बंद कमरे में पीट लेतीं-हाय मैं शर्म से लाल हो गई
Band Kamre Mein Pit Leti

Hindi Funny Story: कई बार हमारे मुख से अनायास ही ऐसे कुछ वाक्य निकल जाते हैं जिनका कहने का अर्थ हमारा कुछ कुछ और होता है और समझा कुछ और जाता है ,परिणाम स्वरूप हम शर्म से लाल होकर हँसी के पात्र भी बन जाते हैं ।मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था जिस कारण मुझे कहना पड़ा कि “ हाय मैं शर्म से लाल हुई “।

बात उन दिनों की है जब मेरी नई -नई शादी हुई थी ।

मेरे पति और मेरे देवर जुड़वा भाई हैं और उन दोनों की क़द -काठी और चेहरे में इतनी समानता थी कोई भी सरलता से धोखा खा जाता था विशेषकर कोई नया व्यक्ति । उन दिनों कोर्टशिप पीरियड जैसी कोई प्रथा तो थी नहीं ..इसलिए विवाह से पहले मैंने अपने पति को सिर्फ़ एक बार देखा था । विवाह के अगले दिन घर पूरा मेहमानों से भरा हुआ था और घर में संटी खेलने की रस्म होनी थी ।सांटी खेलना एक ऐसी रस्म जिसमे भाभी और देवर हाथ में फूलों की छड़ी लिए एक -दूसरे को बहुत हल्के -हल्के से मारते हैं ,और जो ज़्यादा मारता है तो जीत उसी की होती है ।

मेरे मन में था कि ससुराल में पहला दिन है और सभी की निगाहें मुझ पर थी ,इसलिए अपनी इज़्ज़त दाँव पर लगी देख जैसे ही रस्म शुरू हुई मैंने फटाफट अपने देवर पर संटी की बौछारें कर दी ।कुछ पल के बाद मुझे एहसास हुआ कि सभी मुझे देख कर ज़ोर ज़ोर से हँस रहे हैं …इससे पहले मैं कुछ समझ पाती सामने खड़े देवर जी बोले ,” अरे भाभी …अभी तो एक ही दिन हुआ है विवाह को …भइया को सभी के सामने मारने की इतनी जल्दी भी क्या थी …बंद कमरे में पीट लेती ..” कह कर सभी हंस पड़े ।दरअसल अपनी इज़्ज़त बचाने और जीतने की होड़ में मैंने अपने पति को देवर समझ कर पीट दिया था ।अपनी इस हरकत पर सभी को ठहाके मारते देख मैं शर्म से लाल हो गई थी ।ससुराल में विवाह के इतने वर्षों बाद भी मुझे इस बात के लिए आज भी छेड़ा जाता है ।

Also read: चॉकलेट रंग की चाय-हाय मैं शर्म से लाल हुई