shree krishna janmashtami

Janmashtami Story: भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को स्वयं भगवान श्री कृष्ण के अलावा और कोई नहीं समझ सकता। भगवान श्री कृष्ण ने ऐसी कई लीलाएं रची जो सभी को आश्चर्यचकित कर देती हैं। भगवान श्री कृष्ण की इन्हीं अदभुत और रहस्यमयी लीलाओं में से मुख्य है महाभारत का युद्ध और अपने ही माता पिता को कंस के कारागार से 14 वर्षों बाद छुड़वाने की लीला। भगवान श्री कृष्ण को महाभारत युद्ध के परिणाम के बारे में पता था, फिर भी श्री कृष्ण ने धरती पर धर्म की स्थापना के लिए और गीता जैसे अनमोल ज्ञान के उद्देश्य को पूरा करने के लिए महाभारत के युद्ध की लीला रची। भगवान श्री कृष्ण स्वयं भगवान थे, फिर भी उनके माता पिता को कंस के कारागार में 14 वर्षों तक बंदी बनना पड़ा। माता देवकी और वासुदेव जी के 14 वर्ष बंदी बने रहने के पीछे भी श्रीकृष्ण की लीला थी। आज इस लेख के द्वारा हम यह जानेंगे कि भगवान श्रीकृष्ण की इस लीला का कारण क्या था।

जन्म से 14 वर्ष माता यशोदा के साथ रहे श्री कृष्ण

Janmashtami Story
Janmashtami Story-prisoner

पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि श्रीमद्भागवद में यह वर्णन मिलता है कि देवकी और वासुदेव जी की आठवीं संतान द्वारा ही मथुरा के राजा कंस का अंत होने वाला था। कंस ने देवकी की सात संतानों को मार दिया था। भगवान श्री कृष्ण माता देवकी और वासुदेव जी की आठवी संतान थे। कंस के अत्याचार से बचाने के लिए वासुदेव जी ने श्री कृष्ण को गोकुल में नंदबाबा के घर पर छोड़ दिया, तभी से भगवान श्री कृष्ण नंदबाबा और माता यशोदा के पुत्र कहलाए। भगवान श्रीकृष्ण यह बात जानते थे कि उनके असली माता पिता कंस के कारागार में बंदी हैं।

माता देवकी के पूर्व जन्म का फल

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कंस के वध के बाद जब भगवान श्री कृष्ण ने कारागार से अपनी माता देवकी और पिता वासुदेव जी को छुड़वाया तब माता देवकी ने श्री कृष्ण से पूछा था कि “आप तो भगवान है, आप चाहते तो हमें इस कारागार से पहले ही मुक्त करवा सकते थे फिर आपने हमें कारागार से छुड़वाने में 14 वर्ष का समय क्यों लगाया।” माता देवकी के इस प्रश्न के उत्तर में भगवान श्री कृष्ण ने माता देवकी से कहा कि यह आपके पूर्व जन्म का फल है, पूर्व जन्म में आप अयोध्या के राजा दशरथ की तीसरी पत्नी, माता केकैयी थी और मैं राजा दशरथ और माता कौशल्या का पुत्र श्री राम था। आपने अपने पूर्व जन्म में मुझे 14 वर्षों का वनवास दिया था। इसी कारण इस जन्म में आप 14 वर्षों तक कारागार में बंद रहीं। माता यशोदा पूर्व जन्म में मेरी माता कौशल्या थीं, जो अपने पुत्र श्री राम से 14 वर्षों तक दूर रही। इसलिए इस जन्म में मैं पहले 14 वर्ष उनके साथ रहा। इसी कारण भगवान श्री कृष्ण ने माता देवकी और वासुदेव जी को 14 वर्षों के बाद कारागार से मुक्त करवाया।

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