भारत की छह मंत्रमुग्ध कर देने वाली फूलों की घाटियां: Valley Of Flowers

भारत की ख़ूबसूरत घाटियाँ जो मन मोह लेती हैं

सिर्फ़ ख़ूबसूरत ही नहीं समुद्र तक से हजारों फिट की ऊंचाई पर स्थित यह रोमांचकारी घाटियां दुनिया की सबसे शानदार जगहों में गिनी जाती हैं।

Valley Of Flowers: घूमने वाली जगहों के बारे में जब भी ख़्याल आता है। हम हमेशा कोई ना कोई नई और अलग जगह ढूँढने का प्रयास करते हैं। हमारे दिमाग में खूबसूरत हिल स्टेशन, समुद्री किनारे, रोमांचकारी और विविधतापूर्ण जंगल, नदी द्वीप और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध ऐतिहासिक स्थल के दृश्य घूम जाते हैं। लेकिन इस बार हम आपको देश की अद्भुत और मन को मंत्रमुग्ध कर देने वाली घाटियों की सैर काएरने वाले हैं।

सिर्फ़ ख़ूबसूरत ही नहीं समुद्र तक से हजारों फिट की ऊंचाई पर स्थित यह रोमांचकारी घाटियां दुनिया की सबसे शानदार जगहों में गिनी जाती हैं। भारत की इन तमाम मनमोहक और लोकप्रिय घाटियों में जाकर आपको लगेगा कि दुनिया के एक अलग ही जगह पर आ गए। इन घाटियों की सबसे ख़ास बात यह कि यहाँ पर प्रकृति भी है और सकून भी। आपको इन घाटियों में जाकर प्रदूषणमुक्त वातावरण मिलेगा, जैव विविधता मिलेगी और मौसम मिलेगा। फिर देर किस बात की आइए आपको लेकर चलते हैं भारत की छह मंत्रमुग्ध कर देने वाली फूलों की घाटियां की सैर पर। 

वैली ऑफ फ्लावर्स, उत्तराखंड 

Valley Of Flowers
Valley Of Flowers in Uttrakhand

वैली ऑफ फ्लावर्स का नाम शायद ही कोई हो जिसने ना सुना हो। इस जगह को लोग फूलों की घाटी या फिर वैली ऑफ फ्लावर्स के नाम से जानते हैं। यह देश के सबसे लोकप्रिय और ख़ूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यह भारत के हिमालयी राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित यह घाटी सैकड़ों तरह के फूलों के लिए जानी जाती है। पश्चिमी हिमालय में स्थित यह घाटी देश की एक प्राकृतिक और खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यानों में गिनी जाती है।

इस जगह पर ट्रेकिंग का भी अच्छा ख़ासा स्कोप है जिसकी वजह से वैली ऑफ फ्लावर्स को ट्रेक करने के लिए देश दुनिया से ट्रेकर्स और प्रकृति प्रेमी आते हैं और यहाँ के अल्पाइन फूलों और घास के मैदानों से सजी घाटी में कुछ दिनों के लिए खो जाते हैं। यह जगह प्रकृति प्रेमियों के साथ साथ फोटोग्राफी का शौक़ रखने वालों के लिए जन्नत से कम नहीं है। वैली ऑफ फ्लावर्स में एक साथ सैकड़ों प्रजाति और रंगों के फूल खिलते हैं। हिमालयन मैपल, ब्रह्मकमल, मैरीगोल्ड, दि ब्लू हिमालयन पॉपी, रोडोडेंड्रोन, डेजी और कोबरा लिली इस जगह पर ख़ूब देखने को मिलते हैं।

जुकोऊ घाटी, मणिपुर

जुकोऊ घाटी, मणिपुर
जुकोऊ घाटी, मणिपुर

मणिपुर और नागालेंड दोनों ही जगहों को अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है। इन दोनों ही जगहों की ख़ूबसूरती और अलहदा संस्कृति को जानने समझने के लिए देश भर से लोग पहुंचते हैं। जुकोऊ घाटी देश की सबसे आकर्षक घाटियों में से एक है और इससे भी ख़ास बात यह कि ये मणिपुर से शुरू होकर नागालैंड बॉर्डर तक जाती है। बावजूद इसके यह घाटी व्यवसायिक गतिविधियों से बहुत दूर देश की सबसे कम एक्सप्लोर की गई घाटियों में गिनी जाती है। इस जगह पर मौसम भी अपना ख़ूबसूरत करतब दिखाता है।

सर्दियों के मौसम में यह घाटी पूरी तरह से बर्फ से ढक जाती है, वहीं गर्मी के आते ही तरह तरह के खूबसूरत फूल देखने को मिलते हैं। इस जगह पर लिली की एक दुर्लभ प्रजाति जिसका नाम जुकोऊ है, सिर्फ इसी घाटी में पाई जाती है। जुकोऊ घाटी एकोनिटम, यूफोर्बियास और रोडोडेंड्रोन की किस्मों के लिए जानी जाती है। इस जगह पर पहुंचने पर पता चलता है कि जुकोऊ घाटी और यहाँ का जपफू पीक इस महाद्वीप के सबसे लुभावने परिदृश्यों में से एक है। 

