पत्तों के हिलने की आवाज, नदियों की कलकल, पक्षियों की चहचहाहट, झरनों की तरंगे, बारिश की रिमझिम, अपने आस-पास बोलने वालों की बातें, हर एक काम की एक अलग ध्वनि, इन सबके बिना जीवन कितना अधूरा होता होगा। अगर आप दिल से इन बातों को महसूस करेंगे तो समझ पाएंगे कि दुनियाभर के जो 70 मिलियन लोग इन आवाजों से दूर हैं, उनकी जिंदगी में कितनी बड़ी कमी है। ऐसे ही लोगों की जिंदगी के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल सितंबर के आखिरी रविवार को विश्व बधिर दिवस यानी वर्ल्ड डे ऑफ द डेफ मनाया जाता है। इस बार यह खास दिन 24 सितंबर को मनाया जाएगा।

यह है इस बार की थीम 

बधिर लोगों की कठिनाइयां समझने वालों के लिए 'वर्ल्ड डे ऑफ द डेफ' मनाया जाता है।
People still do not know much about sign language.

बधिर लोगों की कठिनाइयां समझने वालों के लिए ‘वर्ल्ड डे ऑफ द डेफ’ मनाया जाता है। यह खास दिन द इंटरनेशनल वीक ऑफ द डेफ पीपल्स का हिस्सा है। इस बार यह सप्ताह 18 से 24 सितंबर को मनाया गया। यह सप्ताह वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डेफ (डब्ल्यूएफडी) की एक पहल है। पहली बार सितंबर 1958 में रोम, इटली में यह वीक और दिवस मनाया गया था। साल 2023 में वर्ल्ड डेफ डे की थीम ‘ईयर एंड हियरिंग केयर फॉर ऑल’ रखी गई है।

इस कारण भी होता है बहरापन 

बहरापन कई लोगों में जन्मजात होता है तो कई लोगों में यह उम्र या फिर किसी बीमारी के कारण भी होता है।
In many people, deafness is congenital, while in others it occurs due to age or some disease. Credit: istock

बहरापन कई लोगों में जन्मजात होता है तो कई लोगों में यह उम्र या फिर किसी बीमारी के कारण भी होता है। खसरा, टाइफाइड, मम्प्स, सिफलिस आदि के बिगड़ने पर भी कई बार कान पर विपरीत असर होता है और सुनने की क्षमता खो जाती है या कम हो जाती है। कई बार तेज धमाके और आघात के कारण भी सुनने की शक्ति क्षीण हो जाती है। इन दिनों ईयर फोन और ईयरबड का काफी चलन है, लेकिन लंबे समय तक इसका उपयोग भी कानों को नुकसान पहुंचाता है। ध्यान रखें ईयरफोन या हेडफोन लगाकर बहुत देर तक तेज आवाज में म्यूजिक सुनना भी नुकसानदायक है। विशेषज्ञों के अनुसार बहरेपन की तीन स्टेज हैं- ऊंचा सुनना, मुश्किल से सुनना और बिल्कुल भी नहीं सुनना। लेकिन बीमारियों के साथ ही अब लाइफस्टाइल के कारण भी बहरेपन के मामले बढ़ रहे हैं।  

अपनाएं ये घरेलू उपाय

कई घरेलू उपाय अपनाकर आप बहरेपन को कुछ हद तक ठीक कर सकते हैं। या फिर सुनने की क्षमता को बेहतर कर सकते हैं। 

1. बहरेपन को दूर करने में प्याज बहुत ही लाभकारी है। प्याज में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। कानों के सेक के लिए आप प्याज को गर्म करें, फिर इसे एक मोटे कपड़े में रखकर प्रतिदिन पांच मिनट कान का सेक करें। इससे आपको फायदा मिलेगा।  

2. कानों की क्षमता बढ़ाने में बादाम भी सहायक है। नियमित रूप से बादाम खाने से श्रवण शक्ति अच्छी होती है। इसी के साथ आप बादाम का शुद्ध तेल रोज कान में लगाएं। नियमित रूप से ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा।  

3. एपल साइडर वेगेनर सेहत के लिए कमाल की चीज है। मैग्नीशियम और जिंक से भरपूर यह सिरका शरीर को कई फायदे देता है। आप नियमित रूप से एक गिलास गर्म पानी में एक टीस्पून एपल साइडर विनेगर और एक टीस्पून शहद मिलाकर इसका सेवन करें। प्रतिदिन दिन में दो बार इसके सेवन से सुनने की क्षमता बेहतर होती है। 

4. दालचीनी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, इन्हीं में से एक है कानों की सुनने की शक्ति बढ़ाना। इसके लिए आप एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। आपको फायदा होगा।