Goga Navami 2023

Goga Navami 2023: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं से जुड़े त्योहारों को धूम धाम से मनाया जाता है। इन देवताओं में से कुछ देवता ऐसे भी हैं जो केवल किसी स्थान विशेष और खास दिन पर ही पूजनीय होते हैं। इन्हें स्थानीय देवता या लोक देवता के नाम से जाना जाता है। इन्हीं लोक देवताओं में से एक हैं सांपो के देवता गोगा जी। गोगा जी महाराज को वीर गोगा जी, गोगा पीर, जाहर गोगा जी, जहर पीर आदि जैसे कई नामों से जानते हैं। हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इन्हें पीर और जाहरवीर के नाम से पूजते हैं। भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को गोगा जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को गोगा नवमी कहते हैं। इस साल 8 सितम्बर 2023, शुक्रवार को गोगा नवमी का पर्व मनाया जायेगा। आज इस लेख से हम जानेंगे कि गोगा जी महाराज कौन है और उनकी पूजा क्यों की जाती है।

गुरु गोरखनाथ जी के आशीर्वाद से पैदा हुए गोगा जी

Goga Navami 2023
Guru Gorakh ji Story

पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, कवि मेह के प्रसिद्ध ग्रंथ राव रसाल में यह बताया गया है कि रक्षाबंधन के बाद मनाया जाने वाला गोगा नवमी का पर्व गुरु गोरखनाथ जी के प्रिय शिष्य गोगा जी को समर्पित है। गोगा जी का जन्म राजस्थान राज्य के चुरू जिले के चौहान वंश के राजा जेवर सिंह और उनकी पत्नी बांछल देवी के घर में हुआ। बांछल देवी कई वर्षों तक नि:संतान रही। इसके बाद उन्होंने गुरु गोरखनाथ जी की सेवा की। गुरु गोरखनाथ जी ने बांछल देवी को पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। बड़े होकर गोगा जी ने बाबा गोरखनाथ जी को ही अपना गुरु बनाया। राजस्थान के प्रमुख छः सिद्धों में से गोगा जी को प्रमुख सिद्ध माना जाता है। गोगा जी की नीले रंग की घोड़ी का नाम बप्पा था। गोगा जी का वाद्ययंत्र डेरू आम की लकड़ी से बना था।

गोगा जी की पूजा का महत्व

Goga Ji
Goga Ji

रक्षाबंधन के बाद गोगा नवमी के दिन से लेकर अगले आठ दिनों तक गोगा जी के नवरात्र मनाए जाते हैं। इन आठ दिनों तक भक्तगण पूरी भक्ति और सच्ची श्रद्धा से गोगा जी की पूजा करते हैं। गोगा जी के छोटे मंदिर को थान कहते हैं जो खेजड़ी वृक्ष के नीचे बना होता है। घर में पूजा करने के लिए मिट्टी से गोगा जी का आकार बनाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। नारियल और मीठे पकवानों से गोगा जी को भोग लगाया जाता है।

गोगा नवमी के दिन सांपो की पूजा करने की परंपरा भी है। लोक मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में गोगा नवमी के दिन गोगा जी की पूजा की जाती है, उस घर के सदस्यों को कभी भी सर्पदंश का भय नहीं होता। गोगा नवमी की पूजा में खेजड़ी के वृक्ष की छोटी डाली की भी पूजा होती है। इस डाली पर रक्षाबंधन के दिन बांधी गई सभी राखियों को अर्पित किया जाता है और घर की खुशहाली की मंगलकामना की जाती है।

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