद कर सकती है।
स्मार्ट बजट रणनीति
पर्याप्त और सही तरीके से बजट बनाने से इसकी शुरुआत की जा सकती है और इसे फॉलो करने पर बल देना चाहिए। यह संभव है कि सिंगल कमाई का स्रोत होने के कारण आपका बजट टाइट हो, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि इसका फायदा आपको भविष्य में भी मिले। इसके लिए सबसे बड़ी और पहली सलाह है कि बिल पेमेंट, राशन, स्कूल की फीस और अन्य जरूरी खर्चों के लिए पैसे सबसे पहले अलग कर लें। इसके साथ ही अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य के लिए लंबे टर्म वाली पॉलिसी में निवेश करें।
बचत

जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है, इसलिए आपको पहले से ही खुद को हर तरह की स्थिति के लिए तैयार करके रखना चाहिए। एक सिंगल मां होने का मतलब है कि आपको भावनात्मक और आर्थिक रूप से मजबूत और संबल होना पड़ेगा। ऐसे में, अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य के लिए लंबे टर्म वाली पॉलिसी में निवेश करना बेहद जरूरी है। इससे आपकी अनुपस्थिति में या फिर बच्चों के बड़े होने पर उन्हें आर्थिक मदद मिलने में दिक्कत नहीं होगी।
इमरजेंसी फंड
कोरोना के दौर में सब समझ चुके हैं कि हमारे लिए इमरजेंसी फंड कितना जरूरी है। इसलिए हर महीने अपनी सैलरी का एक छोटा हिस्सा इमरजेंसी फंड के लिए सुरक्षित रखना शुरू कर दीजिए। यह इमरजेंसी फंड भविष्य में होने वाली किसी भी आर्थिक संकट में काम आ सकता है।
आर्थिक साक्षरता

बच्चों में आर्थिक तौर पर समझदारी आने से उन्हें पैसों के महत्व के बारे में पता चलता है। यह याद रखिए सिर्फ आप ही अपने बच्चों की रोल मॉडल हैं, वे आपको ही देखकर कुछ भी सीखते हैं। इसलिए उनके अंदर स्वस्थ आर्थिक आदतें डालना भी आपका ही काम है। इस तरह से वे खुद को आर्थिक तौर पर संबल मानेंगे।
कर्ज को कहें ना
क्रेडिट कार्ड बिल, लोन जैसी चीजों से बचकर रहें क्योंकि ये आपके बच्चों की जिंदगी को प्रभावित करते हैं। इस तरह से पैसे बिल्कुल भी ना उठायें।