विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी को एक दिन में करें एक्सप्लोर: Valley of Flowers
Valley of Flowers

विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी का सौंदर्य

इस घाटी के खुलने के साथ ही दुनिया भर से पर्यटक इस जगह पर पहुंचने लगते हैं और यह घाटी सैलानियों से भर जाती है।

Valley of Flowers: विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी के बारे में भला कौन नहीं जानता है। यह उत्तराखंड ही नहीं बल्कि हमारे देश के सबसे बड़े पर्यटन स्थलों में शुमार किया जाता है। यही वजह है कि इस घाटी के खुलने के साथ ही दुनिया भर से पर्यटक इस जगह पर पहुंचने लगते हैं और यह घाटी सैलानियों से भर जाती है। इस जगह पर पहुंचने के लिए सैलानियों को एक लम्बा ट्रेक करना पड़ता है जोकि बहुत ही ख़ूबसूरत और रोमांचक होता है। एक बार आप इस जगह पर पहुंच गए तो आपके चारों तरफ सिर्फ़ रंग बिरंगे फूल ही फूल दुखाई देंगे। यह फूल आपको ख़ुशी और प्रसन्नता से भर देंगे और आप इससे बाहर निकलना ही नहीं चाहेंगे। इसलिए, आपको इस जगह पर आपको जाना ही जाना चाहिए और इस जगह की ख़ूबसूरती को देखना चाहिए। यह घाटी हम मनुष्यों के लिए ईश्वर के किसी उपहार से कम नहीं है। 

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Valley of Flowers
UNESCO World Heritage Site

फूलों की घाटी जिसे दुनिया भर में वैली ऑफ फ़्लावर के नाम से जाना जाता है यूनेस्को की विश्व धरोहर ​में आती है। चमोली जिले में स्थित इस घाटी की प्राकृतिक सुंदरता, खूबसूरत फूलों की प्रजातियों और जैव विविधता के कारण इसको वैश्विक धरोहर होने का दर्जा प्राप्त हुआ है। 87.5 वर्ग किमी में फैली यह घाटी स्थानीय ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सैलानियों को अपनी तरफ़ आकर्षित करती है। 

Smythe
The difference was discovered by Smythe.

इस घाटी के खोजे जाने की भी अपनी एक ख़ूबसूरत कहानी है। स्वर्ग सी खूबसूरत इस घाटी को एक पर्वतारोही और वनस्पति शास्त्री फ्रेक सिडनी स्माइथ ने की थी। बताया जाता है कि कामेट जब पर्वतारोहण करके वापस लौट रहे थे, तो रास्ता भटक कर फूलों की घाटी पहुंच गए। फूलों से सजी इस स्वर्ग जैसी घाटी को देखकर वह मंत्रमुग्ध हो उठे। वह उस समय तो वापस लौट गए लेकिन 1937 में फ्रेक एडिनेबरा बाटनिकल गार्डन की तरफ से एक बार फिर से आए और इस घाटी में तीन महीने तक रहे। वैली और फ्लावर्स पर उन्होंने एक किताब भी लिखी।

फूलों की यह घाटी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता से भारी हुई है। इस घाटी में आपको फूलों की 500 से भी कहीं अधिक प्रजातियां देखने को मिलेंगी। इस जगह पर आपको ऐसे ऐसे फूल देखने को मिल सकते हैं जिन्हें आपने कभी नहीं देखा होगा। बताया जाता है कि इस घाटी में पोटोटिला, एनिमोन, प्राइमिला, एमोनाइटम, मार्स मेरी गोल्ड, ब्लू पापी, फैन कमल जैसे फूल उगते हैं। अगस्त-सितंबर के महीने में आप आते हैं और भी अच्छा है क्योंकि इस दौरान यहां सबसे ज्यादा फूल खिलते हैं। 

valley of flowers
How to reach valley of flowers

फूलों की घाटी पहुंचने के लिए आपको ऋषिकेश पहुंचना होगा और बद्रीनाथ हाइवे से गोविंदघाट जाना होगा। गोविंदघाट से पुलना तक जाने के लिए आपको सड़क मार्ग का सहारा लेना होगा। फिर आपको 11 किमी की पैदल ट्रेकिंग करनी होगी जोकि हेमकुंड यात्रा के बेस कैंप से शुरू होकर घाघरिया तक जाएगी। घाघरिया से महज़ तीन किमी की दूरी पर फूलों की घाटी स्थित है। 

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...