ससुराल में धीरे बोलने का सबक सीख गई— हाय मैं शर्म से लाल हो गई
Sasural me Dheere Bolne ka Sabak Sikh Gayi

Hindi Funny Stories: बात उन दिनों की है जब मैं शादी करके अपने ससुराल आई हुई थी। ना तो कोई तौर तरीके मालूम ना यहां का रहन-सहन मालूम था ना तो ससुराल की बंदिशे
बेफिक्र मिजाज से रहती थी। ससुराल के नाम पर सिर्फ परिधान बदल गया, साड़ी में ही लिपटी रहती थी। मैं नई थी इसलिए खाना पीना सब परिवार के सदस्य ही बनाते थे। जेठानी के बच्चों के साथ मस्ती करती रहती थी, कभी लूडो खेलना कभी कुछ बचपना पूरा भरा हुआ था ।अभी तक मायके का बचपना छूटा नहीं था…।
समय बीता हमारे शादी का कैसेट बनकर जब आया,मैं उसे देख रही थी अपने कमरे में बाहर बरामदे पर मेरे पति सास ,जेठ, जेठानी सभी बैठे हुए थे। मैं अचानक कैसेट देखते देखते जोर से उसका गाना साथ-साथ गुनगुनाने लगी। मैं सेहरा बांध के आऊंगा मेरा वादा है, यही बोल थे गाने के, मेरे जेठ जी मेरे पति की तरफ़ इशारा करते हुए बोले जाओ दुल्हन तुम्हारी सेहरा बांध कर फिर बुला रही है। उनके यह बोलते ही सभी ठहाका लगाने लगे और मेरे पति के संग—संग मैं भी शर्म से लाल हो गई। और ससुराल में धीरे बोलने का सबक सीख गई ।

यह भी देखे-ये तो दामाद जी के शर्ट में थे—हाय मैं शर्म से लाल हो गई