जब घूमती नज़र आये दुनिया तो ना करें नज़रअंदाज़,वर्टिगो हो सकता है इसका कारण।
वर्टिगो एक ऐसी स्तिथि है जिसमे रोगी को अचानक से बहुत साड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।इसकी तुलना अक्सर मोशन सिकनेस से भी की जाती है।देखा जाए तो वर्टिगो एक तरह से काफी गंभीर बीमारी है।कई बार रोगी को खड़े खड़े ये एहसास होता है वो गिरने वाला है और इसी वजह से वो लड़खड़ा कर अपना संतुलन खो बैठता है।ऐसी स्तिथि में उसे चोट लगने का डर रहता है।समय रहते इसका इलाज करना बहुत जरुरी है।
Vertigo Symptoms: अचानक से सर घूमना, चक्कर आना या बहुत पसीना आने पर हम अक्सर इसे थकान का नतीजा समझने लगते हैं। बहुत बार हमारा ये अंदाजा सही भी होता है पर बार बार ऐसा होने पर हमें सतर्क हो जाना चाहिए। वर्टिगो की समस्या से पीड़ित होने पर भी ये सारे लक्षण महसूस किये जाते हैं। आइये जानते हैं क्या है वर्टिगो। अचानक चक्कर आने जैसा महसूस होना, ऐसा लगना जैसे आपके आस पास की सारी चीज़ें तेज़ी से घूम रहीं हैं, ऐसे में मरीज को लगने लगता है अब वो चक्कर खा कर गिर पड़ेगा। बहुत से लोग चक्कर आने के साथ साथ सिरदर्द की शिकायत भी करते हैं। जब कभी हम गहरी नींद से अचानक उठ जाते हैं तब भी हमें वर्टिगो का सामना करना पड़ सकता है। तेज सिरदर्द होने की वज़ह से उल्टी आने जैसा महसूस होता है ।ये एक तरह से काफी गंभीर बीमारी है। एक जगह पर स्थिर बैठे व्यक्ति को भी वर्टिगो का अटैक आने पर ऐसा महसूस होने लगता है जैसे वो तेज़ी से घूम या चल रहा हो।
Also read: गठिया के दर्द को बढ़ा सकती हैं ये चीजें, आज से बना लें दूरी
वर्टिगो अटैक की वज़ह

अगर हम ये कहें ये समस्या कान के अंदर के हिस्से में होने वाली परेशानियों की वज़ह से होती है तो शायद इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होगा।लेकिन ये पूरी तरह से सच है वर्टिगो कान की समस्या से पीड़ित मरीजों को होने की संभावना ज़्यादा रहती है।ये एक तरह का बैलेंस डिसऑर्डर है।आजकल की जीवनशैली में लोगों को ये बीमारी अधिक होने लगी है।बेशक ये बीमारी थोड़ी खतरनाक है पर एक सच ये भी है इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव ला कर आप वर्टिगो से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।
वर्टिगो के कुछ खास कारण
मेनियार्स

इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को लगातार कान में कुछ बजने जैसा महसूस होता है।कानों में किसी तरह का संक्रमण,कम सुनाई देना या वंशानुगत बीमारी भी इसकी वज़ह है।
कोलेस्टीटोमा

इस रोग में कान के बीच वाले हिस्से में या फिर कान के परदे के पीछे त्वचा बढ़ने लगती है।कान में कई तरह के संक्रमण होना या बहुत लम्बे समय तक संक्रमण बने रहना इसकी सबसे बड़ी वज़ह है।
अकॉस्टिक न्यूरोमा
ये एक तरह का बिना कैंसर वाला ट्यूमर है।ये कान के अंदरूनी हिस्से से दिमाग तक जाने वाली नस पर तेजी से विकसित होता है।
माइग्रेन
माइग्रेन की समस्या भी वर्टिगो का कारण है। इसे वेस्टिबुलर माइग्रेन के नाम से जाना जाता है।