युमथांग घाटी, सिक्किम 

Sikkim

हमारे देश के पूर्वोत्तर में स्थित सिक्किम को प्रकृति ने जो ख़ूबसूरती दी है वह लाजवाब है। यह पूरा राज्य प्राकृतिक रूप से समृद्ध होने के साथ घूमने-टहलने के लिए देश दुनिया के पर्यटकों को तरह तरह के विकल्प देता है। इस जगह पर स्थित गंगटोक जाना देश के अधिकतर पर्यटकों का सपना होता है। लोग इस जगह पर जाकर यहाँ के पर्यटन स्थलों को देखना और संस्कृति को समझना चाहते हैं। इसी जगह पर बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच स्थित है युमथांग घाटी जोकि भारत की सबसे खूबसूरत नदी घाटियों में से एक है। युमथांग घाटी की भौगोलिक स्थिति की बात करें तो यह उत्तरी सिक्किम में आती है पर गंगटोक से 140 किमी की दूरी पर उत्तर में स्थित है। इस घाटी को इस जगह पर खिलने वाले तरह तरह के फूलों की वजह से जाना जाता है और पूरी घाटी को फूलों की घाटी कहा जाता है। समुद्र तल से 3564 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस घाटी में मौसम का अपना एक अलग ही मज़ा है। यही वजह है कि युमथांग घाटी को प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग कहा जाता है। 

मुन्नार वैली, केरल

केरल को घूमने, फिरने अथवा पर्यटन स्थलों के लिहाज़ से देश के सबसे ख़ास राज्यों में शुमार किया जाता है। इस जगह के पर्यटक स्थल हों या फिर समुद्री किनारे हर किसी का मन मोह लेते हैं। यही वजह है कि केरल पूरे साल अपने यहाँ आने वाले देश विदेश के पर्यटकों से भरा रहता है। इसी राज्य का एक ख़ूबसूरत सा हिस्सा है मुन्नार जिसे सामान्यतौर पर अपने चाय के बाग़ानों के लिए जाना है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण और ख़ास बात यह कि इस जगह पर स्थित पूरे मुन्नार घाटी को अपने यहाँ खिलने वाले तरह-तरह के प्रजाति के फूलों के लिए जाना जाता है। यह जगह  नीलकुरूंजी फूल के लिए काफी प्रसिद्ध है जोकि 12 साल में सिर्फ़ एक बार खिलता है। केरल के इडुक्की जिले में स्थित यह घाटी बसंत के आते ही पूरी तरह से लैवेंडर के खूबसूरत फूलों से ढक जाती है।  

कास प्लैट्यू, महाराष्ट्र 

Maharashtra

कास प्लैट्यू को महाराष्ट्र की उन जगहों में शुमार किया जाता है जिसके सामने दुनिया के बड़े बड़े फॉरेन डेस्टिनेशन्स भी फ़ेल हैं। यह जगह सतारा जिले में आती है और इस घाटी का नाम कास प्लैट्यू कासा के फूल की वजह से पड़ा है, जो कि इस जगह पर पायी जाने वाली सबसे सामान्य प्रजाति है। इस जगह के महत्व को आप इसी बात से समझ सकते हैं कि यह देश की यूनेस्को की वैश्विक धरोहर में आती है। इस घाटी में 850 से ज्यादा फूलों की प्रजातियां पायी जाती हैं जोकि इस जगह की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देती हैं। इस घाटी में फूलों की कई ऐसी भी प्रजातियाँ हैं जिनके खिलने और मुरझाने का सिलसिला दिनभर चलता है, जिसकी वजह से आपको एक ही जगह के कई रूप दिखाई देंगे। इस जगह पर पहुँचकर ऐसा लगता है कि हम स्वर्ग में आ गए हैं। 

ट्यूलिप गार्डन, कश्मीर

Kashmir

कश्मीर के बारे में कहा गया है कि इस धरती पर अगर कहीं कोई जन्नत है तो इसी जगह पर है। जिसकी वजह से देश दुनिया के पर्यटक इस जगह पर आते रहते हैं लेकिन कश्मीर में आकार यदि आपने ट्यूलिप गार्डन नहीं देखा तो समझो की आपकी यात्रा अभी भी अधूरी है। ट्यूलिप गार्डन कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र होता है। कश्मीर घाटी में स्थित यह हमारे देश ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है।

इस घाटी में आपको ट्यूलिप के अलावा हायसिंथ, डैफोडिल, नार्सिसस, मस्कारिया और आइरिस के फूलों की भी कई क़िस्में देखने को मिलेंगी। निशात बाग और चश्मा शाही मुगल गार्डन से घिरी इस जगह पर पहुँचकर आप तरह तरह के फूल देखने के साथ डल झील का भी खूबसूरत नजारा भी देख पाएंगे।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...