World Rabies Day: दुनियाभर में हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। इस दिन को फ्रांसीसी जीवविज्ञानी और रेबीज वैक्सीन के जनक लुई पाश्चर की पुण्यतिथि के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को रेबीज रोग की गंभीरता, खतरों और उपचार के विषय में जागरूक करना है। साल 2007 में ग्लोबल एलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल की ओर से वर्ल्ड रेबीज डे मनाने की पेशकश की गई, जिसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मान्यता दी। वर्ल्ड रेबीज डे 2023 की थीम है ‘ ऑल फॉर वन, वन हेल्थ फॉर ऑल’ यानी ‘सभी एक के लिए, एक स्वास्थ्य सभी के लिए।’
सिर्फ कुत्ते के काटने से ही नहीं होता रेबीज

रेबीज के विषय में अब लोगों में जागरूकता आई है, लेकिन फिर भी यह काफी कम है। अक्सर लोग इस रोग के विषय में पूरी बातें जानते ही नहीं हैं। अधिकांश लोग सिर्फ यही मानते हैं कि कुत्तों के काटने के कारण रेबीज होता है। बल्कि यह पूरा सच नहीं है। दरअसल, वायरस से संक्रमित जानवरों की लार के कारण रेबीज होता है। इसके 90 प्रतिशत मामले कुत्ते के काटने के कारण ही सामने आते हैं। लेकिन यह भयानक रोग बिल्ली, बंदर और चमगादड़ के काटने से भी फैल सकता है।
सीधे नर्वस सिस्टम पर अटैक
रेबीज पर अगर समय रहते ध्यान न दें तो यह जानलेवा भी बन सकता है। रेबीज वायरस जानवरों की लार के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और फिर सीधे पीड़ित के केंद्रीय नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है। यह नर्वस सिस्टम को कमजोर कर देता है और फिर 3 से 12 सप्ताह में दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करने लगता है। रेबीज के शुरुआत लक्षण हैं जानवर के काटने के बाद बुखार होना, कमजोरी महसूस होना, तेज सिरदर्द, बेचैनी होना और सबसे महत्वपूर्ण काटी गई जगह पर तेज खुजली होना।
इस स्थिति में जल्दी फैलेगा वायरस

अगर किसी कुत्ते, बिल्ली या बंदर ने किसी को सिर, चेहरे या गाल पर खाया है तो रेबीज होने की आशंका ज्यादा होती है। क्योंकि ऐसे में वायरल सीधे दिमाग को प्रभावित करेगा। अगर जानवर ने गहराई तक काटा है तो भी वायरस जल्दी फैलने की आशंका होती है। अगर किसी को जानवर ने काट लिया है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। डॉक्टर उसकी उम्र और काटने की गहराई के अनुसार उन्हें वैक्सीन की डोज देंगे। आमतौर पर रेबीज वैक्सीन के छह इंजेक्शन लगाए जाते हैं। जानवर के काटने के 24 घंटे के अंतराल में ही पहली डोज ले लेनी चाहिए।
रेबीज वाले जानवरों की पहचान जरूरी
दुर्भाग्य से इस रोग की अभी तक कोई दवा साइंस खोज नहीं पाई है। इसलिए इससे सुरक्षा की बचाव है। अपने आस-पास के जानवरों पर गौर करें। रेबीज से संक्रमित जानवरों को खाना निगलने पर दिक्कत होती है। उनकी लार काफी ज्यादा बहती है। वे काफी गुस्सैले हो जाते हैं। कई बार उन्हें लकवा भी हो सकता है।
कुत्ता काट ले तो करें ये पांच काम

अगर किसी को कुत्ते ने काट लिया है तो घबराएं नहीं, उसे प्राथमिक उपचार दें। सबसे पहले अगर कुत्ते के काटने से हल्की खरोंच आई है तो घाव को तुरंत पानी और माइंड साबुन से धो लें। काटे गए हिस्से को करीब दस मिनट तक बहते नल के नीचे रखें। इसके बाद एंटीबैक्टीरियल क्रीम लगाएं, जिससे वायरस शरीर में न फैले। अगर घाव गहरा है तो उसपर पट्टी जरूर बांधें। और सबसे जरूरी है जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना।