Hindi Funny Story
Hindi Funny Story

Hindi Funny Story: बात बहुत पुरानी है। शादी के बाद मेरा पहला करवाचौथ था । संयोग से उस समय मैं कुछ माह से गर्भवती भी थी। जब भी खाना खाती ,जी मिचलाता उल्टी जाती। इससे पहले मैंने कभी कोई व्रत भी नहीं रखा था। सासू माँ का कहना था कि पंजाबी परिवारों में बहू का पहला करवाचौथ किसी बड़े त्यौहार की तरह होता है।मुहल्ले की सुहागने भी उसी घर में पूजन को जाती हैं जहाँ बहू का पहला करवाचौथ हो। सासू माँ बहुत उत्साहित थी।उन्होंने तो मुहल्ले की सुहागिनों को घर पर पूजन के लिए भी बुला रखा था।मैं बहुत घबराई हुई थी की कैसे होगा।
खैर!वह दिन भी आगया। मैंने रीति रिवाजों के साथ व्रत रखा। पति देव को बताया की यह मेरे जीवन का पहला व्रत है।वे मुझे समझाते हुए बोले,माँ की ख़ुशी के लिए रख लो।ना रखता बने तो रसोई में जा कर कुछ खा लेना।मैं किसी को कुछ नहीं कहूँगा।
दोपहर तक मैं काम काज में व्यस्त रही।परिवार के लिए राजमां चावल बनाए,जो मुझे भी बहुत पसंद हैं। परिवार को खाना खिला रही थी,भूख भी जोरों से लग रही थी,मुझ से रहा ना गया।चुपके से रसोई में जा कर थोड़े राजमां चावल खा लिए।ये सोच कर की किसी को क्या पता चलेगा? मगर ये क्या?
खाते ही उबकाई आने लगी।मैं इन्हें खाना परोस रही थी,घबरा कर मैं बाथरूम की तरफ़ भागी।मुझे उल्टी हो रही थी।पतिदेव को भी वमन देख माजरा समझ आ गया।मेरी उल्टी को देख इन्हें भी उबकाई आने लगी।आवाज सुन सासू माँ भी दौड़ी चली आई।
“क्या हुआ”?
मुझे काटो तो खून नहीं।झट से पतिदेव ने बात संभाली,”कुछ नहीं माँ,मेरे खाने में बाल आ गया था सो उल्टी हो गई।मुझे देख इसे भी उबकाई आने लगी।अब सब ठीक है।”ये सुनते ही सासू माँ ने मुझे आराम करने को कहा।मैं तो बच गई , पर मन ही मन शर्मिंदा भी हो रही थी।पुराने दिनों को याद करती हूँ तो चेहरे पे मुस्कान आ जाती है।आज मैं करवाचौथ बड़ी श्रद्धा और उत्साह से रखती हूँ।पतिदेव भी पूछ बैठते हैं,भूख लगी हो तो कुछ खा लो,किसी को कुछ नहीं बताऊँगा।मैं शर्म से लाल हुए बिना नहीं रहती।