Neem Karoli Baba Success Tips
Neem Karoli Baba Success Tips

Overview:धन-समृद्धि और कामयाबी चाहते हैं? नीम करौली बाबा की 5 बातें छोड़ना है ज़रूरी

यह कहानी नीम करोली बाबा की उन अनमोल सीखों पर आधारित है, जिनमें उन्होंने धन, सफलता और शांति पाने के लिए जीवन से पाँच बुरी आदतें छोड़ने की बात कही है। बाबा का मानना था कि आलस्य, लालच, नकारात्मक सोच, बुरी संगति और क्रोध इंसान की प्रगति रोकते हैं। अगर इन्हें त्याग दिया जाए तो जीवन में न सिर्फ धन और सफलता आती है, बल्कि मन को भी सच्ची शांति मिलती है।

Neem Karoli Baba Success Tips: हर इंसान चाहता है कि उसके जीवन में धन, सफलता और सम्मान बना रहे। लेकिन बहुत बार हम खुद की ही कुछ आदतों और सोच के कारण अपने रास्ते में रुकावट पैदा कर लेते हैं। अगर हम इन आदतों को समय रहते छोड़ दें, तो सफलता की राह आसान हो सकती है।

नीम करोली बाबा, जिन्हें लोग प्यार से महाराजजी कहते थे, 20वीं सदी के महान संतों में से एक माने जाते हैं। उनका जीवन सादगी, सेवा और भक्ति का उदाहरण था। बाबा जी ने हमेशा यही सिखाया कि इंसान को अपने भीतर की नकारात्मकताओं को छोड़कर प्रेम और विश्वास के रास्ते पर चलना चाहिए। उनके बताए छोटे-छोटे नियम आज भी करोड़ों लोगों के लिए जीवन बदलने वाले मंत्र साबित हो रहे हैं।

बाबा जी ने स्पष्ट कहा था कि अगर इंसान कुछ बुरी आदतों को त्याग दे, तो उसके जीवन में न केवल धन बल्कि सच्ची सफलता और शांति भी आ सकती है। तो आइए जानते हैं वे 5 चीजें जिन्हें तुरंत छोड़ना जरूरी है, ताकि आपके जीवन में खुशहाली और तरक्की का रास्ता खुल सके।

अहंकार छोड़े – विनम्रता ही आपकी असली दौलत

नीम करौली बाबा कहते हैं कि अहंकार यानी ‘हम सबसे बड़े हैं’ वाली सोच इंसान को अकेला कर देती है। लोग जितना अहंकार करते हैं, उतना उनका दिल छोटा बन जाता है। लेकिन जो विनम्र बनते हैं, उनके लिए रिश्तों में प्यार, मौका और सम्मान खुद ब खुद खुलने लगते हैं। इसलिए जब आप अपने अहं में थोड़ी सी दूरी बना लेते हैं, आप आम खिड़की से निकलकर बड़ी राह पर कदम रखते हैं। मिट्टी जैसा नम्र बनना ही आपको ज़मीन पर टिकाए रखता है, और वहीं से सफल उड़ान भरने का हक़दार बनाता है।

क्रोध पर नियंत्रण – शांत निर्णय, सही दिशा

Neem Karoli Baba-the ashram is a peaceful spiritual place where devotees gather to seek blessings and connect with the teachings of Neem Karoli Baba
Kainchi Dham, the well-known ashram of Neem Karoli Baba in Uttarakhand

क्रोध अक्सर तूफ़ान की तरह आता है—रास्ता बदल देता है, काम बिगाड़ देता है। बाबा ने बताया कि गुस्से में बोले गए शब्द, किए गए कर्म लम्बे वक़्त तक पछताव का कारण बनते हैं। लेकिन अगर आप एक गहरी साँस लेकर शांत हो जाते हैं, आप न सिर्फ अपने मन को सुकून देते हैं, बल्कि बेहतर सोच, बेहतर फ़ैसले बनाने का अवसर भी पा लेते हैं। शांत दिमाग से ही हम समझदारी से काम ले पाते हैं । इससे पैसा और कामयाबी दोनों आपके करीब आते हैं।

लालच से दूरी – संतोषधन ही श्रेष्ठ

लालच, यानी हमेशा ‘और चाहना’, इंसान को थकाकर मतलब से बाहर ले जाता है। बाबा ने कहा कि जरूरत से ज़्यादा पाने की चाह अंदर का संतुलन बिगाड़ देती है। लेकिन जो शांति से अपनी ज़रूरतों में संतुष्ट रहते हैं, उनमें सुकून, ऊर्जा और असली खुशी रहती है। जब आप लालच को छोड़कर संतुष्टि को गले लगाते हैं, तो आपकी मेहनत का फल जल्द समझ में आता है—भ्रष्टाचार नहीं, सम्मान मिलता है; भय नहीं, आत्मविश्वास मिलता है।

ईर्ष्या का त्याग – अपनी राह पर फोकस दें

दूसरों की सफलता देखकर जलना आपको खुद से दूर कर देता है। बाबा ने समझाया कि इस जलन से नजर दूसरों पर रह जाती है और आप अपनी मंज़िल खो देते हैं। लेकिन जैसे ही आप ईर्ष्या को छोड़कर खुद की राह पर ध्यान देते हैं, आपकी मेहनत आपकी पहचान बनती है, और कामयाबी आपकी अपनी कहानी बनकर सामने आती है। ईर्ष्या को छोड़ो, अपनी कहानी खुद लिखो—कम्युनिटी, रिश्ते, और समृद्धि सब बढ़ते जाते हैं।

सकारात्मक सोच बने आपका साथी

निराशा, डर, बुरी बातें—ये नकारात्मकता की हावी होती वजहें हैं। नीम करौली बाबा कहते थे कि जब तक आप अंदर से निराश और नकारात्मक रहोगे, कुछ भी अच्छा आपके पास टिकेगा नहीं। लेकिन सकारात्मक सोच तुम में खुशियाँ भर देती है और मन की शक्ति बढ़ाती है। दुनिया में जब रिमोट कंट्रोल खुद आपके हाथों में हो, तो आप अपने हर कदम को आसान बना सकते हैं।

जब आप अहंकार, क्रोध, लालच, ईर्ष्या और नकारात्मकता जैसी पाँच आदतों को त्याग देते हैं—तो अंदर से मजबूती, शांति और जीत की राह खुल जाती है। बाबा ने यही सिखाया—खुशियों और समृद्धि की मंज़िल भी असल में आपके भीतर छुपी हुई है।

मेरा नाम दिव्या गोयल है। मैंने अर्थशास्त्र (Economics) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से हूं। लेखन मेरे लिए सिर्फ एक अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज से संवाद का एक ज़रिया है।मुझे महिला सशक्तिकरण, पारिवारिक...