Side Effects of Pillow
Side Effects of Pillow

Side Effects of Pillow: तकिया हमारे सोने के अनुभव को आरामदायक बनाने के लिए आमतौर पर जरूरी माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि तकिया आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर भी डाल सकता है? हां, यह सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लगे, लेकिन कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि तकिए का इस्तेमाल हमारी रीढ़, त्वचा और नींद की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। अगर आप भी हर रात सिर के नीचे तकिया रखकर सोते हैं, तो यह लेख आपको यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि क्या यह आदत वाकई फायदेमंद है या नुकसानदेह। आइए, जानते हैं तकिया लगाकर सोने से जुड़े 7 संभावित नुकसान।

गर्दन और रीढ़ की हड्डी में असंतुलन

जब हम तकिया लगाकर सोते हैं, तो कई बार हमारी गर्दन और रीढ़ एक सीध में नहीं रहते। इससे धीरे-धीरे गर्दन में अकड़न, दर्द या फिर सर्वाइकल जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं। खासकर अगर तकिया बहुत ऊंचा या बहुत मुलायम हो, तो यह स्थिति और भी खराब हो जाती है।

त्वचा संबंधी समस्याएं

तकिए के कवर और उसमें जमा धूल-मिट्टी आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। बार-बार संपर्क में आने से चेहरे पर मुंहासे, जलन या रैशेज जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। यदि तकिया नियमित रूप से साफ न किया जाए तो बैक्टीरिया और डेड स्किन सेल्स जमा होकर त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सांस लेने में रुकावट

कुछ लोग सोते वक्त मुंह खोलकर या पेट के बल सोते हैं, ऐसे में तकिए की ऊंचाई या बनावट से सांस की नली पर दबाव पड़ सकता है। इससे खर्राटे या नींद के दौरान रुक-रुक कर सांस आना (स्लीप एपनिया) जैसी समस्या भी हो सकती है।

नींद की गुणवत्ता पर असर

तकिए के कारण कभी-कभी नींद पूरी नहीं हो पाती। अगर तकिया सही प्रकार से सिर और गर्दन को सहारा न दे, तो रात में बार-बार करवटें बदलनी पड़ सकती हैं। इससे नींद टूटती है और दिन भर थकान बनी रहती है।

एलर्जी की संभावना

पुराने या गंदे तकिए में धूल के कण, फफूंदी और डस्ट माइट्स पाए जा सकते हैं, जो सांस संबंधी एलर्जी या आंखों में जलन जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए तो यह और भी खतरनाक हो सकता है।

बालों की सेहत पर असर

रात भर तकिए से रगड़ने के कारण बालों में टूट-फूट और रूखापन आ सकता है। कुछ तकिए के कपड़े बालों से नमी चूस लेते हैं, जिससे बाल बेजान और कमजोर हो जाते हैं। खासकर कॉटन कवर वाले तकिए बालों के लिए ज्यादा नुकसानदायक माने जाते हैं।

शरीर की प्राकृतिक मुद्रा में बाधा

बिना तकिया सोने से शरीर की रीढ़ और सिर एक सीध में रहते हैं, जो प्राकृतिक मुद्रा है। तकिया लगाने से यह संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे शरीर को आराम मिलने की बजाय तनाव महसूस होता है। लंबे समय तक यह आदत रहने से शरीर का पोस्चर बिगड़ सकता है।

मेरा नाम वंदना है, पिछले छह वर्षों से हिंदी कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हूं। डिजिटल मीडिया में महिला स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन, बच्चों की परवरिश और सामाजिक मुद्दों पर लेखन का अनुभव है। वर्तमान में गृहलक्ष्मी टीम का हिस्सा हूं और नियमित...