Hindi Romantic Story
Hindi Romantic Story

Hindi Romantic Story: “माधुरी, मेरा टिफिन!” मुकेश ने अपने जूते पहनते हुए माधुरी को पुकारा।

“बस दो मिनट, अभी आई।” और एक मिनट से भी कम समय में माधुरी उसके सामने टिफिन लिए खड़ी थी। उसके चेहरे से ऐसा लग रहा था जैसे वह उससे कुछ कहना चाहती हो।

मुकेश ने एक बार उसकी तरफ देखा और फिर अपनी कुछ फाइल बैग में डालते हुए उठ खड़ा हुआ।

“अब जाओ, अपना काम करो! यहाँ क्यों खड़ी हो?” मुकेश ने माधुरी को खड़े देख कहा लेकिन माधुरी फिर भी वहाँ से नहीं हटी।

“क्या बात है? कुछ कहना है क्या?” मुकेश ने पूछा।

“मैं सोच रही थी कि सिनेमा हॉल में नई फिल्म आई हुई है, पड़ोस की मालिनी अपने पति के साथ कल ही गई थी…!”

अभी माधुरी के बाद पूरी नहीं हुई थी कि मुकेश बीच में बोल उठा, “यही बताने के लिए यहाँ  खड़ी हो, यह सब बाद में बताना, मै लेट हो रहा हूँ।”

“नहीं, नहीं, मैं कुछ और कहना चाहती हूँ।” माधुरी जल्दी से बोली।

“जल्दी बोलो, मैं लेट हो रहा हूँ।”

“वह मैं कह रही थी कि अगर आप जल्दी आ जाते तो..!” कहते कहते माधुरी रुक गई।

“तो.. तो क्या? अपना काम छोड़कर जल्दी क्यों आना है, पता है ना ऑफिस में कितना काम रहता है, चलो अब हटो मुझे लेट हो रही है।” कहने के साथ मुकेश ने अपना बैग उठाया और बाहर निकल गया। माधुरी उसे जाते हुए देखती रही। उसकी अभिलाषा मन में ही दबी रह गई।  हरबार की तरह इस बार भी मुकेश ने उसके अरमानों पर पानी फेर दिया था।

वहीं दरवाजे के पास खड़ा विजय सारी बातें सुन रहा था। वह अपनी भाभी की फीलिंग्स को बहुत अच्छे से समझ पा रहा था। उसे अपने भैया के व्यवहार पर बहुत बुरा लगा लेकिन वह कर भी क्या सकता था।

शाम को मुकेश वापस आया, हाथ मुँह धोकर खाना खाया और फिर कुछ देर फोन चलाने के बाद बिस्तर पर पसर गया। सारा काम निपटाने के बाद जब माधुरी उसके पास आई तो तब तक वह खर्राटे भर रहा था। यह देखकर माधुरी को धक्का सा लगा लेकिन फिर भी वह उसके पास आकर, उससे लिपटकर, अपने आलिंगन में भरकर, चूमते हुए जगाने की कोशिश करने लगी और उसके बदन पर यहाँ वहाँ हाथ फेरने लगी। उसकी कामनाएँ आज पूरे ऊफान पर थीं क्योंकि अपने पति के साथ हमबिस्तर हुए उसे महीने बीत चुके थे।

मुकेश का रोज का यही काम था। वह आता और खा पीकर खर्राटे भरने लगता। काम पीड़ा से बेकाबू हो रही माधुरी ने आखिर जोर जोर से मुकेश को चूमना शुरू कर दिया। अचानक मुकेश की नींद खुल गई। उसने माधुरी को एक तेज झटका देकर खुद से अलग कर दिया।

“तुम पागल तो नहीं हो गई हो? कर क्या रही हो तुम? अच्छी खासी नींद खराब कर दी। हटो मुझे सोने दो।”

मुकेश का यह रूप देखकर माधुरी का सारा नशा गायब हो गया। वह हक्की-बक्की रह गई। अचानक उसकी आँखों से आँसू निकल आए। वह दूसरी तरफ होकर चुपचाप सोने की कोशिश करने लगी मगर सारी रात उसकी करवटें बदलते बीती। सुबह हुई तो मुकेश एक बार फिर माधुरी पर भड़क उठा।

“यार, तुम रात भर क्या-क्या करती रहती हो? शर्म लिहाज तो घोलकर पी गई हो और तुम्हें मेरी भी कोई फिक्र नहीं है, सोते आदमी को ऐसे कौन परेशान करता है?” वह माधुरी पर चिल्ला रहा था लेकिन माधुरी सिर झुकाए चुपचाप सुन रही थी।

जब मुकेश ऑफिस जाने के लिए घर से बाहर निकला तो सामने ही विजय खड़ा था।

“भैया मुझे आपसे कुछ बात करनी है।”

“हाँ, हाँ बोलो, क्या हुआ?” 