तनाव
तनाव किसी भी तरह की बीमारी को हवा देने का काम करता है।ज़्यादा तनाव लेने पर सिरदर्द,घबराहट,उल्टी जैसी समस्या होने लगती है।
प्रेग्नेंसी
प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं जिनकी वजह से उन्हें अलग अलग तरह की समस्या का सामन करना पड़ता है।इनमें सबसे आम है होर्मोनेस में परिवर्तन होना,नसों में दबाव,मधुमेह।इसी वजह से अक्सर प्रेग्नेंसी में भी महिलाओं वर्टिगो की समस्या से जूझती नज़र आती हैं।
संक्रमण भी वर्टिगो का एक मुख्य कारण है।
कई बार दवाइयों की एलर्जी या साइड इफ़ेक्ट भी वर्टिगो को बढ़ावा देता है।
गर्दन या सिर पर चोट भी सिरदर्द और वर्टिगो का कारण है।
कान के मध्य भाग या अंदरूनी हिस्से में किसी तरह का संक्रमण होना या कोई तरल पदार्थ जमा हो जाने पर भी वर्टिगो का सामना करना पड़ता है।
वर्टिगो के लक्षण
शरीर में संतुलन ना बन पाना।
कानों में कुछ बजता हुआ सुनाई देना।
बहुत ज्यादा पसीना आना।
उल्टी आना या घबराहट होना।
ठीक से ना सुनाई देना।
आसपास सब कुछ घूमता या हिलता हुआ सा दिखाई देना।
अचानक से चक्कर आना।
भोजन निगलने में समस्या होना।
हकलाना या बोलने में तकलीफ होना।
चेहरे का पैरालाइसिस।
हर समय थकान महसूस होना।
वेस्टिबुलर माइग्रेन।
धुंधला दिखाई देना।
आँखों को नियंत्रित रखने में परेशानी होना।
वर्टिगो के घरेलू इलाज

चक्कर आना,सिर घूमना या उल्टी आने जैसा महसूस होना इस तरह के सामान्य लक्षणों के लिए आप घरेलु इलाज का सहारा भी ले सकते हैं।ये काफी हद तक आपको आराम पहुचाएंगे।इन घरेलु उपायों के साथ किसी अच्छे चिकित्सक से अपना इलाज जरूर करवाएं।समय रहते वर्टिगो को पहचाने और अपने शरीर को स्वस्थ रखें।
अदरक का तेल
अदरक के तेल की दो से तीन बूँद अपने कानों के पीछे लगा कर बहुत ही हल्के हाथों से क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज मसाज करें।चाहें तो इसे अपने तलवों पर भी लगाएं।इस तरह आपको काफी आराम आएगा और उल्टी, सिरदर्द, जी मचलाने जैसी परेशानी से काफी राहत मिलेगी।
बॉडी हाइड्रेट रखें
समय समय पर तरल पदार्थ का सेवन करते रहें।नारियल पानी,जूस,नीम्बू पानी,सादा पानी,सूप,रसम आदि का सेवन शरीर के लिए काफी फायदेमंद है।कई बार हम काफी समय तक किसी तरह का तरल पदार्थ नहीं लेते हैं जिस से ब्लड प्रेशर लो होने लगता है और हमें चक्कर आने लगता है साथ में धुंधला भी दिखाई देने लगता है।इस तरह की समस्या से बचने के लिए अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
विटामिन डी का रखें ख्याल और लें भरपूर नींद
थकान की मुख्य वजह अक्सर चिंता, नींद की कमी या कोई बीमारी मानी जाती है।साथ ही विटामिन डी की कमी भी वर्टिगो के लक्षणों को बढ़ावा देती है।
वर्टिगो में कुछ इस तरह रखें आहार का ख्याल
कोशिश करें कार्बोहायड्रेट और फैट वाला खाना कम खाएं।फाइबर युक्त भोजन का ज़्यादा सेवन करें।अपने रोज के खाने में उबले हुए आलू,पालक,गाजर,मशरूम आदि को शामिल करें।फलों में केला,नाशपाती,सेब,आड़ू ये सभी वर्टिगो के असर को कम करने में मदद करते हैं।विटामिन बी 12 की कमी होने से कानों के संक्रमण की शिकायत होने लगती है और इसी संक्रमण से वर्टिगो को बढ़ावा मिलता है।विटामिन बी 12 का संतुलन बनाये रखने के लिए केला,दूध,राजमा आदि को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करें।मदिरा और कैफीन आदि का सेवन ना करें।नमक का कम से कम इस्तेमाल करें।
वर्टिगो की समस्या से राहत पाने के लिए हर दिन थोड़ा समय निकाल कर इन योगासनों का अभ्यास करें।
पश्चिमोत्तानासन, उष्ट्रासन, हलासन।ये सभी आसन वर्टिगो की परेशानी से आपको आराम देंगे।
