Kid Drinking Water
Kid Drinking Water

Summary: जानिए कैसे पानी बच्चों की ग्रोथ में निभाता है अहम भूमिका

अक्सर हम बच्चों की हड्डियों के लिए कैल्शियम, दूध और विटामिन डी को ज़रूरी मानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हड्डियों की मजबूती में पानी भी उतना ही अहम है? हड्डियों में 22% तक पानी मौजूद होता है और शरीर में मिनरल्स को सही ढंग से पहुंचाने के लिए हाइड्रेशन जरूरी है।

Water and Calcium Absorption: बच्चों के शरीर में हड्डियां लगातार बनती और विकसित होती रहती हैं। इस प्रक्रिया को बोन रीमॉडलिंग कहा जाता है। इसमें नई हड्डी बनती है और पुरानी टूटती है। इस प्रक्रिया में शरीर को कैल्शियम, फॉस्फ़ोरस, विटामिन डी, मैग्नीशियम और सबसे जरूरी पानी चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आचार्य बालकृष्ण ने छोटी उम्र से ही पानी पीने के महत्व पर जोर दिया है।

Benefits of Drinking Water
Benefits of Drinking Water for Kids

बच्चों की हड्डियों का एक बड़ा हिस्सा कोलैजन और मिनरल्स के साथ साथ इंटरसेल्युलर फ्लूइड से बना होता है। यह फ्लूइड तभी संतुलित रहता है जब शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त हो। यदि बच्चा डिहाइड्रेटेड है, तो उसके शरीर में मिनरल्स को हड्डियों तक पहुंचाने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। इसका सीधा असर बोन डेंसिटी और ताकत पर पड़ता है। हड्डियां कठोर और रूखी लग सकती हैं, लेकिन वे कोशिकाओं, रक्त वाहिकाओं और पानी से भरपूर होती हैं। वास्तव में, हड्डियों के ऊतकों का लगभग 22 फीसद हिस्सा पानी होता है। सही हाइड्रेशन हड्डियों के आस-पास के कनेक्टिव टिशू की इलास्टिसिटी और मजबूती को बनाए रखने में मदद करता है और जोड़ों में कार्टिलेज को स्वस्थ रखता है।

यदि आपके बच्चे में निम्न में से कोई भी लक्षण रोजमर्रा दिख रहे हैं, तो समझिए कि शरीर अंदर से पानी की मांग कर रहा है।

  • बच्चा बार-बार थक जाता है
  • खेलने के बाद जल्दी चिढ़ने लगता है
  • त्वचा रूखी और फटी सी लगती है
  • बार-बार सिरदर्द की शिकायत
  • पेशाब का रंग गहरा पीला
Milk is Essential But Water is Also Essential
Milk is Essential But Water is Also Essential

दूध में मौजूद कैल्शियम हड्डियों के लिए अच्छा है, लेकिन अगर शरीर में पानी की कमी है तो वह कैल्शियम भी हड्डियों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाएगा। यानी दूध और कैल्शियम तभी असरदार होंगे जब शरीर में हाइड्रेशन का स्तर सही हो।  इसलिए बच्चों से सिर्फ “दूध पी लो” कहना काफी नहीं, आपको “पानी पीया क्या?” भी उतना ही दबाव डालकर पूछना चाहिए।

  1. कलरफुल पानी की बोतल दें, जिससे बच्चा बार-बार पानी पीने को आकर्षित हो।
  2. फ्रूट इनफ्यूज्ड वॉटर दें, पानी में नींबू, संतरा या खीरे के स्लाइस डालकर पीने दें।
  3. हर एक्टिविटी के बाद एक गिलास पानी रूल बनाएं, खेलने, पढ़ने या टीवी देखने के बाद।
  4. खुद मिसाल बनें। मां अगर पानी समय पर पीए, तो बच्चा भी सीखेगा।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आचार्य बालकृष्ण ने छोटी उम्र से ही पानी पीने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने लिखा, “अगर बचपन से ही शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलता है, तो हड्डियों को भी नुकसान होगा। इसलिए अपने बच्चों को हर दिन पर्याप्त पानी पिलाने की आदत शुरू से ही डालें।” बाल रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि बच्चों में हड्डियों के स्वास्थ्य को लेकर पैरेंट्स कैल्शियम पर ध्यान तो देते हैं, लेकिन हाइड्रेशन पर नहीं। जब शरीर डिहाइड्रेटेड होता है, तो मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और पोषण का अवशोषण कम। इसका सीधा असर बच्चों की ग्रोथ और हड्डियों पर पड़ता है।

स्पर्धा रानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज ने हिन्दी में एमए और वाईएमसीए से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। बीते 20 वर्षों से वे लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट लेखन में सक्रिय हैं। अपने करियर में कई प्रमुख सेलिब्रिटीज़ के इंटरव्यू...