गृहलक्ष्मी की कहानियां – मैं गुजरात की एक साधारण लड़की हूं। मेरी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं लेकिन मैं आज भी वो बात याद करती हूं तो अकेली-अकेली हंसती हूं। शादी के बाद जब मैं पहले दिन अपने ससुराल गई, तब मुझको रात को कमरे में ले गए तब मेरे फई के लड़के ने मुझे छुपा दिया और मेरे बदले वो मेरा दुपट्टा ओढ कर बैठ गया। जब मेरे पति कमरे में आए तो उन्हें मालूम नहीं पड़ा कि कोई लड़का बैठा है। उन्होंने पास आकर जब घूंघट उठाया तब वो चौंक गए और बाहर भागने लगे, तब मैं उन्हें बाहर दिखी। सब ससुराल वाले हंसने लगे। तब मैं शर्म से लाल हो गई।
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