बिना धुले तकिए के कवर में कितने बैक्टीरिया बसे हैं, ये जानकर हो जाएंगे हैरान, त्वचा से है सीधा कनेक्शन: Pillow Cover Bacteria
Pillow Cover Bacteria

Pillow Cover Bacteria: हर कोई चाहता है कि उसकी स्किन बेदाग और ग्लोइंग हो। इसके लिए सभी तरह तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट भी यूज करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी अपने तकिए पर ध्यान दिया है। जी हां, गंदा तकिया आपकी स्किन की रंगत खराब कर सकता है। यही कारण है कि अक्सर स्किन स्पेशलिस्ट तकिए के कवर को सप्ताह में एक बार बदलने की सलाह देते हैं। आखिर तकिए और स्किन का आपस में क्या कनेक्शन है, यह जान लेते हैं।

आप नहीं जानते होंगे ये सच  

Pillow Cover Bacteria
The study claims that if a pillow is used continuously for a week, three million bacteria grow in it.

आपके घर में रखीं बहुत कम चीजें ऐसी होंगी, जिनपर आप अपना चेहरा कभी नहीं रखती हैं। लेकिन तकिए आपके चेहरे और स्किन के संपर्क में करीब से रहता है। जब हम सोते हैं तो हमारे चेहरे पर जमी दिनभर की गंदगी, जैसे तेल, प्रदूषण, मिट्टी सब तकिया सोख लेता है। इतना ही नहीं अगर आप मेकअप को बिना हटाए ही सो जाती हैं तो मेकअप भी उसी तकिए पर लग जाता है। लार और पसीना भी कवर पर जाता है। ऐसे में उसके कवर पर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। ये बैक्टीरिया त्वचा के रोम छिद्रों को बंद कर देते हैं, नतीजन एक्ने और पिंपल्स की प्रॉब्लम होने लगती है। अमेरिका में हुए एक अध्ययन के अनुसार एक बिना धुले तकिए में टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। अध्ययन का दावा है कि एक सप्ताह तकिए को लगातार यूज करने पर उसमें तीन मिलियन बैक्टीरिया पनप जाते हैं। यह औसत टॉयलेट सीट से करीब 17,000 गुना ज्यादा है।  

इसलिए जरूरी है कवर चेंज करना

अपनी त्वचा को बैक्टीरिया और पिंपल्स-एक्ने से बचाव का एक ही तरीका है कि आप समय समय पर अपने तकिए के कवर को बदलें। कम से कम सप्ताह में एक बार तो आप कवर को जरूर चेंज करें, जिससे बैक्टीरिया पनप ही नहीं सकें। अगर आप काफी दिनों तक कवर चेंज नहीं करते हैं तो स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ भी सकती हैं। कई बार ट्रीटमेंट के बाद भी स्किन ठीक नहीं होती, क्योंकि आप तकिए के कवर के कारण बार—बार गंदगी के संपर्क में आ जाती है।

एलर्जी का भी कारण  

स्किन प्रॉब्लम्स के साथ ही तकिए के गंदे कवर एलर्जी का भी कारण होते हैं।
Pillow Cover Bacteria-Along with skin problems, dirty pillow covers are also the cause of allergies.

स्किन प्रॉब्लम्स के साथ ही तकिए के गंदे कवर एलर्जी का भी कारण होते हैं। हम चाहे घर के दरवाजे और खिड़की कितनी भी बंद क्यों न कर लें, हमारे घर के सामान पर धूल जम जाती है। यही धूल आपके तकिए और उसके कवर पर भी जमती है। कई बार धूल के ये कण एलर्जी का कारण बन जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप तकिए का कवर बदलें और तकिए को भी साफ करें। इसके लिए आप तकिए को वॉश या ड्राई क्लीन करवा सकते हैं। बेकिंग सोडे की मदद से भी आप तकिया साफ कर सकते हैं।  

ये तरीका आएगा काम

तकिया आपकी स्किन की नमी को छीन सकता है।
Pillow Cover Bacteria-Pillow can take away moisture from your skin.

तकिया आपकी स्किन की नमी को छीन सकता है। जी हां, आमतौर पर लोग कॉटन की बेडशीट और तकिए के कवर यूज करना पसंद करते हैं। लेकिन ये आपकी स्किन के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। दरअसल, रातभर यानी दिन में कम से कम छह से आठ घंटे जब आपकी स्किन कॉटन के संपर्क में रहती है तो इससे आपकी उसकी नमी खो जाती है। इसलिए हमेशा साटन कपड़े के तकिए के कवर आप यूज करें। आप महसूस करेंगे कि इससे आपको नींद भी अच्छी आएगी और आपकी स्किन पर किसी भी प्रकार के रैशेज नहीं होंगे।  

छोटी-छोटी कोशिशें आएंगी बड़े काम

तकिए का कवर चेंज करना आपको भले ही एक बहुत छोटी सी सामान्य बात लगे, लेकिन असल में यह महत्वपूर्ण है। अपने तकिए को साफ रखना जरूरी है। आप नियमित रूप से तकिए का कवर बदलने के साथ ही हर 15 दिन में तकिए को धूप में रखें। इससे न सिर्फ तकिया नरम होगा, बल्कि इसमें पनप रहे बैक्टीरिया भी खत्म होंगे। साथ ही लंबे समय तक एक ही तकिए का उपयोग करने से उसमें पसीने की बदबू आने लगती है। वह भी दूर हो जाएगी। अगर आपके पास वैक्यूम क्लीनर है तो आप एक से दो माह के बीच अपने बेड, गद्दे और तकिए को साफ करें।  

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...