अपनी अलहदा संस्कृति के लिए विख्यात उदयपुर
झीलों के अलावा उदयपुर में तमाम तरह की ऐतिहासिक इमारतें, भव्य किले और कई प्रकार के मंदिर भी देखने को मिलते हैं। यह जगह पर्यटन के साथ साथ अपने खान-पान और अपनी अलहदा संस्कृति के लिए भी काफी विख्यात है।
Udaipur Itinerary: राजस्थान के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार उदयपुर को झीलों की नगरी कहा जाता है। जिसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लोग आते हैं। इस जगह पर इन झीलों के अलावा तमाम तरह की ऐतिहासिक इमारतें, भव्य किले और कई प्रकार के मंदिर भी देखने को मिलते हैं। यह जगह पर्यटन के साथ साथ अपने खान-पान और अपनी अलहदा संस्कृति के लिए भी काफी विख्यात है। चारों ओर से सुंदर अरावली पहाड़ियों से घिरे इस शहर को राजस्थान राज्य का मुकुट रत्न भी कहा जाता है।
इस जगह पर आकर आप प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के साथ, नौका विहार और ऊंट की सवारी का भरपूर मज़ा ले सकते हैं। इस जगह पर यदि आप आने का मन बना रहे हैं तो मैं आपको इस लेख के माध्यम से यह बताने की कोशिश करूँगा कि उदयपुर और आसपास की जगहों को तीन दिन में कैसे एक्सप्लोर कर सकते हैं।
उदयपुर में पहला दिन

उदयपुर एक ऐसा शहर है जिसे एक दिन में पूरा की पूरा घुमा जा सकता है लेकिन आसपास की जगहों को एक्सप्लोर करने में थोड़ा ज़्यादा वक़्त लगता है। इसलिए जिस दिन उदयपुर पहुंचे उस दिन शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों को एक्सप्लोर कर लें।
सहेलियों की बाड़ी

फतेहसागर झील के किनारे स्थित यह बाड़ी अपने खूबसूरत झरने, गुलाब के बगीचे, बड़े पार्क और संगमरमर के बने फब्बारों के लिए जानी जाती है। इस जगह पर आकर लोग घूमना और अच्छा समय व्यतीत करना पसंद करते हैं। यहाँ का हरा भरा वातावरण लोगों को काफ़ी पसंद आता है। यहां पर एक संग्रहालय भी है, जिससे आपको शाही परिवारों की झलक देखने को मिल सकती है।
गुलाब बाग

गुलाब बाग उदयपुर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। यह एक बहुत बड़े क्षेत्र में फैला उदयपुर का सबसे बड़ा पार्क है। यदि आप प्रकृति और तरह तरह के फूलों को देखने का शौक रखते हैं तो उदयपुर की यात्रा के दौरान इस जगह को पर ज़रूर जाएँ। इस जगह पर एक बहुत ही ख़ूबसूरत लाइब्रेरी है जिसे सरस्वती लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता है। इसी जगह पर विक्टोरिया हॉल भी है, जहां पर शाही वस्तुओं को रखा गया है।
शिल्पग्राम

शिल्प ग्राम पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थान है। इस जगह पर जा करके आप देश भर के आदिवासियों की संस्कृति और उनकी जीवनशैली को जान और समझ सकते हैं। इस जगह पर आप तरह तरह की हाथ की बनी वस्तुएँ भी देख और खरीद सकते हैं। शिल्प ग्राम में हर साल दिसंबर के महीने में मेले का आयोजन होता है, जहां पर आदिवासियों के द्वारा बनाए गए हस्तकला की वस्तुओं की बिक्री की जाती है।
दूध तलाई झील

उदयपुर बस स्टैंड से महज़ दो किमी की दूरी पर स्थित दूध तलाई लोग डूबते हुए सूर्य को देखने के लिए जाते हैं। इस जगह पर आप भी शाम को जाकर सनसेट देखने का आनंद ले सकते हैं। इस जगह पर पहुंचने के लिए रोपवे की सवारी लेनी पड़ती है।
उदयपुर में दूसरा दिन
दूसरे दिन की शुरुआत आपको उदयपुर की बजाय उदयपुर के आसपास की जगहों को घूमने से करना चाहिए। उदयपुर के आसपास वैसे तो काफ़ी कुछ है लेकिन सभी जगहों को एक दिन में घूम पाना सम्भव नहीं इसलिए आपको इस जगह से हल्दीघाटी निकल जाना चाहिए।
हल्दीघाटी

