Finance Management : अपने माता-पिता से पैसे निवेश और पैसे मैनेज करने की बात करना बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर उनसे जिनकी उम्र रोजाना बढ़ रही है। लेकिन यह जरूरी है कि आप अपने माता-पिता से फाइनेंस और रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ ही भविष्य के बारे में जितनी जल्दी बातें कर लें, उतना ही अच्छा होगा। जब आपके माता-पिता की उम्र बढ़ने लगती है, तो यह आपकी जिम्मेदारी हो जाती है आप उनके भविष्य को बेहतर तरीके से प्लान कीजिए, जिसमें सही रिटायरमेंट प्लान और निवेश शामिल है। यदि आप यह सोच रहे हैं कि आप अपने उम्रदराज होते माता-पिता की किस तरह से आर्थिक तौर पर मदद कर सकते हैं, तो यहां आपकी मदद के लिए कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं। ये टिप्स आपकी मदद करेंगे अपने माता-पिता के फाइनेंस और निवेश को मैनेज करने में।
बातचीत की तैयारी
यह सबसे कठिन काम है और इसे बहुत गंभीरता और धैर्य के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है। सबसे पहले तो यह समझने की कोशिश करें कि वे निवेश रिटायरमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में क्या सोचते हैं। आपको यह भी उन्हें स्पष्ट करने की जरूरत होगी कि आप सिर्फ उनकी मदद करना चाहते हैं ताकि भविष्य में उनके लिए सुरक्षा और आर्थिक आजादी दोनों मुहैया कराई जा सके। आपको उन्हें यह भी स्पष्ट करना होगा कि आप उनकी जमा पूंजी को लेने के मूड में तो कतई भी नहीं है।
यह सच है कि व्यक्ति जैसे ही उम्रदराज होता जाता है, उसकी आदतें और उसका मूड बचपन में बदलने लगता है। इसलिए यह जरूरी है कि उम्रदराज होते हैं माता-पिता की देखभाल और उनसे बातचीत बहुत ज्यादा सावधानी के साथ की जाए, अन्यथा आप उन्हें दुखी कर सकती हैं। बेहतर तो यह होगा कि आप उनसे उस समय बात करें, जब उनका मूड अच्छा हो जैसे कि वह किसी बगीचे में बैठे हो या अपने फेवरेट रेस्टोरेंट में।

अपने माता-पिता से किस बारे में पूछें
यदि आपने पहले चरण पर काम कर लिया है तो अब समय आता है कि आप उनसे वे सवाल पूछें, जिसमें उनकी मासिक आमदनी, खर्च, आर्थिक स्वास्थ्य, जमा पूंजी, रिटायरमेंट योजना, लाइफ कवर प्लान और अन्य जरूरी चीजें शामिल हों। आप उनसे निम्न सवाल पूछ सकती हैं –
- उन्होंने अब तक किस तरह के निवेश में पैसे लगाए हैं?
- उनके निवेश की वर्तमान स्थिति कैसी और क्या है?
- क्या उन्होंने किसी ब्रोकर के जरिए निवेश किया है?
- उनका अकाउंट किस तरह का है यानी कि जॉइंट है या सिंगल है?
- क्या उनका कोई लाइफ लॉन्ग इंश्योरेंस प्लान भी है?
- उन्होंने किस तरह के इंश्योरेंस को कवर किया हुआ है और उसकी क्या कुल राशि है?
- क्या उन्होंने पब्लिक प्रोविडेंट फंड और नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश किया है?
यदि आपको इन सारे सवालों का जवाब मिल जाता है तो अधिकतर चीजें स्पष्ट हो जाएगी और आप कुछ जरूरी कदम लेने में उनकी मदद कर पाएंगे।
यदि आपके माता पिता इन सारे सवालों का जवाब देने में सक्षम नहीं हैं, तो भी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप उनकी टैक्स फाइलिंग और अन्य आर्थिक कदमों को ध्यान में रखकर अपनी आगे की रणनीति तय कर सकती हैं।
निवेश में अपने माता पिता की कैसे करें मदद?
