2 से 3 रुपये में मिलने वाले इस पत्ते से यूरिक एसिड करें कंट्रोल, रोजाना ऐसे करें सेवन: Control Uric Acid
Control Uric Acid

2 से 3 रुपये में मिलने वाले इस पत्ते से यूरिक एसिड करें कंट्रोल, रोजाना ऐसे करें सेवन

How to Control Uric Acid : यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में पान का पत्ता काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदे और इस्तेमाल करने का सही तरीका?

Control Uric Acid: आजकल लोग अपनी जीवनशैली की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं, जो जीवन भर की समस्या भी बनती जा रही है। इन समस्याओं की लिस्ट में हाइपरयूरिसीमिया है, इस स्थिति में शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बहुत अधिक होने लगती है। इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय का सहारा लिया जा सकता है। इन प्राकृतिक उपायों में पान का पत्ता काफी प्रभावी हो सकता है। जी हां, पान के पत्तों का प्रयोग करके आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं। मार्केट में यह पत्ता सिर्फ 2 से 3 रुपये में उपलब्ध होता है, जिसके प्रयोग से काफी हद तक यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आइए विस्तार से जानते हैं पान का पत्ता यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में किस हद तक प्रभावी है और किस तरह इसका प्रयोग करें?

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Control Uric Acid
Betel Leaves For Uric Acid

पान का पत्ता हमरा शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में कारगर माना जाता है। एक रिसर्च में चूहों को पान के पत्तों का अर्क दिया गया, जिसमें पाया गया कि यूरिक एसिड का स्तर 8.09mg/dl से घटकर 2.02mg/dl हो गया। दरअसल, पान के पत्ते में सूजनरोधी तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो जोड़ों के दर्द, गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी के लक्षणों में प्रभावी हो सकते हैं।

Uric Acid
Uric Acid

चबाकर खाएं : यूरिक एसिड से ग्रसित रोगियों को पान के पत्तों का सेवन नियमित रूप से चबाकर करना चाहिए। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि पान के पत्तों के साथ सिर्फ चूना डालकर खाएं। इसमें किसी तरह का तंबाकू एड न करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो इससे फायदे बजाय नुकसान हो सकता है।

पान के पत्तों की चाय : पान के पत्तों को चबाने के अलावा इसकी चाय का सेवन करना हेल्दी हो सकता है। इसके लिए 1 कप पानी में 2 से 3 पान के पत्तों को डालकर करीब आधा होने तक उबाल लें। इसके बाद इस पानी को छानकर पिएं। इससे काफी लाभ मिलेगा।

पान के पत्ते न सिर्फ यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं, बल्कि इसकी मदद से ओरल हेल्थ को भी बेहतर किया जा सकता है। इसमें रोगाणुरोधी एजेंट होते हैं। यह खराब सांस, कैविटी, प्लाक और दांतों की सड़न पैदा करने वाले बैक्टीरिया से निपटने में मदद करता है। यह मसूड़ों के दर्द, दांत दर्द, ओरल इन्फेक्शन और सूजन से राहत दिलाने में भी मदद करता है।

Betel Leaves
Betel Leaves Benefits

इन पत्तों को भोजन के बाद भी खाया जा सकता है, क्योंकि इनमें पेट फूलने से रोकने वाले गुण होते हैं, जो आंत की सुरक्षा में मदद करते हैं। यह चयापचय में सुधार करने के लिए भी जाना जाता है, जो आंत को महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए उत्तेजित करता है।

पान के पत्ते डायबिटीज रोगियों के लिए भी अच्छे माने जाते हैं, क्योंकि यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है।