किन कारणों से भगवान श्रीकृष्ण ने किये आठ विवाह, जानिए कौन थीं उनकी आठों रानियां?: 8 Wives of Krishna
8 Wives of Krishna

8 Wives of Krishna: भगवान श्री कृष्ण लीलाधर कहलाते हैं। इनकी लीलाओं से तो आप भली भांति परिचित है। भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के 16108 रानियां थीं और इनमें से 8 पटरानियां थीं। लेकिन, भगवान श्री कृष्ण का नाम उनकी प्रेमिका राधा के साथ लिया जाता है। इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण की रानियों में केवल रुक्मिणी जी का नाम ज्यादातर देखने को मिलता है। रुक्मिणी जी के अलावा भगवान श्री कृष्ण की अन्य पत्नियों का जिक्र भी पौराणिक शास्त्रों में देखने को मिलता है। आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से भगवान श्री कृष्ण के आठ विवाह करने के पीछे छुपे कारणों और इनकी आठों रानियों के बारे में।

रुक्मणी और श्रीकृष्ण का विवाह

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Rukmani with Krishna

महाभारत में वर्णित एक कथा के अनुसार विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणी थी। उनके राज्य में आने वाले सभी लोग भगवान श्री कृष्ण की तारीफ किया करते थे। रूक्मणी श्री कृष्ण की प्रसंशा से मंत्रमुग्ध होकर मन ही मन श्री कृष्ण को अपना मान बैठी और श्री कृष्ण के अलावा किसी और से शादी नहीं करने का फैसला किया। लेकिन, रुक्मणी का भाई रुक्म अपनी बहन की शादी अपने मित्र शिशुपाल से करवाना चाहता था। इसलिए रुक्मणी ने दुखी होकर एक पंडित को श्री कृष्ण के पास संदेशा देकर भेजा। शिशुपाल श्री कृष्ण जी की बुआ का बेटा था। इसलिए कहा जाता है कि शिशुपाल के विरोध के कारण भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी का हरण कर विवाह किया।

जाम्बवती और श्रीकृष्ण विवाह

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Jaambvati or krishna

एक बार जब श्री कृष्ण और जाम्बवंत में मणि को लेकर युद्ध हुआ तब जाम्बवंत युद्ध में हारने लगे तो उन्होंने भगवान श्री राम को पुकारा तब श्री कृष्ण अपने रामस्वरूप में प्रकट हुए। तब जाम्बवंत ने क्षमा मांगी और श्री कृष्ण जी को मणि लौटाकर अपनी पुत्री जाम्बवती से विवाह करने का अनुरोध किया तब जाम्बवती और श्री कृष्ण जी का विवाह हुआ। और इन दोनों का पुत्र सांब ही श्री कृष्ण के वंश के नाश का कारण बना।

कालिंदी और श्रीकृष्ण विवाह

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कालिंदी और श्रीकृष्ण विवाह

महाभारत महाकाव्य के अनुसार एक बार श्री कृष्ण और अर्जुन वन में जा रहे थे। जिस वन में दोनों घुम रहे थे उसी वन में सूर्य पुत्री कालिंदी भगवान श्री कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए तप कर रही थी। इसलिए कालिंदी के तप से प्रसन्न होकर भगवान श्री कृष्ण ने उससे विवाह कर लिया।

सत्यभामा, मित्रविन्दा, सत्या, भद्रा, लक्ष्मणा

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पौराणिक शास्त्रों के अनुसार सत्यभामा द्वारा पुर्व जन्म में किए गए पुण्य के फलस्वरूप भगवान श्री कृष्ण की रानी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। एक कथा के अनुसार एक दिन भगवान श्री कृष्ण ने कौशल देश के राजा नग्नजित के सात बैलों को नाथ कर नग्नजित की पुत्री सत्या से विवाह किया। मित्रविन्दा को भगवान श्री कृष्ण स्वयंवर करके लेकर आये थे। सत्या से विवाह होने के बाद श्री कृष्ण ने कैकय की पुत्री भद्रा से विवाह किया था। वृहत्सेना की पुत्री लक्ष्मणा थी। जो मन ही मन श्री कृष्ण को चाहती थी लेकिन लक्ष्मणा के माता पिता इस विवाह के विरुद्ध थे इसलिए भगवान श्री कृष्ण लक्ष्मणा को हरकर लाये थे। इस तरह भगवान श्री कृष्ण ने आठ विवाह किए थे।

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