ऐसे कई तरीके हैं, जिनकी मदद से आप अपने उम्रदराज होते माता-पिता के आर्थिक भविष्य को बेहतर बनाने में उनकी मदद कर सकती हैं।
शुरू करें उनके मासिक खर्च को मैनेज करना
आप उनके मासिक खर्च जैसे बिजली, पानी, क्रेडिट कार्ड, लोन, ईएमआई आदि की देखभाल करना शुरू कर सकती हैं। यह संभव है वे कई बार इनमें से किसी एक का भुगतान करना भूल सकते हैं और बदले में पेनाल्टी के तौर पर उन्हें ज्यादा भुगतान करने की जरूरत पड़ सकती है। आप चाहें तो उनके बैंक एकाउंट से इन सारे बिल को ऑटोमेटिक भुगतान के लिए भी फिक्स कर सकती हैं। इस तरह से अपने माता-पिता के फाइनेंस और खर्च को मैनेज करना आपके और उनके दोनों के लिए आसान हो सकता है।
उन्हें अवगत कराएं फाइनेंशियल धोखेबाजी के बारे में
नई टेक्नालॉजी के बढ़ते चलन की वजह से कई धोखेबाज बुजुर्ग लोगों को अपना लक्ष्य बनाते हैं, जिन्होंने नया-नया ही ऑनलाइन बैंकिंग, ई वॉलेट, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि को हैंडल करना सीखा है। यह सुनिश्चित करना आपका काम है कि आप अपने माता-पिता को बैंकिंग संबंधित टेक्नालॉजी के बारे में बेहतर जानकारी दें ताकि वे इस तरह की धोखेधड़ी से बचे रह सकें।

उनके बैंक अकाउंट की देखभाल
यह सुनिश्चित करें कि आपके उम्रदराज हो रहे माता पिता के पास बहुत सारे बैंक अकाउंट न हों। यदि ऐसा है तो उनके फाइनेंस को मैनेज करना न सिर्फ आपके लिए बल्कि खुद उनके लिए भी एक मुश्किल भरा काम हो सकता है। सभी अनावश्यक बैंक अकाउंट को बंद कर दें और सुनिश्चित करें कि जो जरूरी बैंक अकाउंट है उन्हें सही और सुचारू तरीके से मैनेज किया जा रहा है।
फाइनेंस संबंधी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाएं
भले ही यह सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा हो लेकिन सच तो यह है कि पावर ऑफ अटॉर्नी बनाना बहुत जरूरी है और साथ ही लोगों को नॉमिनेट करना भी। ऐसा इसलिए ताकि अस्पताल में भर्ती, अप्राकृतिक मृत्यु, मेंटल डिसऑर्डर जैसी असामान्य स्थिति होने पर इससे मदद मिल सके। ऐसी स्थिति में फाइनेंस और खर्चे को मैनेज करना बहुत भारी हो जाता है।
रिटायरमेंट और इंश्योरेंस प्लान की जांच करना
इंश्योरेंस और रिटायरमेंट प्लान दोनों बहुत जरूरी है इसीलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके माता पिता के पास रिटायरमेंट के बाद अच्छी जिंदगी जीने के लिए सही योजना हो। इंश्योरेंस और रिटायरमेंट प्लान पहले से है, तो आपको यह पता होना चाहिए कि इसमें क्या चीजें कवर हो रही हैं और क्या नहीं। यदि इन्श्योरेन्स का पैसा कम है तो आपको आगे और कदम उठाने की जरूरत पड़ सकती है।
एक्सपर्ट की मदद
निवेश, रिटायरमेंट और फाइनेंशियल प्लान के अलावा अपने माता-पिता के पैसों को मैनेज करने के लिए आप किसी सर्टिफाइड फाइनेंशिशल प्लानर की मदद भी ले सकती हैं।