demanding child synonyms
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महंगे ब्रांडेड कपड़े-जूतों की डिमांड, बाहर घूमने के शौक, महंगे खर्चे करने की आदतें और महंगे फोन को जिंदगी समझ लेना जैसी बातें बच्चों के लिए अब बहुत आम हो गई हैं। पेरेंट्स इस बात से परेशान हैं कि आखिर बच्चे रुपयों की अहमियत कब समझेंगे।

Demanding Child Meaning: बच्चों को बड़ा करना आज के पेरेंट्स के लिए एक टफ टास्क बन गया है। बात चाहे जेन जी की करें या जेन अल्फा की, बच्चों की दिनों दिन बढ़ती डिमांड पेरेंट्स को बेचैन-परेशान कर रही है। महंगे ब्रांडेड कपड़े-जूतों की डिमांड, बाहर घूमने के शौक, महंगे खर्चे करने की आदतें और महंगे फोन को जिंदगी समझ लेना जैसी बातें अब बहुत आम हो गई हैं। पेरेंट्स इस बात से परेशान हैं कि आखिर बच्चे रुपयों की अहमियत कब समझेंगे। अगर आप भी ऐसी ही परेशानियों से जूझ रहे हैं तो कुछ कोशिशें और बदलाव आपके काम आ सकते हैं।

दोहरी मार झेल रहे पेरेंट्स

The demands of children seem to have no end.
The demands of children seem to have no end.

आज के पेरेंट्स अजीब स्थिति में है। इस जनरेशन ने पहले अपने पेरेंट्स की बात मानी और अब बच्चों की डिमांड पूरी करने में जुटे हुए हैं। एक तरफ पेरेंट्स उन्हें ताना देते हैं कि ‘तुमने बच्चों को ठीक से नहीं पाला’ तो दूसरी तरह बच्चों की शिकायतें हैं कि ‘आम हमारी कोई डिमांड पूरी नहीं करते’। ये सारी बातें कहीं न कहीं बच्चों की फिजूलखर्ची से भी जुड़ी हैं। बच्चों की डिमांड अब खत्म होने का नाम नहीं लेती है। इसे ‘डिमांडिंग चाइल्ड’ भी कहते हैं। ऐसे में हर पेरेंट को कुछ बातों पर गौर करना चाहिए।

1. खर्चों पर करें खुलकर बात

अक्सर पेरेंट्स बच्चों के सामने अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बात नहीं करते। उन्हें लगता है कि बच्चों को उनकी आर्थिक परेशानियों के बारे में पता न चले। लेकिन यहीं वे गलती कर बैठते हैं। बच्चों से बिना झिझक के अपनी फाइनेंसियल स्थितियों के बारे में बात करें। आप दिनभर कितनी मेहनत करते हैं और कैसे महंगाई के इस दौर में घर चलाते हैं, यह सब उन्हें खुलकर बताएं। इससे उन्हें आपके संघर्षों के बारे में पता चलेगा। साथ ही बच्चों को ये बताएं कि असली खूबसूरती दिखावे में नहीं, सादगी में है।

2. जरूरत, इच्छा और दिखावे में अंतर

बच्चों की हर डिमांड पूरी करना आज के पेरेंट्स के लिए गुड पेरेंटिंग का हिस्सा मान लिया गया है। जबकि असल में ऐसा नहीं है। अगर बच्चों की हर जरूरत आसानी से पूरी होगी तो उन्हें उसकी अहमियत का अंदाजा ही नहीं होगा। बच्चों को जरूरत, इच्छा और दिखावे के बीच अंतर करना सिखाएं। उन्हें बताएं कि कोई भी डिमांड करने से पहले उनकी जरूरत के बारे में सोच लें। जब आप बचपन से ही बच्चों को यह सीख देंगे, तब बच्चे इस अंतर को समझ पाएंगे।

3. बचपन से डालें बचत की आदत

बच्चों को बचपन से ही बचत की आदत डालें। उनके लिए एक गुल्लक बनाएं और उनमें उन्हें सेविंग करना सिखाएं। उन्हें अपनी बचत के रुपयों से चीजें खरीदना बताएं। इससे चीजों की अहमियत और उन्हें लेने के पीछे की कोशिशों का भी अंदाजा हो सकेगा।

4. खुद करें पहल

बच्चे हमेशा अपने पेरेंट्स को ही फॉलो करते हैं। इसलिए उन्हें बचत की सीख देने से पहले पेरेंट्स को खुद इन बातों को फॉलो करना चाहिए। उन्हें खुद फिजूलखर्ची से बचना चाहिए। आप आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग कैसे करते हैं यह बच्चों को बचपन से ही बताएं। भारत में आमतौर पर बच्चों को यह शिक्षा नौकरी लगने पर खुद ही हासिल करनी पड़ती है। लेकिन आप ऐसी गलती न करें।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...