boodha aadamee aur bhikhaaree
The Old Man and the Beggar

बगदाद शहर में रहीम खान नामक एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था। वह एक बड़े से घर में नवाबों की तरह जीता था। वह निर्धनों की धन, भोजन और वस्त्र आदि से सहायता करता । वह अपनी दानशीलता के लिए मशहूर था ।

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The Old Man and the Beggar

एक सुबह वह घर की छत पर टहल रहा था। उसने घर के बाहर एक युवक को भीख का कटोरा लिए देखा। वह उस

भिखारी युवक के बारे में जानना चाहता था इसलिए उसने नौकर को भेजकर भिखारी को ऊपर बुलवा लिया।

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The Old Man and the Beggar

नौकर भिखारी को घर में ले आया। भिखारी युवक उस आलीशान घर व बूढ़े के गहने-कपड़े देखकर दंग रह गया । पूछने पर वह बोला, “मैं अली हूं। इस जगह के लिए नया हूं। मैंने पिछले तीन दिन से कुछ नहीं खाया । “

बूढ़े ने कहा, “बगदाद में हो और पिछले तीन दिन से कुछ नहीं खाया। चलो, पहले एक साथ खाना खाएं, फिर हम बातें करेंगे।

उसने नौकरों को हुक्म दिया, “ हाथ धोने के लिए पानी लाओ और खाने का प्रबंध करो। “

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The Old Man and the Beggar

कुछ देर बाद वह हाथ धोने के लिए उठ खड़ा हुआ, पर अली यह देखकर हैरान था कि वहां न तो नौकर थे और न ही पानी !

बूढ़ा आदमी ऐसे दिखावा कर रहा था मानो कोई उसके हाथों पर पानी डाल रहा हो और वह हाथ धो रहा हो।

“आओ, तुम भी हाथ धोकर खाने के लिए तैयार हो जाओ । ‘ उसने अली से कहा।

अली की कुछ भी समझ में नहीं आया। उसने भी वैसे ही हाथ धोने का दिखावा किया।

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The Old Man and the Beggar – Story of the Arabian Nights

वे दोनों खाने के कमरे में गए तो वहां मेज पर कोई बर्तन या खाना नहीं था। बूढ़े ने अली से बैठने का आग्रह करके कहा, यह गोश्त लो न। “

अली को भी ऐसा दिखावा करना पड़ा मानो वह भोजन का स्वाद ले रहा हो।

” रोटी लोगे?” बूढ़े आदमी ने ऐसा दिखावा किया मानो वह रोटी से भरी प्लेट अली के आगे रख रहा हो ।

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अली ने हर परोसे गए दिखावटी व्यंजन की तारीफ की। जब मीठा खाने का समय आया तो बूढ़े ने कहा, “तुम्हें बसरा की इस मिठाई का स्वाद तो जरूर लेना पड़ेगा । “

अब अली ने ऐसा दिखावा किया मानो उसका पेट भर गया है और वह भरपेट खा चुका है। वह बूढ़े आदमी को धन्यवाद देते हुए विदा लेने के लिए खड़ा हुआ।

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बूढ़ा आदमी हंसकर उसकी पीठ थपथपाते हुए बोला, “बैठो नौजवान ! मैं तो तुम्हारे सब्र को परख रहा था । मैं सचमुच तुम्हारे धैर्य की कद्र करता हूं। मूर्ख होने के बावजूद तुमने किसी भी बात की शिकायत नहीं की। मुझे वास्तव में तुम्हारे जैसे इंसान की ही तलाश थी । “

बूढ़े आदमी ने अली का हाथ थाम लिया और उससे विनती की कि वह उसी के साथ रहे, ताकि इतने बड़े घर के प्रबंध व रख-रखाव में सहायता मिल सके।

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The Old Man and the Beggar

इस तरह भिखारी अली ने बूढ़े व्यक्ति का दिल जीत लिया। वह अनेक वर्षों तक उसके साथ खुशी-खुशी रहा ।