ईर्ष्या अपने-आप में एक बहुत बड़ा दुर्गुण है, जो व्यक्तित्व पर एक बदनुमा दाग लगा देता है। सच्चाई तो यह है कि जिसकी पीठ पीछे आलोचना या टीका-टिप्पणी की जाती है, उसका तो कुछ नहीं बिगड़ता, लेकिन करने वाले की छवि जरूर बिगड़ जाती है।
यदि कोई महिला विशेष बनाव-शृंगार से रहती है, उसका रहन-सहन अच्छा है तो यह तो अच्छी बात है। इसका मतलब है कि उसे अपने व्यक्तित्व, अपने रहन-सहन और खुद की परवाह है। यह शौक रखना भी एक कला है। फूहड़ तरीके से रहने वाली महिलाओं की तुलना में ऐसी महिलाओं की छवि तो अच्छी होनी चाहिए, पर ईर्ष्यावश उन्हें फैशनेबल और फालतू करार दे दिया जाता है।
होना तो यह चाहिए कि यदि किसी में कोई खास बात या अच्छाई है तो उसमें बुराई नहीं ढूंढऩी चाहिए। उसे ईष्र्या की नजर से देखने की बजाय, उसका अनुकरण किया जाना चाहिए, पर यह अनुकरण अपनी पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। सिर्फ देखा-देखी के चक्कर में कर्ज ले कर दूसरों की बराबरी करने की भूल नहीं की जानी चाहिए। यदि दूसरों की बराबरी करने की क्षमता आपके भीतर नहीं है और आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो आप सादगीपूर्ण तरीके से रहते हुए एवं शालीनतापूर्ण आचरण से अपने व्यक्तित्व को आकर्षक व प्रभावपूर्ण बना सकती हैं। दूसरों की आलोचना करके या ईष्र्या करने पर तो आपकी छवि ही खराब होगी।
यह मानसिक विकृति का परिचायक है कि हम दूसरों की खुशी से खुश नहीं, बल्कि दुखी होते हैं। दूसरों का अच्छा खान-पान, अच्छा रहन-सहन देख कर परेशान हो जाते हैं और दूसरों की सफलता से हमें चिढ़ होने लगती है। ऐसा प्राय: तब होता है, जब हम स्वयं वह सब हासिल नहीं कर पाते, जिसे दूसरों ने हासिल कर लिया। दूसरों में जो योग्यता है, वह हममें नहीं है, तब हम अपनी अयोग्यता और असफलता पर पर्दा डालने के लिए दूसरों पर ही दोषारोपण करने लग जाते हैं। उनकी सफलता, उनकी योग्यता को हम पचा नहीं पाते। यही प्रवृत्ति ईर्ष्या को जन्म देती है।
याद रखिए, ईर्ष्या वह आग है, जो केवल आपको जलाएगी। दूसरों को इससे कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
बुद्धिमानी तो इसी में है कि ईर्ष्या से प्रेरित हो कर दूसरों की आलोचना नहीं, वरना तारीफ करें। दूसरों की सफलता, दूसरों की उपलब्धियों पर खुश होना भी एक बहुत बड़ा गुण है, जबकि ईर्ष्या एक बहुत बड़ा दुर्गुण। दूसरों की सफलता पर खुश होकर और उनकी तारीफ करके आप स्वयं भी तारीफ की हकदार बन जाएंगी।
