Chardham Yatra 2025
Chardham Yatra 2025

Chardham Yatra 2025 Date: हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा को बहुत ही शुभ माना जाता है। वेद-पुराणों में भी चार धाम की यात्रा का महत्व बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने जीवनकाल में इन चार धामों की यात्रा कर लेता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। ये चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा है। बता दे कि हिंदू धर्म में दो प्रकार के चार धाम की यात्रा होती है। पहली चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा शामिल है। तो वहीं दूसरी चार धाम की यात्रा में बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वरम और द्वारका धाम की यात्रा शामिल है। देश के विभिन्न हिस्सों में ये पवित्र धाम स्थित हैं, जहां दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं।

धाम की यात्रा के लिए हर साल तारीखों का ऐलान किया जाता है। चार धाम की यात्रा के तारीकों का ऐलान होने का बाद तीर्थयात्री को सबसे पहले इसके लिए पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, इसके बाद ही आप चार धाम यात्रा कर सकते हैं। वहीं इस साल सरकार की ओर से कई तरह की नई व्यवस्थाएं भी चार धाम की यात्रा के लिए लागू की गई है, जिससे कि यह पवित्र धार्मिक यात्रा तीर्थ यात्रियों के लिए सुखद और सरल बन सके। जैसे कि चार धाम यात्रा से पहले एक महीने तक किसी तरह की वीआईपी दर्शन की इजाजत नहीं होगी। सभी श्रद्धालु को सामान्य प्रक्रिया से ही दर्शन करने होंगे।

चार धाम यात्रा की तारीखों का हुआ ऐलान, ऐसे करें पंजीकरण

Char Dham Yatra has special importance in Hinduism
Char Dham Yatra 2025 Date

हर वर्ष की तरह इस साल भी चार धाम की यात्रा की जाएगी। इसके लिए तारीखों की घोषणा कर दी गई है। बता दें कि 30 अप्रैल 2025 से चार धाम की यात्रा की शुरुआत होने वाली है। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले जाएंगे। वहीं 2 मई 2025 को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे। इसके बाद बद्रीनाथ के दर्शन 4 मई 2025 से होंगे। उत्तराखंड में स्थित इन चार धामों के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। 6 महीने तक इन चार धाम की यात्रा चलती है और इसके बाद फिर से मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

ऑनलाइन और ऑफलाइन होगी रिजिस्ट्रेशन

चार धाम यात्रा की शुरुआत भले ही 30 अप्रैल से होगी, लेकिन पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन की प्रकिया 1 मार्च से ही शुरू हो जाएगी। यात्रा के लिए 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन होंगे। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आप उत्तराखंड चार धाम यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/. पर कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आपको फोटो अपलोड करनी होगी और आइडी प्रूफ (आधार कार्ड) सबमिट करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद यात्रा पास मिलेगा, जिसे आपको यात्रा के दौरान अपने साथ रखना होगा।

अगर आप ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन काउंटर में जाकर करवा सकते हैं। मार्ग पर विभिन्न स्थानों जैसे हरिद्वार, ऋषिकेश, बड़कोट, सोनप्रयाग और पांडुकेश्वर में स्थित निर्दिष्ट ऑफलाइन पंजीकरण काउंटरों पर जा सकते हैं। ऑफलाइन पंजीकरण के लिए यात्रियों को फोटो, आईडी प्रूफ और मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ेगी।

चार धाम की यात्रा का धार्मिक महत्व

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चार धाम की यात्रा में सबसे पहले यमुनोत्री के दर्शन होते हैं। मान्यता है कि यमुनोत्री से चार धाम यात्रा की शुरुआत करने से बिना किसी बाधा यात्रा पूर्ण होती है। इसके बाद गंगोत्री धाम की यात्रा शुरू होती है, जोकि मां गंगा को समर्पित मंदिर है। इस यात्रा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके बाद भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होती है। केदारनाथ शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है। केदारनाथ के दर्शन से शिवजी की कृपा मिलती है। चार धाम यात्रा का चौथा और अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ धाम है। बद्रीनाथ के दर्शन के बाद चारधाम यात्रा का समापन होता है।

मैं मधु गोयल हूं, मेरठ से हूं और बीते 30 वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है और हिंदी पत्रिकाओं व डिजिटल मीडिया में लंबे समय से स्वतंत्र लेखिका (Freelance Writer) के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरा लेखन बच्चों,...