मेरी मैरिज एनीवर्सरी 13 फरवरी को थी। सुबह से सब लोग शाम की पार्टी की तैयारी में व्यस्त थे। मेरी शादी को सोलह वर्ष पूरे हो गए थे। पार्टी में मैंने काफी दोस्तों को बुलाया था। सुबह से मेरी दोनों बेटियां कृति व छवि बहुत उत्साहित थीं। दौड़-दौड़ कर दोनों घर को सजाने में व्यस्त थीं। शाम को हम दोनों सज-संवर कर मेहमानों का स्वागत सत्कार कर रहे थे कि तभी कॉलोनी की मेरी सभी दोस्तों ने सुंदर सा फूलों का गुलदस्ता मेरे हाथों में थमाया और दो-दो खुशी की बधाई दी। मैं समझी नहीं। मैंने उनसे पूछा अवसर तो एक है, पर दो-दो खुशियों की बधाई क्यूं? वे सब बोली, ‘एक तो मैरिज एनिवर्सरी की बधाई, दूजे आने वाले मेहमान की बधाई। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया, पूछा तो मालूम हुआ कि मेरी चार वर्ष की बेटी छवि सुबह से ही पूरी कॉलोनी में खबर पहुंचा आई थी कि आज मेरे पापा मम्मा की शादी है और फिर मेेरे घर में बेबी आएगा, मैं उसके साथ खूब खेलूंगी। यह सुनकर सभी मेहमान खूब हंसे और मैं इस झूठी खबर के कारण ही शर्म से लाल हो गई।
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