“कुछ नहीं भैया, बस आपके और भाभी के बारे में कुछ कहना चाहता था।”

“मेरे और भाभी के बारे में? बोलो क्या कहना चाहते हो।”

“भैया, मैं यह कह रहा था कि आप भाभी का भी थोड़ा ख्याल रखा कीजिए, कल मैंने देखा वे आपसे कुछ कह रही थी, फिल्म देखना चाहती थी लेकिन आपने उनके साथ बुरा बर्ताव किया। दिनभर यह सारा काम करती रहती हैं सबकी केयर करती हैं, पूरा घर संभाले हुए हैं तो उनकी भी कुछ इच्छाएँ हैं, आप पूरी नहीं करेंगे तो और कौन करेगा।” विजय कहता जा रहा था लेकिन मुकेश ने उसे बीच में ही रोक दिया।

“यार, अब तुम आ गए अपनी भाभी की तरफदारी करने, पता है ना तुम्हें कितना व्यस्त रहता हूँ मैं, ऑफिस से एक दिन की भी छुट्टी नहीं मिलती और फिर दिमाग में टेंशन भरी हो तो फिल्म विल्म देखने का कोई मतलब नहीं है। चलो अब चलते हैं, शाम को मिलेंगे।” मुकेश अपने काम पर निकल गया।

उधर माधुरी उदास उदास सी घर के कामों में लग गई। तभी विजय किसी काम से अंदर आया तो माधुरी निगाहें  बस उसे ही देखने लगी। पति की बेरुखी और अजीब व्यवहार से वह पहले ही परेशान थी। अपने जवान देवर को देखकर उसके मन में हलचल सी मचने लगी। अचानक उसके दिमाग में कुछ आया तो वह मुस्करा उठी।

कुछ दिन बाद होली थी। और होली के दिन भी मुकेश का व्यवहार माधुरी के प्रति बिल्कुल भी अच्छा नहीं था। वह सुबह ही अपने दोस्तों के साथ निकल गया था। लेकिन विजय आज घर पर ही था।

“देवर जी! क्या आप आज मेरी एक बात मानेंगे।” माधुरी ने मुस्कुराते हुए कहा।  

“हाँ भाभी, कहिए, क्या बात है, बिल्कुल मानूँगा।”

“मैं आपके लिए एक स्पेशल चीज बना रही हूँ, आपको पीना पड़ेगी।”

“वाह भाभी, ये भी कोई पूछने की बात है भला, लाइये।” इसके बाद वह मुस्कुराता हुआ अपने कमरे में चला गया।

कमरे में आने के बाद उसे कुछ चुहल सूझी तो उसने अपने फोन में वीडियो रिकॉर्डिंग चालू की और उसे छुपा कर एक जगह रख दिया और फिर रंगों की पुड़िया निकाल कर अपनी जेब में रख ली।

माधुरी ग्लास में कुछ लेकर आई। उसने ग्लास विजय की तरफ बढ़ाई।

“बिना सवाल-जवाब किये आपको पीना पड़ेगी, वह भी आँख बंद करके।”

विजय अपनी भाभी की बात सुनकर मुस्कुरा उठा। उसने वैसा ही किया, एक सांस में ग्लास खाली कर दी लेकिन जैसे ही उसे टेस्ट का एहसास हुआ उसके चेहरे के भाव बिगड़ गए।

“यह क्या था भाभी, इतना कड़वा।”

उसकी भाभी बिना कुछ कहे सिर्फ मुस्कुराती रही। ग्लास में कुछ और नहीं बल्कि भांग थी।

कहाँ विजय प्लानिंग करके अपनी भाभी को रंग लगाना चाहता था और  वीडियो रिकॉर्ड करना चाहता था, कहाँ उसी के साथ स्कैम हो गया। जल्दी ही भांग ने अपना असर दिखाना शुरू किया और विजय भांग के नशे में झूमने लगा।

“भाभी आपने कितनी अच्छी चीज पिलाई मुझे, मजा आ रहा है इसे पीने के बाद।”

अपने देवर को पूरी तरह से नशे की जद में पाकर माधुरी के चेहरे की मुस्कान चौड़ी हो गई। उसने तुरंत अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया। अब उसके उभार साफ दिखाई दे रहे थे। वह धीरे से विजय के पास आकर बैठ गई। विजय की आँखें लाल हो रही थीं। माधुरी ने विजय के हाथ अपने वक्षस्थल पर रख दिए और जैसे ही उसने ऐसा किया, विजय ने एक झटके में अपना हाथ खींच लिया। वह भले ही नशे में था लेकिन होश अभी भी उसके बाकी थे। वह तुरंत समझ गया कि उसकी भाभी उसके साथ क्या करना चाहती थी।

“भाभी ये आप क्या कर रही हैं, यह गलत है।” कहता हुआ वह तुरंत पीछे हट गया। उसके ऐसा करते ही माधुरी जैसे होश में आई, उसका सिर शर्म से झुक गया।

“मुझे माफ कर दो देवर जी! दरअसल मैं पागल हो गई थी, मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था। आपके भैया मेरा बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखते, मैं क्या करूँ?” और ऐसा कहकर वह अपने कमरे की तरफ भाग गई।

शाम को जब मुकेश घर आया तो विजय एकदम से जैसे उस पर फट पड़ा।

“भैया, अगर आपको भाभी का ख्याल नहीं रखना था तो आपने शादी क्यों की? क्यों उनकी जिंदगी बर्बाद करने पर तुले हुए हैं?” विजय का यह तेवर देखकर मुकेश भी हैरान रह गया।

“क्या हुआ मुकेश? तुम अपना आपा क्यों खो रहे हो?” मुकेश के इतना कहते ही विजय ने रिकॉर्डिंग में गलती से रिकॉर्ड हो गई वीडियो अपने बड़े भाई के सामने कर दी।

“यह वीडियो तो मैंने भाभी को रंग लगाते हुए बनानी चाही थी, लेकिन इसमें कुछ और ही रिकॉर्ड हो गया। देख लीजिए, मैं तो आपका भाई हूँ, लेकिन अगर मेरी जगह कोई और होता तो जाने क्या होता, इसलिए अभी भी समय है, सुधर जाइए।”

वीडियो देखकर और अपने भाई की बात सुनकर मुकेश को काफी पछतावा हुआ। वह तुरंत माधुरी के पास जा पहुँचा, उसने माधुरी को अपनी बाहों में भर लिया।