Chardham yatra and its religious significance

Summary: चारधाम क्यों है जीवन में जरूरी? जानिए धार्मिक दृष्टिकोण से

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा—यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ—हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति का पवित्र मार्ग मानी जाती है। सही क्रम में की गई यह यात्रा आध्यात्मिक ऊर्जा और जीवन मार्गदर्शन प्रदान करती है।

Char Dham Yatra Religious Significance:: चारधाम की यात्रा कोई साधारण यात्रा नहीं है। हिंदू धर्म में इस यात्रा का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चारधाम की यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। चारधाम की यात्रा देवभूमि उत्तराखंड की सुंदर वादियों में है,  ये हैं यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ। आइए जानते हैं कि चारधाम की यात्रा क्यों की जाती है और क्या है इसका धार्मिक महत्व।

Char Dham Yatra Religious Significance
What is the journey to Chardham?

चारधाम की यात्रा आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का एक मार्ग है। ऐसी मान्यता है कि चारधाम की यात्रा करने से जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और व्यक्ति आध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की ओर चला जाता है।

  • चारधाम की यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष मिलता है।
  • चारधाम की यात्रा करने से भक्त को अपने सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
  • चारधाम की यात्रा व्यक्ति को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है और इससे मन को शांति मिलती है।
Chardham Yatra
What is the correct order of the Chardham Yatra?

चारधाम की यात्रा हमेशा ही एक विशेष क्रम में की जाती है, ताकि यह यात्रा सफल हो सके और इसका लाभ मिल सके। इस यात्रा का क्रम घड़ी की सुई की दिशा में होता है जो इस तरह से है-

यमुनोत्री – यहाँ से यात्रा की शुरुआत होती है।

गंगोत्री – गंगोत्री धाम इस यात्रा का दूसरा पड़ाव है।

केदारनाथ – इस यात्रा के तीसरे चरण में केदारनाथ धाम का दर्शन किया जाता है।

बद्रीनाथ – इस यात्रा का आखिर चरण बद्रीनाथ धाम है, यहाँ पहुंचकर यह यात्रा पूरी होती है।

Chardham Yatra
Why is the Chardham Yatra necessary?

धार्मिक मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति चारधाम की यात्रा पूरी कर लेता है, तो उसे जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है, खासकर केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से और वहाँ के जल को ग्रहण करने से। इसलिए जीते जी चारधाम की यात्रा को जरूरी माना गया है।

ऐसा माना जाता है कि जब आप किसी धार्मिक यात्रा पर निकलते हैं तो आपके मन में भी सात्विकता का निवास होता है और आपके अन्दर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यही सकारात्मक ऊर्जा आपको जीवन के लक्ष्यों को समझने में मदद करती है। सरल भाषा में कहा जाए तो चारधाम की यात्रा से आपको सही मार्गदर्शन मिलता है, जो आपके जीवन के लिए अतिआवश्यक है। 

  • चारधाम की यात्रा में आने वाले बद्रीनाथ धाम को सृष्टि का आठवां वैकुंठ भी कहा जाता है। इसी स्थान पर भगवान श्री हरि विष्णु छह महीने के लिए विश्राम करने आते हैं। साथ ही केदारनाथ धाम में भगवान शिव विश्राम करते हैं।
  • केदारनाथ धाम में दो पर्वत हैं, जिन्हें नर और नारायण के नाम से जाना जाता है। यह भगवान श्री हरि विष्णु के 24 अवतारों में से हैं।
  • केदारनाथ धाम के दर्शन के बाद ही बद्रीनाथ धाम का दर्शन किया जाता है, तभी यह यात्रा पूरी होती है और इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...