चांद के उस पार-गृहलक्ष्मी की कहानियां: Karwa Chauth Story
Chaand Ke Uss Paar

Karwa Chauth Story: करवा चौथ  की तैयारियों में विवेक अपनी पत्नी ऋतु का हाथ बंटा रहा था। और उसे याद आ रहा था वह  पिछला करवा चौथ जिस दिन ऋतु कोरोना से जूझ रही थी। विवेक का तो जैसे विवेक ही काम नहीं कर रहा था । आज उसे महसूस हो रहा था ऋतु के बिना यह  घर कोई घर है। ऋतु के बिना बच्चों के साथ साथ उसे अपना भविष्य भी अंधकार में नजर आ रहा था। वरना ऋतु के रहते उसे कैसी परवाह बस मन में हमेशा एक ही बात रहती ऋतु है सब संभाल लेगी ।
आज उसने ऑफिस से ऋतु की वजह से छुट्टी ले ली थी ताकि वह ऋतु की करवा चौथ की तैयारियां में हाथ बंटा सके पहले वह अपने ऑफिस के कामकाज को महत्त्वता देता था लेकिन आज उसे महसूस हो गया था  पहले क्या जरूरी है। यह सोचते सोचते उसका गला रूंध गया।
इतने में ऋतु बोली _ विवेक आपको याद है पिछली बार तो मैं व्रत ही नहीं कर पाई । हॉस्पिटल में जो एक एक सांस के लिए लड़ रही थी। 

विवेक बोला_ छोड़ो ऋतु बुरे दिन बीत गए तुम तैयारियां अच्छे से करो ।
जिस बात को याद कर विवेक खुद कांप रहा था वह नहीं चाहता था की वही बात ऋतु याद करे।
आखिर शाम हो गई सारी तैयारियां हो गईं थी। रात हुई तो विवेक छत पर जाकर कई बार चांद देख आया।
ऋतु हंसने लगी आपके बार बार देखने से चांद  थोड़ी आ जाएगा । लेकिन कुछ देर बाद ही चांद निकल आया।
ऋतु थाली लेकर छत पर पहुंची और उसने चांद की पूजा की,  विवेक ने  ऋतु को पानी पिलाकर उसका व्रत खुलवाया।
ऋतु बोली चलो नीचे चलते हैं ।
विवेक मुस्कराकर बोला _ तुम अपने हाथों से मेरा व्रत नहीं खुलवाओगी।
ऋतु चौंक गई और बोली आपने भी व्रत रखा है ?
तभी सोचूं भूख नहीं है का बहाना क्यों बना रहे थे।
 विवेक _ क्यों भई मैं व्रत क्यों नहीं रख सकता ? तुम मेरी लंबी उमर के लिए व्रत रखती हो तो अब से मैं भी तुम्हारे लिए व्रत रखूंगा ताकि तुम्हारी भी लंबी उम्र हो।
और हम साथ में जिंदगी के आखिरी पड़ाव तक पहुंचे । तुम्हें पता है ऋतु तुम होती हो तो मैं बिना किसी चिंता फिकर के चांद के उस पार तक घूम आता हूं।
लेकिन तुम्हारे बिना इस घर में भी नहीं घूम सकता यह मुझे अब पता चला । तुम मेरे जीवन में हो तो सब कुछ मेरे पास है।तुम हमेशा खुश रहो।
ऋतु बोली_ अब रुलाओगे क्या चला खाना खाते में लेकिन मैं पहले आपका व्रत तो खुलवा दूं। 
और दोनों हंस पड़े।
ऋतु ने विवेक को पानी पिलाया और दोनों हाथों में हाथ डाले नीचे आ गए।

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