यह बाल क्या कुत्ते के हैं?-हाय मै शर्म से लाल हुई
Yah Baal Kya Kutte ke Hain

Hindi Funny Story: बात उस समय की है जब कोरोनावायरस ने भयानक रूप ले रखा था। सब घरों में कैद होकर रह गए थे। डर की वजह से घरों से बाहर नहीं निकलते थे।बंदिशे भी बहुत थी। 

समय के साथ साथ, घरों में काम करने के लिए कामवालियों का आना-जाना तो शुरू हो गया था लेकिन घरों से बाहर कम ही निकला जाता था। मेरे पति भी बाल कटवाने के लिए नाई के पास नहीं जाते थे ,मैं ही कैची से उनके बाल काट दिया करती थी। 

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रविवार के दिन, पति देव ने बाल काटने को कहा।मैंने बाल काटने के बाद, यह सोच कर की मेड आएगी सफाई करेगी तो यह बाल उठा लेगी, इसलिए मैंने उन बालों को झाड़ू से एक साइड में इकट्ठा कर दिये।उम्र के साथ बालों का रंग भी कुछ बदल गया था।

मेड ने आने पर पहले बर्तन साफ किये, फिर उसने झाड़ू लगाई। झाडू लगाने पर उसने बाल देखे और पूछ बैठी..,” आंटी यह बाल क्या कुत्ते के हैं?”(अक्सर  मेरी बेटी अपने डाॅगी के साथ हम से मिलने आ जाया करती थी)

मैं मस्ती के मूड में थी। मेरे पति देव वहीं पर खड़े थे,मैंने पति देव को “छेड़ने” के इरादे से उनकी ओर इशारा कर कहा,”हाँ यह खड़ा है ना।”

इतना सुनना था,पति देव मुझे घूरने(गुस्से से)लगे।

मैं कह तो गई ,लेकिन जब मैंने अपने शब्दों पर गौर किया तो मुझे अपने शब्दों की लापरवाही पर शर्मिन्दगी हुई। इस प्रकार के हास्य से अपमानित होना स्वभाविक है। एक बार शब्द मुंह से निकल गए तो वह वापस नहीं आ सकते। कुछ बोलना और अफसोस जताने का मतलब ,”घोड़े के भाग जाने के बाद अस्तबल  का दरवाजा बंद कर लेना।”

उस पर मेड रानी का अपने दुपट्टे से मुंह ढ़ाप कर मंद- मंद मुस्कुराना और कभी मुझे देखना तो कभी मेरे पति को देखना। 

मैने माहौल बदलने के लिए पति देव से कहा ,”चाय पियेंगे,चाय बना कर लाती हूँ।”

उस पर पति देव का जवाब था,”चाय क्यों…,” कटोरे में दूध ले आओ ना।”

मैं मधु गोयल हूं, मेरठ से हूं और बीते 30 वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है और हिंदी पत्रिकाओं व डिजिटल मीडिया में लंबे समय से स्वतंत्र लेखिका (Freelance Writer) के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरा लेखन बच्चों,...