यह जगह महाराणा प्रताप और उनके घोड़े चेतक के गौरवमयी कहानी का प्रतीक है। इस जगह पर जाकर आपको उनकी लड़ी लड़ाइयाँ और शौर्यगाथा की याद आ जाती है। सबसे पहले आपका गुज़रना एक घाटी से होगा जिसकी मिट्टी अभी भी हल्दी की तरह से पीली है। इसीलिए इस जगह का नाम हल्दीघाटी पड़ा था। कुछ दूर और आगे जाने पर आपका परिचय रक्त तलाई, चेतक की समाधि और महाराणा प्रताप संग्रहालय से होगा।
रक्त तलाई

रक्त तलाई एक बहुत बड़ा सा मैदान है। ऐसा कहा जाता है कि इसी जगह पर हल्दीघाटी का युद्ध लड़ा गया था जिसकी वजह से यहाँ पूरा तलब ख़ून से भर गया था, जिसकी वजह से इस जगह की मिट्टी अभी भी लाल है। इस जगह पर लोग इतिहास के पन्नों में पढ़ी गई सच्चाई को ताज़ा करने के लिए जाते हैं।
चेतक की समाधि

चेतक की समाधि हल्दीघाटी के सबसे बड़े आकर्षणों में से है। ऐसा कहा जाता है कि इसी जगह पर महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक ने अपना दम तोड़ा था। इस जगह पर ही उसका समाधि स्थल बनाया गया है जोकि पुरातत्व विभाग के अंदर आता है। इस जगह पर आपको एक छोटे से पार्क के अंदर बनी उसकी समाधि दिखाई देगी।
महाराणा प्रताप स्मारक

महाराणा प्रताप स्मारक हल्दीघाटी की देखने लायक़ जगहों में है। इस जगहडरी पर एक बहुत ही बड़ी महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित की है। यह जगह काफ़ी ऊँचाई पर है जिसकी चढ़ाई करके पहुँचना होता है। इस जगह से आसपास की पहाड़ियों का दृश्य बहुत ही ख़ूबसूरत दिखाई देता है।
उदयपुर में तीसरा दिन

उदयपुर में तीसरा दिन आपको थोड़ा बहुत घूमने के साथ-साथ इस जगह के स्ट्रीट फ़ूड को एक्सप्लोर करने में बिताना चाहिए। उदयपुर में प्रसिद्ध भोजन का स्वाद लेने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। आप घूमने ए लिए निकले हैं तो वैसे भी स्वादिष्ट व्यंजन के बिना यात्रा अधूरी होती है।
मिनी मिर्ची बड़ा
मिर्ची बड़ा आपने निश्चित ही खाया होगा। यह पूरे राजस्थान में लोकप्रिय स्ट्रीट फूड में से एक है। आपको यह जोधपुर में भी खाने को मिला होगा। उदयपुर में मानक बालाजी स्ट्रीट फूड 1967 से अपने बेहतरीन स्वादिष्ट और मसालेदार मिनी मिर्ची बड़ा पाव के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह पर जाकर आपको भी मिनी मिर्ची बड़ा ट्राई करना चाहिए।
बंजारा मुर्ग

उदयपुर में शाकाहारी व्यंजन के अतिरिक्त आपको मांसाहारी व्यंजन भी देखने को मिल जाएगा। यह बंजारा भी एक तरह का मांसाहारी व्यंजन है जो लोगों को काफ़ी पसंद आता है। यह बंजारा मुर्ग कई प्रकार के मसालों के साथ धीमी आंच पर चिकन को पकाकर बनाया जाता है। आप यदि खाने पीने के शौक़ीन हैं तो आपको भी यह डिश ट्राई करनी चाहिए।
कचौरी
राजस्थान ही नहीं कचौरी तो पूरे देश में प्रसिद्ध है। बावजूद इसके उदयपुर की कचौरी की बात ही कुछ और ही है। उदयपुर में आपको यह हर जगह पर खाने को मिल जाएगी। एक बार बस चखने की देर है, मसालेदार कुरकुरे कचौरी का स्वाद हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। इस जगह पर कचौरी कई प्रकार के दाल और मसालों की स्टफिंग की जाती है। इसे प्याज, दही और चटनी के साथ परोसा जाता है।