World Hepatitis Day: पिछले कुछ दशकों में ऐसी कई बीमारियां हमारे सामने आई हैं, जो इंसान के लिए जानलेवा साबित हुई हैं। इन्हीं में से एक बीमारी है हेपेटाइटिस बी। यह एक संक्रामक बीमारी है। हेपेटाइटिस बी वायरस लिवर को संक्रमित कर देता है। अगर समय पर इसपर ध्यान न दें तो यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। बच्चों के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकती है, यही कारण है कि अब इसके टीके भी लगाए जाने लगे हैं।
इसलिए मनाया जाता है वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे

हेपेटाइटिस बी का वायरस सीधे लिवर पर असर करता है। समय पर ध्यान नहीं देने पर लिवर खराब भी हो सकता है। इस रोग से दुनियाभर में हर साल करीब पांच हजार लोगों की अकाल मौत हो रही है। इतना ही नहीं दुनियाभर में लिवर कैंसर के करीब 60 प्रतिशत मामले हेपेटाइटिस बी के कारण ही होते हैं। इस रोग की गंभीरता को बताने के उद्देश्य से ही हर साल वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। इस खास दिन को प्रतिवर्ष हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज और टीका विकसित करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ.बारूक ब्लमबर्ग के जन्मदिन पर 28 जुलाई को मनाया जाता है। साल 2023 की थीम है ‘वी आर नॉट वेटिंग’ यानी हम इंतजार नहीं कर रहे हैं। कुछ घरेलू उपाय करके इस रोग को शुरुआती स्तर पर काबू किया जा सकता है।
मामूली नहीं है मूली का रस

मूली और उसके पत्ते दोनों ही सेहत के लिए गुणकारी होते हैं। मूली के पत्तों में एंटी-माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जिसके कारण ये शरीर में जमा विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकाल पाते हैं। ये लिवर के साथ ही किडनी के लिए भी फायदेमंद हैं। अगर आप हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं और इसे कंट्रोल करना चाहते हैं तो मूली अच्छा विकल्प है। यह लिवर में अत्यधिक बिलीरुबिन को बाहर निकालने में मदद करता है। हेपेटाइटिस से पीड़ित रोगी को दिन में दो से तीन बार मूली का रस पीना चाहिए।
अमृत समान है आंवला

हेपेटाइटिस बी के रोगियों के लिए आंवला अमृत समान है। विटामिन सी से भरपूर आंवले में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले ऑक्सीडेटिव को कम करते हैं, जिससे हेपेटाइटिस बी के रोगियों को फायदा होता है। इसके लिए दिन में दो बार आंवले के रस का सेवन करना चाहिए। इससे कई प्रकार के संक्रमण भी दूर होंगे।
लहसुन है लाजवाब इलाज

लहसुन आपकी सेहत के साथ ही लिवर के लिए भी बहुत फायदेमंद है। लहसुन में एलिसिन नामक तत्व होता है। लहसुन में घातक जीवाणुओं को खत्म करने वाले एंटीमाइक्रोबियल और एंटीवायरल गुण भी होते हैं। इसी के साथ यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। यही कारण है कि जब हेपेटाइटिस बी के कारण लिवर कमजोर हो जाता है तो लहसुन उसे ताकत देता है। इसलिए इस रोग से पीड़ित लोगों को दिन में तीन से चार लहसुन की कलियां अपने भोजन में जरूर शामिल करनी चाहिए। आप लहसुन की कलियों को कच्चा ही पानी के साथ निगल भी सकते हैं।
अचूक हैं अदरक के असर

अदरक में हेपटोप्रोटेक्टिव और एंटीवायरल गुण होते हैं। हेपेटाइटिस बी के दौरान रोगियों के लिवर में सूजन आ जाती है, कई बार लिवर को नुकसान भी पहुंचता है। ऐसे में अदरक मरहम का काम करता है। हेपेटाइटिस बी से पीड़ित लोगों को नियमित रूप से अदरक का सूप पीना चाहिए। इसके लिए एक से डेढ़ इंच अदरक के टुकड़े को अच्छे से पीस लें। अब दो कप पानी लेकर उसमें अदरक डालकर उसे उबालें। जब पानी आधा हो जाए तो इसे छान लें। अब इस सूप को गुनगुना पिएं। आप चाहें तो इसमें शहद मिला सकते हैं। इस सूप का दिन में दो बार सेवन करना बेस्ट रिजल्ट देता है।
शहद की मिठास ठीक करेगी सेहत

शहद सेहत के लिए बहुत ही शानदार औषधि है। इसमें लिवर को क्षति से बचाने वाला तत्व हेपटोप्रोटेक्टिव और एंटीवायरल गुण होते हैं। ये दोनों ही तत्व हेपेटाइटिस बी को कंट्रोल करने का काम करते हैं। वहीं अगर आप इस जानलेवा रोग से पीड़ित हो गए हैं तो शहद आपके लिवर को रिपेयर करने का भी काम करता है। आप एक चम्मच शहद का नियमित सेवन करें, इससे हेपेटाइटिस बी रोग से छुटकारा मिलने में मदद होगी। दिन में दो बार इसका सेवन करना अच्छा रहता है।
गुणों से भरा है गन्ने का रस

गन्ने का रस जितना टेस्टी होता है, उतना ही गुणकारी भी होता है। हेपेटाइटिस बी के उपचार के लिए इसका उपयोग किया जाता है। गन्ने के रस में एंथोसायनिन और फ्लेवोनॉयड जैसे तत्व होते हैं। इसी के साथ इसमें एंटीऑक्सीडेंट और हेपटोप्रोटेक्टिव भी मौजूद होते हैं। यही कारण है कि यह लिवर की सेहत को सुधारता है। हेपेटाइटिस बी से पीड़ित रोगियों को प्रतिदिन आधा गिलास गन्ने का ताजा रस जरूर पीना चाहिए।
लिवर के लिए हेल्दी है हल्दी

हर भारतीय रसोई में मौजूद हल्दी गुणों की खान है। यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से हेपेटाइटिस बी वायरस का प्रभाव कम होता है और लिवर को रिपेयर होने में मदद मिलती है। यह फैटी लिवर की समस्या को भी कम करती है। आप प्रतिदिन सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पिएं। आपको कुछ ही दिनों में इसका असर नजर आने लगेगा।
टमाटर का रस टेस्ट के साथ देगा सेहत

विटामिन सी हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। ऐसे में इस विटामिन से भरपूर टमाटर का रस लिवर को हेल्दी रखता है। अगर आपको हेपेटाइटिस के लक्षण दिख रहे हैं तो आप नियमित रूप से टमाटर का रस पिएं। इसके लिए आप टमाटर के रस में स्वादानुसार काला नमक और काली मिर्च डालें और दिन में दो बार इसका सेवन करें।
चुकंदर के चमत्कार को नकार नहीं पाएंगे

चुकंदर हेपेटाइटिस बी से पीड़ित रोगियों के लिए चमत्कार से कम नहीं है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कॉपर और कैल्शियम के साथ ही विटामिन ए, बी और सी होता है। ये सभी तत्व हेपेटाइटिस बी के कारण प्रभावित लिवर के सेल्स को रिपेयर करने का काम करते हैं। इसके नियमित सेवन से लिवर की सूजन भी कम हो जाती है। आप इसे सलाद में शामिल कर सकते हैं या फिर इसका जूस पिया जा सकता है।